यूजीसी ने छात्रों की सुविधा के लिए बनाई नई व्यवस्था ,फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची होगी प्रदर्शित
विश्वविद्यालय के साथ राष्ट्रीय महत्व के संस्थान व स्वायत्त कालेजों की भी मिलेगी जानकारी
नई दिल्ली।छात्रों और अभिभावकों को अब देश के सभी 1074 विश्वविद्यालयों से जुड़ी जानकारियां एक क्लिक पर मिलेंगी। उच्च शिक्षण संस्थान अब दाखिले के नाम पर छात्रों और अभिभावकों को गलत जानकारी देकर भ्रमित नहीं कर पाएंगे। विश्वविद्यालयों से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए छात्रों को अब भटकना नहीं होगा।
उन्हें एक क्लिक पर एक ही जगह उससे संबंधित सारी जानकारी मिलेगी। उच्च शिक्षण संस्थानों में दाखिला शुरु होने से पहले विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( UGC ) ने छात्रों की सुविधा के लिए एक नई व्यवस्था बनाई है। जिसमें कोई भी छात्र यूजीसी की वेबसाइट पर जाकर यह जानकारी हासिल कर सकता है।
छात्रों की सुविधा के मकसद से विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत अपनी वेबसाइट को दोबारा डिजाइन किया है। यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने सोमवार को स्टूडेंट फ्रेंडली वेबसाइट को लांच किया। इसमें सभी विश्वविद्यालय, विश्वविद्यालयों के वर्ग, उनकी स्थापना, मान्यता, दाखिला, कोर्स, पाठ्यक्रम आदि की सभी जानकारी मिलेगी।
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की सिफारिशों और छात्रों और अभिभावकों की दिक्कतों को दूर करने के मकसद से यूजीसी वेबसाइट को दोबारा तैयार किया गया है। वेबसाइट खोलते ही कोई भी छात्र और अभिभावक को आसानी से विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों की जानकारी मिल जाया करेगी। दाखिले से पहले छात्र और अभिभावक विश्वविद्यालयों से जुड़ी सभी जानकारियां प्राप्त कर सकेंगे। विश्वविद्यालय दाखिले के नाम पर छात्रों और अभिभावकों को गलत जानकारियों को लेकर भ्रमित नहीं कर पाएंगे। विश्वविद्यालयों की बाकायदा निगरानी भी की जाएगी।
अभी छात्रों को इससे जुड़ी जानकारी के लिए सभी की अलग-अलग वेबसाइट सर्च करनी पड़ती थी। यूजीसी ने हाल ही में अपनी वेबसाइट को नया स्वरूप दिया है। जिसमें छात्रों से जुड़ी जानकारियों को विशेष जगह दी है। खासकर सभी केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य, निजी और डीम्ड विश्वविद्यालय के साथ राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों और स्वायत्त कालेजों से जुड़ी जानकारी को प्रमुखता से रखा है।
देश में मौजूदा समय में इन संस्थानों की संख्या दो हजार से अधिक है। इनमें अकेले करीब 11 सौ विश्वविद्यालय ही है। यूजीसी का मानना है कि इससे छात्रों के साथ दाखिले के दौरान किसी भी तरह का धोखाधड़ी को रोका जा सकेगा। अभी विश्वविद्यालयों या शैक्षणिक संस्थानों से मिलते जुलते नाम वाली ढेरों वेबसाइट प्रचलित है। ऐसे में सही जानकारी न होने के चलते छात्र इनके जाल में फंस जाते है। इसके साथ ही यूजीसी ने अपनी नई वेबसाइट पर फर्जी विश्वविद्यालयों की एक अलग सूची तैयार कराई है ताकि छात्र इससे बच सके। मौजूदा समय में फर्जी विश्वविद्यालयों की सूची में 21 नाम शामिल है।
