केंद्रीय अस्पतालों को जेनेरिक दवाएं लिखने के निर्देश, निर्यात नीति में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी

संसद का मानसून सत्र शुरू है। स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी अस्पतालों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया है। इसी तरह के निर्देश सभी सीजीएचएस डाक्टरों और वेलनेस सेंटरों को भी दिए गए हैं।

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– एम्स दिल्ली प्रशासन ने फैसला किया है कि विभागाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए कलेजियम प्रणाली लागू की जा सकती है।

नई दिल्ली, एजेंसी। संसद का मानसून सत्र शुरू है। पक्ष विपक्ष का टकराव जारी है। शुक्रवार को लोकसभा में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने बताया कि सरकार का मार्च तक 10,000 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केंद्र (PMBJK) खोलने का लक्ष्य है। 30 जून तक देशभर में 9,512 PMBJK खोले जा चुके हैं। प्रश्न के लिखित उत्तर में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय ने केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी अस्पतालों को केवल जेनेरिक दवाएं लिखने का निर्देश दिया है। इसी तरह के निर्देश सभी सीजीएचएस डाक्टरों और वेलनेस सेंटरों को भी दिए गए हैं।

केंद्र सरकार ने अपने सरकारी अस्पतालों एवं केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना के तहत आने वाले आरोग्य केंद्रों के चिकित्सकों को मई माह में ही चेतावनी दी थी कि वे मरीजों के लिए जेनेरिक दवाइयां लिखने के नियम का पालन करें, अन्यथा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। केंद्र सरकार ने चिकित्सकों को यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि अस्पतालों में दवा कंपनियों के प्रतिनिधियों के आने पर रोक लगाई जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) और स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए कई कदम उठाए हैं। अन्य प्रश्न के उत्तर में मांडविया ने बताया कि कोविड के बाद युवाओं की अचानक मौत की सूचना मिली है, लेकिन कारण की पुष्टि करने के लिए पर्याप्त साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं। कोविड के बाद हृदय आघात के बढ़ते मामलों के तथ्यों का पता लगाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद तीन अलग-अलग अध्ययन कर रही है।

कंपनियों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई

एक प्रश्न के लिखित उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा को बताया कि CDSCO ने गांबिया और उज्बेकिस्तान में नकली कफ सिरप के कारण होने वाली मौतों की रिपोर्ट के बाद राज्य अधिकारियों के साथ समन्वय में फार्मा कंपनियों के खिलाफ जांच के बाद कार्रवाई शुरू की है।

उन्होंने कहा कि विदेश व्यापार महानिदेशालय ने कफ सिरप की निर्यात नीति में संशोधन के लिए अधिसूचना जारी की है, निर्माताओं के लिए अपने उत्पादों को निर्यात करने से पहले सरकार द्वारा अनुमोदित प्रयोगशाला से विश्लेषण का प्रमाण पत्र प्राप्त करना अनिवार्य है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में स्वास्थ्य राज्य मंत्री भारती प्रवीण पवार ने लोकसभा में कहा कि एम्स दिल्ली प्रशासन ने फैसला किया है कि विभागाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए कलेजियम प्रणाली लागू की जा सकती है।

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