सस्पेंशन ब्रिज हादसे में प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक सहित 9 आरोपी गिरफ्तार

<>मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने गुनहगारों की धर-पकड़ तेज कर दी है। 141 लोगों की मौत के एक दिन बाद, पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के अधिकारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है। इससे पहले यह खबर आई थी कि इस हादसे के बाद पुलिस ने सोमवार को 9 लोगों को हिरासत में लिया था। इन सभी लोगों से इस हादसे को लेकर पूछताछ की गई थी। अब यह खबर सामने आ रही है कि पूछताछ के बाद पुलिस ने इन सभी 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले जिन 9 लोगों को हिरासत में लिये जाने की खबर सामने आई थी उनमें पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं। इसके अलावा पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से भी पूछताछ की बात सामने आई थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गए आरोपियों में ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं। आईजी अशोक यादव का कहना है कि सभी आरोपियों की कोविड जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि वे ओरेवा के मध्य स्तर के कर्मचारी हैं।<>

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अहमदाबाद। मोरबी में हुए दर्दनाक हादसे के बाद पुलिस ने गुनहगारों की धर-पकड़ तेज कर दी है। 141 लोगों की मौत के एक दिन बाद, पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी ओरेवा के अधिकारियों सहित 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारी की पुष्टि राजकोट रेंज के आईजी अशोक यादव ने की है। इससे पहले यह खबर आई थी कि इस हादसे के बाद पुलिस ने सोमवार को 9 लोगों को हिरासत में लिया था। इन सभी लोगों से इस हादसे को लेकर पूछताछ की गई थी। अब यह खबर सामने आ रही है कि पूछताछ के बाद पुलिस ने इन सभी 9 लोगों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले जिन 9 लोगों को हिरासत में लिये जाने की खबर सामने आई थी उनमें पुल के प्रबंधक और रखरखाव पर्यवेक्षक शामिल हैं। इसके अलावा पुल के प्रबंधन से जुड़े तमाम लोगों से भी पूछताछ की बात सामने आई थी।

कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में बताया जा रहा है कि गिरफ्तार किये गए आरोपियों में ओरेवा कंपनी के 2 मैनेजर, 2 टिकट क्लर्क, 3 सिक्योरिटी गार्ड और 2 रिपेयरिंग कांट्रेक्टर शामिल हैं। आईजी अशोक यादव का कहना है कि सभी आरोपियों की कोविड जांच के बाद गिरफ्तार किया गया है। सूत्रों का कहना है कि वे ओरेवा के मध्य स्तर के कर्मचारी हैं। जानकारी यह भी है कि कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी पुल त्रासदी के बाद से लापता हैं।

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रविवार शाम ब्रिटिशकालीन सस्पेंशन ब्रिज के धाराशायी होने के बाद कई तरह की बातें सामने आ रही हैं। यह पुल पिछले कुछ महीनों से बंद था। कुछ दिन पहले ही इसकी मरम्मत की गई थी। हादसे से महज 5-7 दिन पहले ही यह ब्रिज आम लोगों के लिए खोला गया। आखिर मरम्मत के बाद यह पुल इतनी जल्दी कैस टूट गया ? यह भी कहा जा रहा है कि इस पुल पर 100-150 लोगों के आने की क्षमता है लेकिन इसपर रविवार को 400-500 लोग पहुंचे थे। आखिर किसने इतने लोगों को इस पुल पर आने की इजाजत दी है। जानकारी के अनुसार यह  ब्रिज लोगों के भारी दबाब के कारण टूटा है। इस बात की जानकारी फॉरेंस‍िक सूत्रों ने दी है।  इस मामले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। SIT इस मामले में अपनी जांच भी शुरू कर चुकी है। ऐसी आशंका है कि अभी इस मामले में कई अन्य गिरफ्तारियां हो सकती हैं।

एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में FIR

पुलिस ने गुजरात के मोरबी शहर में केबल पुल के रखरखाव और संचालन का काम देखने वाली एजेंसियों के खिलाफ गैर इरादतन हत्या के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। मच्छु नदी पर केबल पुल रविवार को टूट गया था। इस हादसे में करीब 134 लोगों की मौत हो गई थी। मोरबी नगर पालिका के मुख्य अधिकारी संदीपसिंह जाला ने रविवार को संवाददाताओं से कहा कि शहर में घड़ियां और ई-बाइक निर्माता ओरेवा समूह को पुल के नवीनीकरण और संचालन का ठेका दिया गया था।

‘बी’ डिवीजन के पुलिस निरीक्षक प्रकाश देकीवाडिया द्वारा दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि मोरबी शहर में मच्छु नदी पर बना पुल लगभग आठ महीने से उपयोग में नहीं था क्योंकि स्थानीय प्रशासन ने इसके रखरखाव के लिए एक ‘निजी एजेंसी’ को काम सौंपा था। प्राथमिकी में कहा गया कि रखरखाव का काम पूरा होने के बाद एजेंसी ने 26 अक्टूबर को पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया। यह पुल रविवार को शाम करीब साढ़े छह बजे ढह गया जिससे नदी में गिरने के कारण कई लोगों की मौत हो गई।

प्राथमिकी के अनुसार यह घटना एजेंसी के लोगों के संवेदनहीन रवैये के कारण हुई। इसमें कहा गया है कि संबंधित व्यक्तियों या एजेंसियों ने पुल के रखरखाव की गुणवत्ता के साथ-साथ मरम्मत कार्य पर भी ध्यान नहीं दिया। प्राथमिकी में कहा गया है कि एजेंसी ने यह जानते हुए भी कि पुल को आम लोगों के लिए खोल दिया कि मरम्मत और प्रबंधन में उसके संवेदनहीन रुख के कारण लोगों की जान जा सकती है।

प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि अंग्रेज़ों के समय का यह ‘‘हैंगिंग ब्रिज” जिस समय टूटा, उस समय उस पर कई महिलाएं और बच्चे मौजूद थे। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि रविवार को कुछ लोगों को पुल पर कूदते और उसके बड़े तारों को खींचते हुए देखा गया। उन्होंने कहा कि हो सकता है कि पुल उस पर ‘‘लोगों की भारी भीड़” के कारण टूट कर गिर गया हो।  झूला पुल टूटने से मच्छू नदी में गिरने से अब तक 134 लोगों की मौत हो चुकी है तथा अन्य कई लोग घायल हुए हैं। मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है। अभी भी नदी में लोगों की तलाश की जा रही है।

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