CM कर्नाटक के नाम का 24 से 48 घंटों में करेंगे ऐलान- सुरजेवाला

बेंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत (135 सीटें) तो पा लिया, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस चार दिन से बरकरार है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया को सीएम बनाना चाहता है। आलाकमान ने डीके शिवकुमार के सामने 2 प्रस्ताव रखे थे। अब खबर आई है कि वो किसी पर भी सहमत नहीं हैं। फिलहाल बेंगलुरु में चल रहीं शपथ ग्रहण की तैयारियां रोक दी गई हैं। कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया भाजपा द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब तक मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बातचीत चल रही है। अफवाहों पर विश्वास न किया जाए। उन्होंने कहा कि नए सीएम को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच मंथन चल रहा है और एक या दो दिन के अंदर इसी घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार सीएम पद से कम पर मानने को तैयार नहीं। उन्होंने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि वह डिप्टी सीएम या फिर कोई मंत्री पद स्वीकार नहीं करेंगे और इस मसले के हल होने तक दिल्ली में डटे रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी ने बुधवार को दिल्ली में डीके शिवकुमार के साथ मीटिंग की। इसके बाद खरगे ने शिवकुमार को दो प्रस्ताव दिए। सूत्रों ने बताया कि दो घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। क्योंकि मुख्यमंत्री पद के दावेदार डीके शिवकुमार ने आलाकमान के दोनों ऑफर ठुकरा दिए हैं। पहला ऑफर: सूत्रों ने कहा कि शिवकुमार को पहला ऑफर दिया गया कि सिद्धारमैया के सीएम बनने पर पर एकमात्र डिप्टी सीएम होंगे। इसके साथ ही वह कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश कमिटी के चीफ बने रहेंगे। आलाकमान ने इसके साथ ही डीके शिवकुमार को उनकी पसंद के छह मंत्रालयों की भी पेशकश की थी। इस ऑफर से पार्टी ने कर्नाटक के सस्पेंस को खत्म करने का संकेत दिया। लेकिन, इसमें भी पेंच फंस गया। क्योंकि पार्टी में 'एक व्यक्ति एक पद' का नियम राहुल गांधी की ओर से लागू किया गया था। इसी नियम के कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। क्योंकि वह CM पद नहीं छोड़ना चाहते थे। दूसरा ऑफर: कांग्रेस ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच सत्ता के बंटवारे का ऑफर भी दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत सिद्धारमैया को दो साल के लिए सीएम पद मिलेगा। अगले तीन साल के लिए डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ये ऑफर दोनों नेताओं को मंजूर नहीं था। सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार पिछले चार सालों में किए गए अपने कामों का हवाला देते हुए सीएम पद पर अड़े हुए हैं। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक मुख्यमंत्री को लेकर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसकी घोषणा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे। घोषणा जब तक नहीं होती है, तब तक मुख्यमंत्री के नाम पर चल रही खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो जाएगी। मुख्यमंत्री के नाम पर पार्टी में लगातार आलाकमान की निगरानी में चर्चा जारी है। इससे पहले शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि सीएम नहीं बनाए जाने पर भी वो किसी तरह की बगावत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "पार्टी चाहे तो मुझे जिम्मेदारी दे सकती है। मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता। वे मुझे पसंद करें या नहीं, मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मैं पीठ में छुरा नहीं घोंपूंगा और मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा।" सीएम पद के लिए किसी नाम पर विचार नहीं इस बीच, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर ने वस्तुत: अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देता है तो वह इसे संभालने के लिए तैयार हैं। हालांकि सूत्रों ने यह भी साफ किया कि पार्टी आलाकमान इस पद के लिए किसी तीसरे नाम पर विचार नहीं कर रहा। बता दें कि राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।

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-डीके शिवकुमार को मनाने के लिए कांग्रेस ने दिए 2 ऑफर, किसी पर भी नहीं हुए राज़ी

– “पार्टी चाहे तो मुझे जिम्मेदारी दे सकती है। मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता। वे मुझे पसंद करें या नहीं, मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मैं पीठ में छुरा नहीं घोंपूंगा और मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा।”-डीके शिवकुमार

बेंगलुरु/नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने प्रचंड बहुमत (135 सीटें) तो पा लिया, लेकिन मुख्यमंत्री को लेकर सस्पेंस चार दिन से बरकरार है। सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस आलाकमान सिद्धारमैया  को सीएम बनाना चाहता है। आलाकमान ने डीके शिवकुमार के सामने 2 प्रस्ताव रखे थे।  अब खबर आई है कि वो किसी पर भी सहमत नहीं हैं। फिलहाल बेंगलुरु में चल रहीं शपथ ग्रहण की तैयारियां रोक दी गई हैं।

