स्विस बैंक ने भारत को दिया 34 लाख बैंक खातों की चौथी लिस्ट ,ब्लैक मनी रखने वालों की खुलेगी पोल

>< एक बार फिर स्विस बैंक ने भारतीय खाताधारकों की लिस्ट जारी की है। दरअसल, भारत को सालाना स्वचालित सूचना विनिमय (annual automatic information exchange) के.के तहत स्विस बैंक (Swiss Bank) से भारतीय खाताधारकों की चौथी लिस्ट मिली है। न्यूज़ एजेंसी PTI की खबर के मुताबिक, भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के विवरण का चौथा सेट मिला है। स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों का ब्योरा शेयर किया है। अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित ब्योरा साझा किया गया है। इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और न्यासों के खाते शामिल हैं। हालांकि, भारत के साथ साझा किए गए खातों के संबंध में हालांकि, यह नहीं बताया गया कि इन खातों में ब्लैक मनी जमा हैं, उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी नहीं दी क्योंकि इसका आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि स्विस बैंक से मिले इस बैंकिंग डाटा का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग की जांच के साथ ही टैक्स चोरी के अन्य मामलों की पड़ताल के लिए भी किया जा सकेगा। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन खातों की निगरानी करेगा. गौरतलब है कि भारत को सितंबर 2019 में AEOI के तहत स्विट्जरलैंड से खातों की डिटेल का पहला सेट मिला था। उस समय यह जानकारी पाने वाले देशों की संख्या 75 थी। वहीं बीते साल की बात करें तो भारत समेत 86 देशों.देशों के साथ डिटेल साझा की गई थी। ><

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 लाखों अकाउंट्स की डिटेल भारत को भेजी, डाटा एक्सचेंज प्रोग्राम में शामिल 5 नए देश

 नई दिल्ली (PTI) एक बार फिर स्विस बैंक ने भारतीय खाताधारकों की लिस्ट जारी की है। दरअसल, भारत को सालाना स्वचालित सूचना विनिमय (annual automatic information exchange) के.के तहत स्विस बैंक (Swiss Bank) से भारतीय खाताधारकों की चौथी लिस्ट मिली है। न्यूज़ एजेंसी PTI की खबर के मुताबिक, भारत को अपने नागरिकों और संगठनों के स्विस बैंक खातों के विवरण का चौथा सेट मिला है। स्विट्जरलैंड ने भारत समेत 101 देशों के साथ करीब 34 लाख वित्तीय खातों का ब्योरा शेयर किया है। अधिकारियों ने कहा कि भारत के साथ सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित ब्योरा साझा किया गया है। इसमें कुछ लोगों, कंपनियों और न्यासों के खाते शामिल हैं। हालांकि,  भारत के साथ साझा किए गए खातों के संबंध में हालांकि, यह नहीं बताया गया कि इन खातों में ब्लैक मनी जमा हैं, उन्होंने सूचना के आदान-प्रदान के तहत गोपनीयता के प्रावधान का हवाला देते हुए विस्तृत जानकारी नहीं दी क्योंकि इसका आगे की जांच पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। 

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया कि स्विस बैंक से मिले इस बैंकिंग डाटा का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग की जांच के साथ ही टैक्स चोरी के अन्य मामलों की पड़ताल के लिए भी किया जा सकेगा। अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट इन खातों की निगरानी करेगा. गौरतलब है कि भारत को सितंबर 2019 में AEOI के तहत स्विट्जरलैंड से खातों की डिटेल का पहला सेट मिला था। उस समय यह जानकारी पाने वाले देशों की संख्या 75 थी। वहीं बीते साल की बात करें तो भारत समेत 86 देशों.देशों के साथ डिटेल साझा की गई थी।  

 

स्विस बैंक के इन खातों के डिटेल्स से ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने में आसानी होगी, जो गलत तरीके से कमाई बेहिसाब संपत्ति के लिए इन खातों का सहारा लेते हैं। पीटीआई के मुताबिक, फेडरल टैक्स एडमिनिस्ट्रेशन (FTA) ने सोमवार को एक बयान में कहा कि इस साल सूचनाओं के आदान-प्रदान से सूची में पांच नये क्षेत्र… अल्बानिया, ब्रुनेई दारुस्सलाम, नाइजीरिया, पेरू और तुर्की…शामिल किये गये हैं। वित्तीय खातों की संख्या में लगभग एक लाख का इजाफा हुआ है। संघीय कर प्रशासन के अधिकारियों ने कहा कि चोरी के संदिग्ध मामलों और धन शोधन तथा आतंकवाद के वित्तपोषण समेत अन्य गड़बड़ियों की जांच में आंकड़ों का उपयोग किया जा सकेगा।

