विश्व में पर्यावरण सुधार को लेकर हो रही चर्चा को डिनर टेबल तक पहुंचानी होगी – नरेन्द्र मोदी

वाशिंगटन। विश्व में पर्यावरण सुधार तब होगा जब इससे संबंधित चर्चा डिस्कशन टेबल से हटकर डिनर टेबल पर होगी, तब हम पर्यावरण से जुड़े वास्तविक खतरे समझ पाएंगे और उनका निदान कर पाएंगे। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण पर आयोजित राष्ट्राध्यक्षों और शासन प्रमुखों के ऑनलाइन सेमिनार में कही। इस सेमिनार का आयोजन विश्व बैंक ने किया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण सुधार के उपायों को लेकर लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में जागरूक होना होगा। सामान्य कामकाज के बीच देखना होगा कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में इस समय पर्यावरण को लेकर काफी चर्चा हो रही है। बहुत से लोगों में इस बात की बेचैनी है कि वे पर्यावरण के लिए चाहकर भी कुछ बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे नहीं जानते कि उन्हें सुधारात्मक उपायों के तहत क्या करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि पर्यावरण सुधार की जिम्मेदारी सरकार और वैश्विक संस्थाओं की है। इसलिए अगर लोगों को उनके कर्तव्यों और प्रयास के बारे में बताया जाए, तो निश्चित ही काफी लोग पर्यावरण सुधार में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे। वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव के जरिये पर्यावरण को लाभ पहुंचाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ के तहत उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव से पर्यावरण सुधार के सुझाव दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ उन्होंने मिशन लाइफ अक्टूबर 2022 में लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण में हो रहे बदलाव को रोकने के लिए जनमानस को साथ लेना है। पर्यावरण के लिए लड़ाई केवल कॉन्फ्रेंस टेबलों पर चर्चाओं के जरिये नहीं लड़ी जा सकती है। इसे प्रत्येक घर की डिनर टेबल तक पहुंचाना होगा जहां परिवार का प्रत्येक सदस्य अपनी क्षमता के अनुसार, पर्यावरण सुधार का सुझाव दे सके और उस पर अमल का प्रयास कर सके। जब ऐसा होगा तभी पर्यावरण सुधार के लिए जन अभियान छेड़ा जा सकेगा।

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वाशिंगटन। विश्व में पर्यावरण सुधार तब होगा जब इससे संबंधित चर्चा डिस्कशन टेबल से हटकर डिनर टेबल पर होगी, तब हम पर्यावरण से जुड़े वास्तविक खतरे समझ पाएंगे और उनका निदान कर पाएंगे। यह बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण पर आयोजित राष्ट्राध्यक्षों और शासन प्रमुखों के ऑनलाइन सेमिनार में कही। इस सेमिनार का आयोजन विश्व बैंक ने किया था।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पर्यावरण सुधार के उपायों को लेकर लोगों को रोजमर्रा की जिंदगी में जागरूक होना होगा। सामान्य कामकाज के बीच देखना होगा कि पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में इस समय पर्यावरण को लेकर काफी चर्चा हो रही है। बहुत से लोगों में इस बात की बेचैनी है कि वे पर्यावरण के लिए चाहकर भी कुछ बेहतर नहीं कर पा रहे हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे नहीं जानते कि उन्हें सुधारात्मक उपायों के तहत क्या करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि ज्यादातर लोग मानते हैं कि पर्यावरण सुधार की जिम्मेदारी सरकार और वैश्विक संस्थाओं की है। इसलिए अगर लोगों को उनके कर्तव्यों और प्रयास के बारे में बताया जाए, तो निश्चित ही काफी लोग पर्यावरण सुधार में सकारात्मक भूमिका निभाएंगे। वे अपनी रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव के जरिये पर्यावरण को लाभ पहुंचाएंगे।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि मिशन लाइफ के तहत उन्होंने रोजमर्रा की जिंदगी में बदलाव से पर्यावरण सुधार के सुझाव दिए हैं। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के साथ उन्होंने मिशन लाइफ अक्टूबर 2022 में लॉन्च किया था। उन्होंने कहा कि इस अभियान का उद्देश्य पर्यावरण में हो रहे बदलाव को रोकने के लिए जनमानस को साथ लेना है। पर्यावरण के लिए लड़ाई केवल कॉन्फ्रेंस टेबलों पर चर्चाओं के जरिये नहीं लड़ी जा सकती है। इसे प्रत्येक घर की डिनर टेबल तक पहुंचाना होगा जहां परिवार का प्रत्येक सदस्य अपनी क्षमता के अनुसार, पर्यावरण सुधार का सुझाव दे सके और उस पर अमल का प्रयास कर सके। जब ऐसा होगा तभी पर्यावरण सुधार के लिए जन अभियान छेड़ा जा सकेगा।

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