यूजीसी के मुताबिक छात्रों को यह सुविधा मुहैया कराने का फैसला पिछले कुछ सालों में उनकी कठिनाईयों को देखने और समझने के बाद लिया है। वैसे भी अब जब सारा कुछ आनलाइन हो गया है। ऐसे में छात्रों को दाखिले या संस्थानों से जुड़ी सारी जानकारी एक ही जगह पर मिल जाना उनके लिए बड़ी सुविधा है। विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए आयोजित की जा रही संयुक्त प्रवेश परीक्षा ( सीयूईटी ) भी इस दिशा में एक बड़ी पहल है।
इससे पहले छात्रों को विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए अलग-अलग विश्वविद्यालयों में आवेदन करने होते थे। इसमें उनके समय और धन दोनों ही बर्बादी होती थी। जबकि इस व्यवस्था से छात्रों को एक बार ही आवेदन करना होता है और उसके आधार पर वह किसी भी विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने के लिए पात्र होते है।
देश में 21 फर्जी विश्वविद्यालय
देश में कुल 21 फर्जी विश्वविद्यालय हैं। इसमें सबसे अधिक देश की राजधानी में आठ विश्वविद्यालय फर्जी हैं। इसके बाद उत्तर प्रदेश में आठ फर्जी विश्वविद्यालय हैं। जबकि दो पश्चिम बंगाल,एक पुदुचेरी, दो ओड़िशा,एक महाराष्ट्र, एक केरल, एक कर्नाटक और दो आंध्र प्रदेश में हैं।
प्रोफेसर कुमार ने बताया कि एनईपी 2020 के तहत 10 प्रमुख क्षेत्रों डिजिटल लर्निंग, उद्योग संस्थान गठजोड़, अकादमिक शोध, अंतरराष्ट्रीयकरण, भारतीय ज्ञान परंपरा आदि से संबंधित सुझावों के अनुपालन की प्रगति और प्रयासों से जुड़ी जानकारियां व सुझाव के लिए ‘उत्साह पोर्टल’ (अंडरटेकिंग ट्रांसफॉरमेटिव स्ट्रेटेजी एंड एक्शन इन हायर एजुकेशन) शुरू किया गया है। पोर्टल को तैयार करने में आईआईटी, एनआईटी, आईआईएसईआर समेत कई दिग्गज संस्थानों ने मदद और राय दी है।
स्कॉलरशिप की जानकारी
यूजीसी वेबसाइट को राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की जरूरत के अनुरूप नये तरीके से तैयार किया गया है। डिजिटल माध्यम से उच्च शिक्षा से जुड़ी जानकारियां और योजनाओं को छात्र और अभिभावक आसानी से समझ सकते हैं। नयी वेबसाइट को विश्वविद्यालयों, कालेजों, प्रोफेसर और छात्रों की सुविधा के हिसाब से तैयार किया गया है, ताकि उन्हें जरूरत के आधार पर जानकारी मिल सके। यहां पर कोर्स, डिजिटल लर्निंग आउटकम और रिजल्ट की जानकारी भी मिलेगी। गुणवत्ता युक्त उच्च शिक्षा, विश्वविद्यालय और कॉलेजों में बदलाव ,कौशल विकास, इंटर्नशिप, स्टार्टअप, स्कॉलरशिप, विनियमन, दिशानिर्देश, प्लेसमेंट, विदेशी विवि आदि की अलग-अलग जानकारियां भी मिलेगी।
‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ पोर्टल शुरू
उच्च शिक्षण संस्थानों में 10% पदों पर प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस से पेशेवर विशेषज्ञों को नियुक्ति होगी। किसी भी आयु वर्ग और डिग्री के बिना अपने-अपने क्षेत्रों के दिग्गज यहां प्रोफेसर के रूप में सेवाएं दे सकेंगे। विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि छात्रों को उन विषयों का बेहतर ज्ञान और अनुभव प्राप्त हो। इसके लिए ‘प्रोफेसर ऑफ प्रैक्टिस’ पोर्टल लांच किया गया है।