– अपनी ही पार्टी के लोगों को लताड़ते हुए दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में भाजपा की आज जो स्थिति है, वह उनके राज्य अध्यक्ष रहते हुई है। इसके लिए 250 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दी है। लोगों ने हम पर विश्वास किया था लेकिन जब से कुछ दलाल पार्टी में शामिल हुए हैं, तब से पार्टी पतन की ओर जा रही है।
कोलकाता। बंगाल सरकार के आमंत्रण पर दीघा में निर्मित जगन्नाथ मंदिर के लोकार्पण समारोह में शामिल होने को लेकर आलोचना झेल रहे बंगाल भाजपा के पूर्व अध्यक्ष दिलीप घोष ने पलट जवाब देते हुए कहा कि उनके नेतृत्व में ही पार्टी का बंगाल में विकास हुआ था और वर्तमान में ‘दलाल’ इसे फिर से पतन की ओर ले जा रहे हैं। घोष अपनी पत्नी रिंकू मजूमदार के साथ लोकार्पण समारोह में शामिल हुए थे। उन्होंने वहां मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात की थी।
बीजेपी नेता दिलीप घोष ने कहा कि बंगाल में भाजपा की आज जो स्थिति है, वह उनके राज्य अध्यक्ष रहते हुई है। इसके लिए 250 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी जान दी है। लोगों ने हम पर विश्वास किया था लेकिन जब से कुछ दलाल पार्टी में शामिल हुए हैं, तब से पार्टी पतन की ओर जा रही है।
राज्य की स्थिति बदलने के लिए आया हूं- घोष
घोष ने कहा “अगर आपको अपने शत्रुओं से लड़ना है तो अच्छी लड़ाई लड़नी होगी। ड्रामा करने से नहीं चलेगा। मैं दीघा पार्टी बदलने नहीं बल्कि राज्य की राजनीति की स्थिति बदलने आया हूं। हमारी पार्टी ने हमें आमंत्रणों को अस्वीकार करने को नहीं कहा है. मुझे न्योता मिला इसलिए यहां आया हूं। मुझमें ऐसा करने की हिम्मत है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपने पार्टी नेताओं व कार्यकर्ताओं को महाकुंभ नहीं जाने को कहा था, फिर भी बहुतों गए थे। तो क्या उन्होंने कोई अपराध किया? मंदिर का निर्माण किसने कराया, यह महत्वपूर्ण नहीं है। लोग वहां इसलिए जाते हैं क्योंकि वहां देवी- देवताओं की पूजा होती है।”
इसके साथ ही तृणमूल में शामिल होने की अटकलों पर घोष ने कहा कि मेरा खराब समय नहीं चल रहा है। मैंने पिछले 10 वर्षों में पार्टी नहीं बदली है। मैं उन नेताओं में शामिल नहीं हूं, जो चुनाव के वक्त दूसरे दलों में चले जाते हैं। दूसरी तरफ तृणमूल नेता कुणाल घोष ने कहा कि भाजपा दिलीप घोष का विभिन्न तरीकों से अपमान करती आई है। दिलीप घोष की हमारे साथ राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता हो सकती है, लेकिन उनकी भगवान जगन्नाथ के साथ प्रतिद्वंद्विता नहीं है।