 

 1 लाख नए अकाउंट्स 

 

FTA ने खातों की डिटेल्स साझा करते हुए यह भी बताया कि स्विस बैंक्स में इस बार करीब 1 लाख नए अकाउंट्स खोले गए है।FTA के अनुसार भारतीय खातों से जुड़ी डिटेल देश के बड़े संस्थानों, बिजनेस हाउसेस व व्यक्तियों से संबंधित है. डिटेल्स में पहचान, खाताधारक का नाम, पता, निवास के साथ ही अन्य वित्तीय जानकारियां मुहैया कराई गई हैं  स्विस बैंक खातों की डिटेल्स से जुड़ा अगला यानी पांचवां सेट अगले साल सितंबर महीने में साझामें साझा किया जाएगा।

सूचना का आदान-प्रदान 74 देशों के साथ हुआ। इन देशों से स्विट्जरलैंड को भी सूचना प्राप्त हुई। लेकिन रूस समेत 27 देशों के मामले में कोई सूचना नहीं दी गई है। इसका कारण या तो इन देशों ने अभी तक गोपनीयता और आंकड़ों की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय आवश्यकताओं को पूरा नहीं किया है अथवा उन्होंने आंकड़े प्राप्त नहीं करने का विकल्प चुना है।

हालांकि, FTA ने 101 देशों के नामों और अन्य जानकारी का खुलासा नहीं किया है। लेकिन अधिकारियों ने कहा कि भारत उन देशों में प्रमुखता से शामिल है, जिसे लगातार चौथे साल स्विस वित्तीय संस्थानों में व्यक्तियों और संगठनों के खातों के बारे में सूचना दी गयी है। 

 

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत के लिए सूचना के स्वत: आदान-प्रदान की व्यवस्था के तहत प्राप्त आंकड़े उन लोगों के खिलाफ मजबूती से मामला चलाने को उपयोगी रहे हैं, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है। क्योंकि इससे जमा और धन के अंतरण के बारे में पूरा ब्योरा मिल जाता है। साथ ही प्रतिभूतियों और अन्य संपत्तियों में निवेश के जरिये प्राप्त कमाई समेत अन्य आय के बारे में जानकारी मिल जाती है।

अधिकारियों ने यह भी कहा कि ब्योरा प्रवासी भारतीयों समेत कारोबारियों से जुड़ा है। ये प्रवासी अब कई दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ-साथ अमेरिका, ब्रिटेन और कुछ अफ्रीकी देशों तथा दक्षिण अमेरिकी देशों में बस गये हैं। स्विट्जरलैंड लंबी प्रक्रिया के बाद भारत के साथ सूचना के स्वत: आदान-प्रदान को राजी हुआ था। इसमें भारत में आंकड़ों के संरक्षण और गोपनीयता को लेकर कानूनी ढांचे समेत अन्य चीजों की समीक्षा शामिल थी। साझा किये गये ब्योरे में पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है। इसमें नाम, पता, निवास वाले देश का नाम और कर पहचान संख्या के साथ-साथ खाते में राशि और पूंजीगत आय से संबंधित सूचना शामिल हैं।

 

अगली जानकारी सितंबर 2023 में 

 

स्विट्जरलैंड सूचना का अगला सेट सितंबर 2023 में साझा करेगा। भारत को सितंबर 2019 में स्विट्जरलैंड से ऐसे विवरण का पहला सेट प्राप्त हुआ था। भारत उस साल ऐसे खातों की जानकारी पाने वाले 75 देशों में शामिल था। पिछले साल भारत ऐसे 86 साझेदार देशों में शामिल था। विशेषज्ञों के अनुसार, ये आंकड़े उन लोगों के खिलाफ एक मजबूत अभियोजन का मामला स्थापित करने के लिए काफी मददगार रहे हैं, जिनके पास बेहिसाब संपत्ति है।

 

 

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