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TATA ग्रुप के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की कार दुर्घटना में मौत, टाटा ग्रुप ने जताया दुख
मुंबई। टाटा ग्रुप के चेयरमैन रह चुके साइरस मिस्त्री की मुंबई के पास पालघर में एक कार दुर्घटना में मौत हो गयी।पुलिस द्वारा बताया जा रहा है कार तेज रफ्तार में थी और चालक ने गलत दिशा (बांये से) से एक दूसरी गाड़ी से आगे निकलने की कोशिश की थी। जिस मर्सिडीज कार में टाटा सन्स के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री थे उसे मुंबई की एक जानीमानी स्त्रीरोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले (55) चला रही थीं।
रविवार को हुई इस दुर्घटना में साइरस मिस्त्री के साथ दो अन्य व्यक्तियों की भी मौत हो गयी। अधिकारी ने बताया कि मुंबई से करीब 120 किलोमीटर दूर अपराह्न करीब तीन बजे हुए सड़क हादसे में स्त्रीरोग विशेषज्ञ अनाहिता पंडोले (55) और उनके पति डेरियस पंडोले (60) बच गए। वहीं, मिस्त्री (54) और डेरियस के भाई जहांगीर पंडोले की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मिस्त्री और जहांगीर पिछली सीटों पर बैठे थे, वहीं डेरियस अगली सीट पर थे और गाड़ी अनाहिता चला रही थीं।
एक चश्मदीद ने पहले बताया था, ‘‘कार एक महिला चला रही थी जिसने बांयी तरफ से दूसरी गाड़ी से आगे निकलने की कोशिश की, लेकिन नियंत्रण खोकर कार सड़क पर डिवाइडर से टकरा गई।” सड़क किनारे ही एक गैराज में काम करने वाले एक प्रत्यक्षदर्शी ने एक मराठी टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘हम दुर्घटना स्थल पर पहुंचे लेकिन गाड़ी या घायलों को नहीं छुआ। 10 मिनट में मदद पहुंच गई और दो घायलों को गाड़ी से निकालकर एक एंबुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया। दो अन्य की मौत हो चुकी थी। ”
कार हादस के दौरान सेफ्टी बलून्स खुलने के बाद भी उनकी जान नहीं बची और अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। वह अहमदाबाद से मुंबई वापस आ रहे थे। उनके साथ मर्सिडीज गाड़ी में कुल चार लोग थे। मिस्त्री समेत दो लोगों की मौत हो गई है और दो अन्य को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
सड़क हादसे में सायरस मिस्त्री के निधन के बाद टाटा ग्रुप ने दुख जताया है और उन्हें श्रद्धांजलि दी है। मिस्त्री 2012 से 2016 तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन रह चुके हैं। टाटा सन्स के चेयरमैन एन चंद्रशेखर की तरफ से जारी बयान में कहा गया, सायरस मिस्त्री के अचानक निधन से हमें गहरा दुख पहुंचा है। उनमें जीने का जुनून था। यह बड़े दुख की बात है कि इतनी कम उम्र में उनका निधन हो गया। बता दें कि मिस्त्री की उम्र 54 साल थी।
सायरस मिस्त्री और रतन टाटा के बीच का विवाद इतना बढ़ गया था कि इसे कॉर्पोरेट जगत के बड़े झगड़े के रूप में जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चुनाव के लिए चंदे और प्रोजेक्ट में निवेश को लेकर विवाद शुरू हुआ था। इसके बाद मनमुटाव बढ़ता ही चला गया और मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। फैसला टाटा ग्रुप के पक्ष में आया और 2016 में उन्हें पद छोड़ना पड़ा। इसके बाद कुछ समय तक रतन टाटा अंतरिम चेयरमैन रहे और फिर एन चंद्रशेखरन को पद दे दिया गया।