माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा

नई दिल्‍ली। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। 2006 के उमेश पाल अपहरण मामले में मुख्य अभियुक्त माफिया अतीक अहमद समेत 3 अभियुक्तों को एमपी-एमएलए कोर्ट के जज डॉ दिनेश चंद्र शुक्ल ने दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जबकि 7 आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। उमेश पाल की 24 फरवरी को पहले प्रयागराज में हत्या हो गई थी। उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की है। माफिया के कोर्ट परिसर में दाखिल होने के बाद ही वकील लगातार अतीक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कोर्ट परिसर के बाहर काफी ज्यादा कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। कोर्ट ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया । उमेश पाल अपहरण मामले में अशिफ उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को भी दोषी करार दिया गया है। दोनो के कोर्ट रूम में उपस्थित न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया है। प्रयागराज की सांसद विधायक (MP-MLA) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और साथी दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी माना गया है। इसमें अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है। अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था। अतीक के परिवार को आशंका थी कि पुलिस उसका फर्जी एनकाउंटर कर सकती है। परिवार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी। तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह था. राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है। उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया, तब 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था। उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था। भारी सुरक्षा के बीच अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केंद्रीय जेल लाया गया और मंगलवार को यहां की अदालत में पेश किया गया। अतीक अहमद और अशरफ दोनों भाइयों पर जेल में रहते हुए उमेश पाल की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है। वहीं, अतीक अहमद, उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।

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नई दिल्‍ली। पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड मामले के प्रमुख गवाह रहे उमेश पाल के अपहरण के मामले में माफिया अतीक अहमद समेत तीन आरोपियों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

माफिया के कोर्ट परिसर में दाखिल होने के बाद ही वकील लगातार अतीक के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे। कोर्ट परिसर के बाहर काफी ज्यादा  कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में पुलिस बल तैनात थी। कोर्ट ने अतीक अहमद, अशरफ अहमद, दिनेश पासी, जावेद, इसरार, फरहान, खान सौलत हनीफ, आबिद प्रधान, आशिक उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को दोषी करार दिया । उमेश पाल अपहरण मामले में अशिफ उर्फ मल्ली और एजाज अख्तर को भी दोषी करार दिया गया है। दोनो के कोर्ट रूम में उपस्थित न होने पर गैर जमानती वारंट जारी किया गया है।

उमेश पाल की 24 फरवरी को पहले प्रयागराज में हत्या हो गई थी। उमेश पाल के परिवार ने कोर्ट से माफिया अतीक के खिलाफ मृत्युदंड की मांग की । प्रयागराज की सांसद विधायक (MP-MLA) अदालत के न्यायाधीश दिनेश चंद्र शुक्ला ने वर्ष 2006 में हुए उमेश पाल अपहरण मामले में अतीक अहमद, उसके वकील सौलत हनीफ और साथी दिनेश पासी समेत तीन आरोपियों को दोषी करार दिया है। तीनों को भारतीय दंड संहिता की धारा 364-ए के तहत दोषी माना गया है। इसमें अधिकतम फांसी की सजा का प्रावधान है।

अदालत ने अतीक के भाई अशरफ समेत सात आरोपियों को सुबूतों के अभाव में बरी कर दिया है। इस मामले में कुल 11 अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया था। सुनवाई के दौरान उनमें से एक की मौत हो गयी थी। माफिया एवं पूर्व सांसद अतीक अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और उसके भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केन्द्रीय कारागार में लाया गया था। अतीक के परिवार को आशंका थी कि पुलिस उसका फर्जी एनकाउंटर कर सकती है। परिवार ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुरक्षा की गुहार भी लगाई थी।

तत्कालीन जिला पंचायत सदस्य उमेश पाल 25 जनवरी, 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मामले में चश्मदीद गवाह था. राजू पाल हत्याकांड मामले में अतीक अहमद आरोपी है।  उमेश ने आरोप लगाया था कि जब उसने अतीक अहमद के दबाव में पीछे हटने और झुकने से इनकार कर दिया, तब 28 फरवरी, 2006 को उसका अपहरण कर लिया गया था। अतीक, उसके भाई अशरफ और चार अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ पांच जुलाई, 2007 को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। अदालत में पेश किए गए आरोप पत्र में 11 आरोपियों का जिक्र किया गया था।

उमेश पाल और उसकी सुरक्षा में तैनात दो पुलिसकर्मियों की इसी साल 24 फरवरी को प्रयागराज में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की पत्नी जया की शिकायत पर प्रयागराज के धूमनगंज थाने में अहमद, उसके भाई अशरफ, पत्नी शाइस्ता परवीन, दो बेटों, सहयोगी गुड्डू मुस्लिम और गुलाम तथा नौ अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। फूलपुर से समाजवादी पार्टी (सपा) के पूर्व सांसद अतीक अहमद को जून 2019 में गुजरात की साबरमती केंद्रीय जेल में स्थानांतरित कर दिया गया था। उत्तर प्रदेश में जेल में रहने के दौरान रियल एस्टेट व्यवसायी मोहित जायसवाल के अपहरण और मारपीट का आरोप लगने के बाद अतीक को साबरमती जेल भेजा गया था।

भारी सुरक्षा के बीच अहमद को गुजरात की साबरमती जेल और अशरफ को बरेली जेल से सोमवार को प्रयागराज की नैनी केंद्रीय जेल लाया गया और मंगलवार को यहां की अदालत में पेश किया गया। अतीक अहमद और अशरफ दोनों भाइयों पर जेल में रहते हुए उमेश पाल की हत्या का षड्यंत्र रचने का आरोप है। वहीं, अतीक अहमद, उमेश पाल हत्याकांड सहित 100 से अधिक आपराधिक मामलों में नामजद है।

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