मणिपुर हाईकोर्ट के फैसले की वजह से यहां हिंसा हुई है- अमित शाह

हिंसा के चलते अब तक 80 लोगों की जान गई, मारे गए लोगों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे इंफाल। हिंसा ग्रस्त मणिपुर में शांति बहाली के लिए गृहमंत्री अमित शाह चार दिनों के दौरे पर रहे। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अमित शाह ने कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से हिंसा की जांच कराई जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा हिंसा से जुड़े 6 मामलों की जांच CBI करेगी। गृहमंत्री ने कहा, "मणिपुर में शांति बहाली के लिए जहां सख्ती की जरूरत होगी, वहां सख्ती बरती जाएगी। जहां मरहम की जरूरत है, वहां मरहम लगाया जाएगा। जहां मदद की जरूरत है, वहां मदद पहुंचाई जाएगी।" गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित लोगों को फौरी मदद देने के लिए कई ऐलान भी किए। उन्होंने कहा कि मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले की वजह से यहां हिंसा हुई है। 29 अप्रैल को हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने पर विचार करने के आदेश जारी किए थे। अमित शाह ने मणिपुर के लोगों से कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा। शुक्रवार से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा। अगर किसी के पास हथियार मिले, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शाह ने आगे कहा कि मणिपुर की गवर्नर की अध्यक्षता में शांति समिति बनाई जाएगी। हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जांच में पक्षपात नहीं होगा। केंद्र सरकार ने दो कुकी समूहों- यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) के साथ 2008 में समझौता किया था। इसके तहत 24 विद्रोही समूहों के 2200 सशस्त्र कैडर को सरेंडर कराया गया था। हालांकि, इन लोगों ने अपने हथियार सौंपे नहीं थे। माना जा रहा है कि मौजूदा हिंसा में इन हथियारों का खुल कर इस्तेमाल हुआ। गृहमंत्री ने ऐलान किया कि राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति कमेटी का गठन होगा। मणिपुर-म्यांमार सीमा सील की जाएगी। पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस लेवल के रिटायर्ड जजों का न्यायिक आयोग हिंसा की जांच करेगी। इस बीच पुलिस नेतृत्व में बड़ा फेरबदल हुआ है। पुलिस चीफ पी. डोंगल को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह राजीव सिंह को नियुक्त किया गया है। अमित शाह ने कहा, "हिंसा में मारे गए लोगों को 5 लाख मणिपुर सरकार और 5 लाख केंद्र सरकार देगी। वहीं, हिंसा में घायल लोगों और जिनकी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ है उनके लिए गृह मंत्रालय राहत पैकेज जारी करेगा।" उन्होंने राज्य में राशन और तेल जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को बेहतर करने के भी निर्देश दिए। पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए केंद्र की ओर से और भी कदम उठाए गए है। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। 30000 टन चावल देने का ऐलान किया गया है। गैस, पेट्रोल और सब्जियों की सप्लाई की जाएगी। 15 पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले रहेंगे। मेडिकल विशेषज्ञों की आठ टीमें मणिपुर भेजी जाएंगी, जिनमें 20 डॉक्टर होंगे। ये टीमें हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करेंगी। पांच टीमें मणिपुर पहुंच चुकी हैं और तीन अन्य भी जल्द पहुंच जाएंगी। ऑनलाइन चलेंगे स्कूल इसके अलावा हिंसा प्रभावित इलाकों में ऑनलाइन माध्यम से स्कूलों को संचालित करने की भी तैयारी हो रही है। परीक्षाएं भी तय समय पर होंगी। मणिपुर में दो-तीन दिनों में रेल सेवा बहाल की जाएगी। मोरेह, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी में वर्चुअल कोर्ट भी बनाये जाएंगे, ताकि किसी को न्याय मिलने में देरी ना हो। इसके अलावा पहाड़ी इलाक़ों में लोगों को सिर्फ 2000 रुपये में हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध करवाई जाएगी। मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। राजधानी इंफाल से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में रविवार को हिंसक झड़प हुई थी। इसमें एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा के चलते अब तक करीब 80 लोगों की जान गई है। मणिपुर में हालिया हिंसा का कारण मैतेई आरक्षण को माना जा सकता है।

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हिंसा के चलते अब तक 80 लोगों की जान गई, मारे गए लोगों को 10 लाख रुपए दिए जाएंगे 

इंफाल। हिंसा ग्रस्त मणिपुर में शांति बहाली के लिए गृहमंत्री अमित शाह चार दिनों के दौरे पर रहे। गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए उन्होंने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। अमित शाह ने कहा कि हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज से हिंसा की जांच कराई जाएगी। इसके लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इसके अलावा हिंसा से जुड़े 6 मामलों की जांच CBI करेगी।  गृहमंत्री ने कहा, “मणिपुर में शांति बहाली के लिए जहां सख्ती की जरूरत होगी, वहां सख्ती बरती जाएगी। जहां मरहम की जरूरत है, वहां मरहम लगाया जाएगा। जहां मदद की जरूरत है, वहां मदद पहुंचाई जाएगी।”

गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा प्रभावित लोगों को फौरी मदद देने के लिए कई ऐलान भी किए। उन्होंने कहा कि मणिपुर हाईकोर्ट के एक जल्दबाजी भरे फैसले की वजह से यहां हिंसा हुई है। 29 अप्रैल को हाईकोर्ट ने मैतेई समुदाय को एसटी में शामिल करने पर विचार करने के आदेश जारी किए थे।

अमित शाह ने मणिपुर के लोगों से कहा कि अफवाहों पर ध्यान न दें। हथियार रखने वालों को पुलिस के सामने सरेंडर करना होगा। शुक्रवार से सर्च ऑपरेशन शुरू होगा। अगर किसी के पास हथियार मिले, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। शाह ने आगे कहा कि मणिपुर की गवर्नर की अध्यक्षता में शांति समिति बनाई जाएगी। हम यह विश्वास दिलाना चाहते हैं कि जांच में पक्षपात नहीं होगा।

केंद्र सरकार ने दो कुकी समूहों- यूनाइटेड पीपुल्स फ्रंट (UPF) और कुकी नेशनल ऑर्गनाइजेशन (KNO) के साथ 2008 में समझौता किया था। इसके तहत 24 विद्रोही समूहों के 2200 सशस्त्र कैडर को सरेंडर कराया गया था। हालांकि, इन लोगों ने अपने हथियार सौंपे नहीं थे। माना जा रहा है कि मौजूदा हिंसा में इन हथियारों का खुल कर इस्तेमाल हुआ। गृहमंत्री ने ऐलान किया कि राज्यपाल की अध्यक्षता में एक शांति कमेटी का गठन होगा। मणिपुर-म्यांमार सीमा सील की जाएगी। पड़ोसी देशों से आने वाले लोगों का बायोमेट्रिक रजिस्ट्रेशन किया जाएगा। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस लेवल के रिटायर्ड जजों का न्यायिक आयोग हिंसा की जांच करेगी।  इस बीच पुलिस नेतृत्व में बड़ा फेरबदल हुआ है।  पुलिस चीफ पी. डोंगल को हटा दिया गया है। अब उनकी जगह राजीव सिंह को नियुक्त किया गया है।

अमित शाह ने कहा, “हिंसा में मारे गए लोगों को 5 लाख मणिपुर सरकार और 5 लाख केंद्र सरकार देगी। वहीं, हिंसा में घायल लोगों और जिनकी प्रॉपर्टी का नुकसान हुआ है उनके लिए गृह मंत्रालय राहत पैकेज जारी करेगा।” उन्होंने राज्य में राशन और तेल जैसी जरूरी चीजों की सप्लाई को बेहतर करने के भी निर्देश दिए।

पीड़ित लोगों को राहत देने के लिए केंद्र की ओर से और भी कदम उठाए गए है। मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। 30000 टन चावल देने का ऐलान किया गया है। गैस, पेट्रोल और सब्जियों की सप्लाई की जाएगी। 15 पेट्रोल पंप 24 घंटे खुले रहेंगे।  मेडिकल विशेषज्ञों की आठ टीमें मणिपुर भेजी जाएंगी, जिनमें 20 डॉक्टर होंगे। ये टीमें हिंसा प्रभावित इलाकों में लोगों की मदद करेंगी। पांच टीमें मणिपुर पहुंच चुकी हैं और तीन अन्य भी जल्द पहुंच जाएंगी।

इसके अलावा हिंसा प्रभावित इलाकों में ऑनलाइन माध्यम से स्कूलों को संचालित करने की भी तैयारी हो रही है। परीक्षाएं भी तय समय पर होंगी। मणिपुर में दो-तीन दिनों में रेल सेवा बहाल की जाएगी। मोरेह, चूड़ाचांदपुर और कांगपोकपी में वर्चुअल कोर्ट भी बनाये जाएंगे, ताकि किसी को न्याय मिलने में देरी ना हो। इसके अलावा पहाड़ी इलाक़ों में लोगों को सिर्फ 2000 रुपये में हेलीकॉप्टर सेवा भी उपलब्ध करवाई जाएगी।

मणिपुर में 3 मई से हिंसा जारी है। राजधानी इंफाल से लगे सेरौ और सुगनू इलाके में रविवार को हिंसक झड़प हुई थी। इसमें एक पुलिसकर्मी समेत 5 लोगों की मौत हो गई, जबकि 12 घायल हुए हैं। राज्य में हिंसा के चलते अब तक करीब 80 लोगों की जान गई है। मणिपुर में हालिया हिंसा का कारण मैतेई आरक्षण को माना जा सकता है।

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