नई दिल्ली। IT फील्ड के युवाओं के लिए फर्जी नौकरी को लेकर भारतीय विदेश मंत्रालय ने सावधान किया है। थाईलैंड और म्यांमार में भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी (IT) पेशेवरों को लुभाने वाले फर्जी जॉब रैकेट की खबरों के बाद, केंद्र ने आज भारतीय युवाओं को एक एडवाइजरी जारी की है। थाईलैंड में ‘डिजिटल सेल्स एंड मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव’ के पदों पर भर्ती करने के लिए आकर्षक पेशकश की गई थी। इसमें संदिग्ध आईटी कंपनियों का पता चला है जो कि कॉल-सेंटर घोटाले और क्रिप्टोक्यूरेंसी धोखाधड़ी में शामिल थीं।
दो दिन पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने भी भारतीय नागरिकों से थाईलैंड में नौकरी करने से पहले अत्यधिक सावधानी बरतने को कहा था। उनके अनुसार दर्जनों भारतीयों को रोजगार रैकेट अवैध रूप से म्यांमार ले गया था। उन्होंने कहा था कि, “और आप जानते हैं कि स्थानीय सुरक्षा स्थिति के कारण उस क्षेत्र तक पहुंचना मुश्किल है। फिर भी, देश में हमारे मिशन के लिए धन्यवाद। हम इनमें से कुछ पीड़ितों को कैद या बंधुआ मजदूरी से बचाने में सक्षम हैं। हम दूसरों की मदद करने के लिए भी कोशिश कर रहे हैं। ”
मंत्रालय ने कहा है कि संदिग्ध आईटी फर्मों द्वारा थाईलैंड और दुबई में मोटी सैलरी के साथ नौकरी देने का लालच दिया जा रहा है। इसमें फंसकर युवाओं को कैद करके मजदूरी कराई जा रही है। कहा है कि सोशल मीडिया पर चल रहे इस तरह के फर्जी विज्ञापनों के झांसे में न आएं। विदेश में नौकरी के लिए जाने से पहले पूरी तरह से कंफर्म हो जाएं।
विदेश मंत्रालय का कहना है कि डिजिटल सेल और मार्केटिंग फील्ड में अधिकारी पद के लिए भारतीय युवाओं को विदेश में नौकरी के लिए झांसा दिया जा रहा है। एडवाइजरी में कहा कि सोशल मीडिया विज्ञापनों जरिए दुबई और थाइलैंड में नौकरी का लालच देकर ये लोग युवाओं को फंसाते हैं। फिर कथित तौर पर अवैध रूप से सीमा पार करवाकर ज्यादातर को म्यांमार में ले जाया जाता है और कठोर परिस्थितियों में काम करने के लिए बंदी बना लिया जाता है। इसलिए एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे इस तरह के फर्जी जॉब ऑफर्स के झांसे में आने से बचे। इनका लक्ष्य आईटी फील्ड के कुशल युवा हैं। उन्हें थाइलैंड और दुबई में आकर्षक नौकरियों का लालच दिया जा रहा है। इस काम में कॉल सेंटर घोटाले और क्रिप्टो धोखाखड़ी में शामिल संदिग्ध आईटी फर्म हैं। ऐसे कुछ मामले बैंकॉक और म्यांमार में नजर में आए हैं।
इसमें कहा गया है, “रोजगार उद्देश्यों के लिए पर्यटक/विजिट वीजा पर यात्रा करने से पहले, भारतीय नागरिकों को सलाह दी जाती है कि वे विदेश में संबंधित मिशनों के माध्यम से विदेशी नियोक्ताओं की साख की जांच/सत्यापन करें और किसी भी नौकरी की पेशकश करने से पहले भर्ती एजेंटों के साथ-साथ किसी भी कंपनी के बारे में गहराई से जांच करें। “
इससे पहले म्यांमार के यांगून में भारतीय दूतावास ने एक एडवाइजरी जारी की थी। इसमें म्यांमार के सुदूर पूर्वी सीमावर्ती इलाकों में स्थित डिजिटल स्कैमिंग गतिविधियों में लिप्त कंपनियों के बारे में आगाह किया गया था। म्यांमार में पकड़े गए भारतीयों की विशिष्ट संख्या के बारे में एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा था, “यह कहना मुश्किल है। 32 लोगों को निश्चित रूप से बचाया गया है और वहां से बाहर निकाला गया है। मेरे पास सटीक संख्या नहीं है. शायद 80 वहां 90 लोग हैं। “