लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को पूर्ण बहुमत दिलाने वाले योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा समेत तमाम केंद्रीय मंत्री और कई राज्यों के मुख्यमंत्री योगी और उनके कैबिनेट मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह के द्रष्टा बने।
लखनऊ के शहीद पथ के निकट स्थित ‘भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम’ में आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने 49 वर्षीय योगी आदित्यनाथ को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई। गौरतलब है कि केन्द्रीय पर्यवेक्षकों अमित शाह और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास की उपस्थिति में लोकभवन में योगी को सर्वसम्मति से उत्तर प्रदेश विधायक दल का नेता चुना गया। जिसके बाद भाजपा ने योगी के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश किया।
गोरखपुर से पांच बार सांसद रहे योगी आदित्यनाथ ने 2017 में पहली बार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी और पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद 2022 के विधानसभा चुनावों में फिर से पार्टी को पूर्ण बहुमत से जीत दिलाने में सफल रहे हैं। मार्च में संपन्न 403 सदस्यीय उत्तर प्रदेश विधानसभा के चुनाव में भाजपा और उसके सहयोगी दलों को कुल 273 सीटों पर जीत मिली है।
मिशन 2024 की रणनीति
योगी आदित्यनाथ के मंत्रिमंडल में इस बार ओबीसी और दलितों का अच्छा खासा प्रतिनिधित्व दिखा। इसे बीजेपी के मिशन 2024 की छाप माना जा रहा है, जिसमें पिछड़ा वर्ग और एससी-एसटी वर्ग को कैबिनेट में बड़ी संख्या में जगह दी गई है, जिनका यूपी में वोट प्रतिशत 50 फीसदी से ज्यादा है। सिराथू सीट से हार के बावजूद केशव प्रसाद मौर्य को दोबारा डिप्टी सीएम बनाया गया, वहीं कुर्मी नेता स्वतंत्र देव सिंह प्रदेश अध्यक्ष के साथ वरिष्ठ मंत्री के तौर पर कैबिनेट में शामिल हुए हैं। हालांकि यह कहा जा रहा था कि योगी आदित्यनाथ उन्हें मंत्रिमंडल में उप मुख्यमंत्री के तौर पर लेना चाहते थे।
इसके अलावा राकेश राठौड़, जेपी राठौड़, सरिता भदौरिया, गिरीश यादव (जौनपुर सदर) , जसवंत सैनी भी ऐसे मंत्री हैं, जो पिछड़ा वर्ग से आते हैं। नरेंद्र कश्यप और धर्मवीर प्रजापति का भी नाम प्रमुख है। भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र कश्यप को भी राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया है। कश्यप कभी बीएसपी सुप्रीमो मायावती के बेहद करीबी रहे थे औऱ बाद में बीजेपी में शामिल हो गए।
इसके अलावा सहयोगी दलों से पिछड़े वर्ग के नुमाइंदगी योगी कैबिनेट में देखने को मिली है। अपना दल सोनेलाल से आशीष पटेल को मंत्री पद मिला है, वो केंद्रीय अनुप्रिया पटेल के पति हैं। अपना दल ने 12 सीटें जीती हैं। वहीं निषाद पार्टी से संजय निषाद को मंत्री बनाया गया है। वो भी पिछड़ा वर्ग से आते हैं और उनकी पार्टी ने छह सीटें जीती हैं। दिनेश खटीक, संजीव गोंड, अजीत पाल, जसवंत सैनी, रामकेश निषाद, मनोहर लाल मन्नू कोरी, संजय गंगवार, अनूप प्रधान वाल्मीकि भी ऐसे ही कुछ चेहरे हैं, जो मिशन 2024 की रणनीति को देखकर चुने गए हैं।
बेबी रानी मौर्या दलित वर्ग से बड़ा नाम है, जिन्हें मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। इसके अलावा अनूप बाल्मीकि और विजय लक्ष्मी गौतम भी दलित वर्ग का प्रतिनिधित्व करती हैं। असीम अरुण भी जाटव समाज से आते हैं, जो अब तक मायावती का कोर वोटर माना जाता रहा है. कानपुर देहात की भेगनीपुर सीट से विधायक राकेश सचान को भी मंत्री बनाया गया है, जो कुर्मी समाज से आते हैं। यूपी सरकार में पहले भी राज्य मंत्री रहीं हैं। अनुसूचित जाति समाज से आने वाले गुलाब देवी ने चंदौसी सीट से तीसरी बार जीत दर्ज की है। सीतापुर से मंत्री सुरेश राही को मंत्री बनाया गया है, वो एससी समुदाय से आते हैं।
दो पूर्व अफसरों को मिली जगह
1. असीम अरुण थे कानपुर के पुलिस आय़ुक्त
यूपी सरकार में जाटव समाज से आने वाले असीम अरुण को जगह दी गई है। असीम अरुण कानपुर के पूर्व पुलिस आयुक्त रहे हैं। विधान सभा चुनाव के ठीक पूर्व वीआरएस लेकर बीजेपी में आए थे। उनके पिता श्रीराम अरुण यूपी के डीजीपी रहे।
2. एके शर्मा पूर्व आईएएस अधिकारी हैं, जिन्होंने लंबे समय तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ काम किया है। एके शर्मा अभी विधानपरिषद सदस्य हैं। वर्ष 2021 में बीजेपी में शामिल किए गए एके शर्मा को उत्तर प्रदेश शाखा में उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।
बीजेपी सरकार में 5 महिलाओं को मंत्री बनाया गया है। उनके अलावा अनुसूचित जाति से ताल्लुक ऱखने वाली गुलाब देवी को मंत्रिमंडल में जगह मिली है। अकबरपुर रनिया सीट से जीतीं प्रतिभा शुक्ला को भी राज्य मंत्री बनाया गया है। इसके अलावा रजनी तिवारी और विजय लक्ष्मी गौतम भी मंत्री बनी हैं।