कांग्रेस महासचिव और कर्नाटक प्रभारी रणदीप सुरजेवाला ने दावा किया भाजपा द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान देने की जरूरत नहीं है, क्योंकि अब तक मुख्यमंत्री को लेकर कोई फैसला नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। बातचीत चल रही है। अफवाहों पर विश्वास न किया जाए। उन्होंने कहा कि नए सीएम को पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के बीच मंथन चल रहा है और एक या दो दिन के अंदर इसी घोषणा कर दी जाएगी। लेकिन प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार सीएम पद से कम पर मानने को तैयार नहीं। उन्होंने एक बार फिर से साफ कर दिया है कि वह डिप्टी सीएम या फिर कोई मंत्री पद स्वीकार नहीं करेंगे और इस मसले के हल होने तक दिल्ली में डटे रहेंगे।

सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी  ने बुधवार को दिल्ली में डीके शिवकुमार के साथ मीटिंग की। इसके बाद खरगे ने शिवकुमार को दो प्रस्ताव दिए। सूत्रों ने बताया कि दो घंटे तक चली बैठक बेनतीजा रही। क्योंकि मुख्यमंत्री पद के दावेदार डीके शिवकुमार ने आलाकमान के दोनों ऑफर ठुकरा दिए हैं।

पहला ऑफर: सूत्रों ने कहा कि शिवकुमार को पहला ऑफर दिया गया कि सिद्धारमैया के सीएम बनने पर पर एकमात्र डिप्टी सीएम होंगे।  इसके साथ ही वह कर्नाटक कांग्रेस प्रदेश कमिटी के चीफ बने रहेंगे। आलाकमान ने इसके साथ ही डीके शिवकुमार को उनकी पसंद के छह मंत्रालयों की भी पेशकश की थी।

इस ऑफर से पार्टी ने कर्नाटक के सस्पेंस को खत्म करने का संकेत दिया। लेकिन, इसमें भी पेंच फंस गया। क्योंकि पार्टी में ‘एक व्यक्ति एक पद’ का नियम राहुल गांधी की ओर से लागू किया गया था। इसी नियम के कारण राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया था। क्योंकि वह CM पद नहीं छोड़ना चाहते थे।

दूसरा ऑफर: कांग्रेस ने डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच सत्ता के बंटवारे का ऑफर भी दिया है। सूत्रों के मुताबिक, इसके तहत सिद्धारमैया को दो साल के लिए सीएम पद मिलेगा। अगले तीन साल के लिए डीके शिवकुमार को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक, ये ऑफर दोनों नेताओं को मंजूर नहीं था। सूत्रों के मुताबिक, डीके शिवकुमार पिछले चार सालों में किए गए अपने कामों का हवाला देते हुए सीएम पद पर अड़े हुए हैं।

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है कि कर्नाटक मुख्यमंत्री को लेकर जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसकी घोषणा कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे करेंगे। घोषणा जब तक नहीं होती है, तब तक मुख्यमंत्री के नाम पर चल रही खबरों और अफवाहों पर ध्यान न दें। उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटों में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा हो जाएगी। मुख्यमंत्री के नाम पर पार्टी में लगातार आलाकमान की निगरानी में चर्चा जारी है।

इससे पहले शिवकुमार ने जोर देकर कहा कि सीएम नहीं बनाए जाने पर भी वो किसी तरह की बगावत नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, “पार्टी चाहे तो मुझे जिम्मेदारी दे सकती है। मैं यहां किसी को बांटना नहीं चाहता। वे मुझे पसंद करें या नहीं, मैं एक जिम्मेदार व्यक्ति हूं। मैं पीठ में छुरा नहीं घोंपूंगा और मैं ब्लैकमेल नहीं करूंगा।”

CM पद के लिए किसी नाम पर विचार नहीं

इस बीच, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष जी परमेश्वर ने वस्तुत: अपनी दावेदारी पेश करते हुए कहा कि अगर पार्टी आलाकमान उन्हें मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी देता है तो वह इसे संभालने के लिए तैयार हैं। हालांकि सूत्रों ने यह भी साफ किया कि पार्टी आलाकमान इस पद के लिए किसी तीसरे नाम पर विचार नहीं कर रहा। बता दें कि राज्य में 224 सदस्यीय विधानसभा के लिए 10 मई को हुए चुनाव में कांग्रेस ने शानदार जीत हासिल करते हुए 135 सीटें अपने नाम कीं, जबकि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (BJP) और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवेगौड़ा नीत जनता दल (सेक्युलर) ने क्रमश: 66 और 19 सीटें जीतीं।

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