लखनऊ। योगी सरकार ने IPS विजय कुमार को यूपी का नया डीजीपी नियुक्त कर दिया है। हालांकि वो स्थायी नहीं बल्कि कार्यवाहक डीजीपी रहेंगे। नए डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि एसटीएफ, एटीएस के मज़बूत होने के चलते पिछले छह साल में एक भी आतंकी घटना नहीं हुई है। शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम की गिरफ्तारी हमारी प्रमुख प्राथमिकता रहेगी। 1988 बैच के IPS विजय कुमार दलित समाज से हैं और 31जनवरी 2024 को वो रिटायर हो जायेंगे।
झांसी के रहने वाले और सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक विजय कुमार 1988 बैच के आईपीएस अफसर पहली पोस्टिंग शाहजहांपुर में एसपी के तौर पर 18 नवम्बर 1989 को हुई थी। इसके बाद वो गोरखपुर में एसपी के पद पर 2 साल तैनात रहे। अविभाजित यूपी में वो नैनीताल में भी एडिशनल एसपी 1 साल के लिए तैनात रहे। इसके बाद विजय कुमार को बरेली में एसपी सिटी बनाया गया। इन सभी पदों पर तैनाती उनके ट्रेनिंग पीरियड के दौरान रही। पुलिस कप्तान के तौर पर पहली पोस्टिंग विजय कुमार को 1 जनवरी 1994 को पीलीभीत में मिली। हालांकि वो 7 महीने ही इस पद पर रह सके। पुलिस कप्तान के तौर पर उनकी दूसरी तैनाती बांदा में हुई।
बांदा के बाद उनकी अगली तैनाती लखनऊ में एसपी सुरक्षा के पद पर रही. इसके बाद उन्होंने महाराजगंज और मुजफ्फरनगर में पुलिस कप्तान के तौर पर सेवाएं दीं। 1997 से लेकर 2000 तक वह पीएसी और सीबीसीआईडी में तैनात रहे लेकिन 8 जनवरी 2000 को विजय कुमार को गोरखपुर का एसएसपी नियुक्त किया गया। 2 साल गोरखपुर, उसके बाद 1 साल इलाहाबाद और फिर 2 महीने लखनऊ में वे पुलिस कप्तान रहे। लखनऊ के बाद में फिर से इलाहाबाद के पुलिस कप्तान बनाए गए। पुलिस कप्तान के तौर पर यह उनकी आखिरी तैनाती थी।
साल 2003 से 2007 तक वो कुछ खास अहम पदों पर नहीं रहे लेकिन, इसी बीच वो डीआईजी रैंक में प्रमोट हो गये। इलाहाबाद में डीआईजी के पद पर उन्हें तैनाती मिली। वो इलाहाबाद, मेरठ और आजमगढ़ में डीआईजी के पद पर तैनात रहे। आईजी रैंक में प्रमोशन होने के बाद वे आजमगढ़, आगरा, कानपुर नगर और गोरखपुर में तैनात रहे। एडीजी में प्रमोशन के बाद वो एडीजी अभियोजन, सुरक्षा, एडीजी ट्रैफिक जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहे. जब वो डीजी रैंक में प्रमोट हुए तो ट्रैफिक, होमगार्ड सीबीसीआईडी और विजिलेंस में तैनात रहे। इन्हीं पदों पर रहते हुए अब उन्हें योगी सरकार ने कार्यवाहक डीजीपी का चार्ज दिया है।
विजय कुमार को अपनी उत्कृष्ट सेवा के लिए साल 2018 में सिल्वर मेडल और साल 2019 में गोल्ड मेडल मिल चुका है। वो झांसी के रहने वाले हैं और दलित समाज से हैं। इनके पिता का नाम रामप्रसाद अहिरवार है। विजय कुमार सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक हैं। ये 31 जनवरी 2024 को रिटायार हो जाय़ेंगे। इस तरह देखें तो विजय कुमार का कार्यकाल बेहद शानदार रहा है। वो सात जिलों में पुलिस कप्तान रहे हैं। तीन मण्डलों में डीआईजी रहे हैं और चार में आईजी रहे हैं।