9 विश्‍वविद्यालयों के कुलपति राज्‍यपाल के अंतिम आदेश तक अपने पद पर बने रह सकते हैं -केरल हाई कोर्ट

केरल के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफा देने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। केरल उच्च न्यायालय ने कुलपतियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए आज शाम 4 बजे विशेष बैठक बुलाई। केरल HC ने कहा कि राज्‍यपाल के अंतिम आदेश तक 9 विश्‍वविद्यालयों के कुलपति पद पर बने रह सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मद्देनजर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल में 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने का निर्देश दिया था। राज्यपाल के इस निर्देश के बाद केरल में राजनीतिक बवाल बढ़ गया है। न्यूज एजेंसी एएनआई की एक खबर के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का आदेश देने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की आलोचना की और कहा कि यह एक अलोकतांत्रिक कदम है। विजयन ने कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपनी शक्तियों से अधिक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए चांसलर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह अलोकतांत्रिक है और कुलपतियों की शक्तियों का अतिक्रमण है। राज्यपाल का पद सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए है। वह RSS के टूल की तरह काम कर रहे हैं।

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तिरुवनंतपुरम। केरल के 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने इस्तीफा देने के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के आदेश को चुनौती देते हुए केरल उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। केरल उच्च न्यायालय ने कुलपतियों की याचिकाओं पर सुनवाई करने के लिए आज शाम 4 बजे विशेष बैठक बुलाई। केरल HC ने कहा कि राज्‍यपाल के अंतिम आदेश तक 9 विश्‍वविद्यालयों के कुलपति पद पर बने रह सकते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के मद्देनजर केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने केरल में 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार तक इस्तीफा देने का निर्देश दिया था। राज्यपाल के इस निर्देश के बाद केरल में राजनीतिक बवाल बढ़ गया है।

न्यूज एजेंसी एएनआई की एक खबर के मुताबिक केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने 9 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का आदेश देने के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की आलोचना की और कहा कि यह एक अलोकतांत्रिक कदम है। विजयन ने कहा कि राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान अपनी शक्तियों से अधिक शक्तियों का प्रयोग करने के लिए चांसलर पद का दुरुपयोग कर रहे हैं। यह अलोकतांत्रिक है और कुलपतियों की शक्तियों का अतिक्रमण है। राज्यपाल का पद सरकार के खिलाफ नहीं, बल्कि संविधान की गरिमा को बनाए रखने के लिए है। वह RSS के टूल की तरह काम कर रहे हैं।

दीपावली की शाम को एक विशेष बैठक में, केरल उच्च न्यायालय ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के विवादास्पद आदेश को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। अदालत ने कहा कि राज्यपाल के कारण बताओ नोटिस के तहत कुलपति अंतिम आदेश जारी होने तक अपने पद पर बने रह सकते हैं। राज्यपाल ने शुरू में केरल सरकार द्वारा स्वतंत्र रूप से नियुक्त कुलपतियों को आज सुबह 11.30 बजे तक पद छोड़ने के लिए कहा था। लेकिन जब उन्होंने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की, तो उन्होंने उन्हें नोटिस जारी किया।

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बता दें कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने सोमवार को उन नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को नोटिस जारी किया, जिन्होंने उनके निर्देश के अनुसार आज पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट से पहले अपना त्याग पत्र भेजने से इनकार कर दिया था। आरिफ मोहम्मद खान ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, “उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया है।अब औपचारिक नोटिस जारी किए गए हैं।”

उन्होंने कहा कि नोटिस यूजीसी विनियमन के प्रावधानों के विपरीत गठित ‘सर्च कमेटी’ की सिफारिश पर कुलपति के रूप में किसी भी नियुक्ति को “अमान्य” घोषित करने के उच्चतम न्यायालय के फैसले के अनुरूप जारी किए गए हैं।  कन्नूर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गोपीनाथ रवींद्रन ने कहा कि उन्हें केरल के राज्यपाल का निर्णय मिल गया है लेकिन वे अपना इस्तीफा नहीं देंगे। एक वीसी का इस्तीफा वित्तीय अनियमितताओं और खराब व्यवहार के कारण होता है. इनमें से कुछ भी यहां नहीं हुआ है। यह एक झूठा आरोप है।

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