माँ गंगा की ममतामई छांव पाने के लिए भी सरकार ने बनाई थी शुल्क वसूलने की योजना

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वाराणसी। मंदिरों के भगवान को बेचने के बाद माँ गंगा के ममतारूपी किनारों पर पर बैठने पर भी सरकार ने फ़ीस लगा दिया है। लोगों की आलोचना के बाद सरकार ने नमो घाट पर ली जाने वाली एंट्री फीस को फिलहाल रद्द कर दिया है। यह एंट्री फीस 10 रूपए की थी। स्मार्ट सिटी कंपनी ने मंगलवार को शाम 4.00 बजे से एंट्री टोकन सिस्टम की शुरूआत की थी। कंपनी के मुताबिक जब तक आप 10 रूपए का टोकन नहीं लेंगे तब तक आपको नमो घाट पर घूमने या बैठने की इजाजत नहीं मिलेगी। 10 रूपए के इस एंट्री टोकन के बदौलत लोग सिर्फ 4 घंटे के लिए ही घाट पर रह सकते थे।

बहरहाल, कल शाम से ही इस मुद्दे पर हजारों लोग सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए। साथ ही आज तमाम मीडिया में भी ये खबर प्रमुखता से उठाई गई। इसके बाद सरकार ने आनन फानन में इस योजना को रद्द करने का फैसला लिया। गौरतलब है कि घाटों पर एंट्री फीस का मुद्दा राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा था। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के तेवर इस मुद्दे पर काफी आक्रामक थे।

वाराणसी में राजघाट के बगल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के रूप में मशहूर नमो घाट पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र है। इस घाट पर कई सेल्फी प्वाईंट बनाए गए हैं। अभी इसमें प्रथम चरण का काम पूरा हुआ है। दूसरे चरण में यहां हेलीपैड और दूसरी अन्य सुविधाएं भी बनाई जाएंगी। अभी बने नमो घाट पर घूमने के लिए बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं जिसको देखते हुए स्मार्ट सिटी के तहत ₹10 का टिकट लगा दिया गया था। बहरहाल, यह टिकट शुरू से ही विवादों में आ गया क्योंकि बनारस में अभी तक किसी घाट में टिकट नहीं लगा था और बनारस की पहचान उसके अपने घाटों से है।

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