नई दिल्ली। ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत ‘हर घर तिरंगा’ अभियान शुरू करने की तैयारी कर रही केंद्र की मोदी सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। स्वतंत्रता के 75वें वर्ष में देश के ध्वज कानून में बदलाव किया गया है। केंद्र सरकार ने लोगों को अपने घरों या खुले स्थानों पर दिन और रात, दोनों समय तिरंगा फहराने की अनुमति दी है। पहले सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच ही राष्ट्रीय ध्वज फहराने का नियम था, चाहे मौसम कोई भी हो।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों को पत्र लिखकर झंडा कानून में बदलाव की जानकारी दी है। साथ ही अब पॉलिएस्टर और मशीन से बने राष्ट्रीय ध्वज का भी उपयोग किया जा सकता है। ‘आजादी का अमृत महोत्वस’ के तहत सरकार 13 से 15 अगस्त तक ‘हर घर तिरंगा’ कार्यक्रम की शुरुआत करने जा रही है, जिसके मद्देनजर यह कदम सामने आया है।
सभी केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के सचिवों को लिखे एक पत्र में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का प्रदर्शन, फहराना और उपयोग भारतीय झंडा संहिता, 2002 और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत आता है।
पत्र के मुताबिक, भारतीय झंडा संहिता, 2002 में 20 जुलाई, 2022 के एक आदेश के जरिए संशोधन किया गया है और अब भारतीय झंडा संहिता, 2002 के भाग-दो के पैरा 2.2 के खंड (11) को अब इस तरह पढ़ा जाएगा, ‘जहां झंडा खुले में प्रदर्शित किया जाता है या किसी नागरिक के घर पर प्रदर्शित किया जाता है, इसे दिन-रात फहराया जा सकता है।’
इससे पहले, तिरंगे को केवल सूर्योदय से सूर्यास्त तक फहराने की अनुमति थी। इसी तरह, झंडा संहिता के एक अन्य प्रावधान में बदलाव करते हुए कहा गया, ‘राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काता और हाथ से बुना हुआ या मशीन से बना होगा। यह कपास-पॉलिएस्टर-ऊन रेशमी खादी से बना होगा।’ इससे पहले, मशीन से बने और पॉलिएस्टर से बने राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग की अनुमति नहीं थी।
बता दें, मोदी सरकार ने ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का ऐलान किया है। इसके तहत अगले महीने 13 से 15 अगस्त तक हर घर पर तिरंगा फहराने की अपील की गई है। सरकार का दावा है कि इस दौरान 20 करोड़ घर में राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा। इससे युवाओं में देश प्रेम की भावना पैदा होगी। वहीं कांग्रेस इस पहल का भी विरोध कर रही है।