विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ BJP से नाता तोड़, जनार्दन रेड्डी ने बनाई नई पार्टी

कर्नाटक में अब भाजपा में फूट पड़ती नजर आ रही है। ताजा खबर है कि राज्य में मंत्री रह चुके खनन व्यवसायी गली जनार्दन रेड्डी पार्टी से अलग हो गए हैं। उन्होंने रविवार को ही अपनी नई पार्टी बनाने का एलान किया है। इसका नाम कल्याण राज्य प्रगति पक्ष रखने की घोषणा की गई है। इसी के साथ उन्होंने यह भी एलान किया कि वे आने वाले विधानसभा चुनाव में गंगावटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे। रेड्डी बंधु के नाम से विख्यात जनार्दन रेड्डी ने बीजेपी से नाता तोड़ते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है। राज्य और यहां के लोगों ने माना कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा झूठी निकली। आज मैं 'कल्याण राज्य प्रगति पक्ष' की घोषणा कर रहा हूं। आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे। चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करते हुए उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस कदम का बल्लारी क्षेत्र में भाजपा पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। पार्टी ने भी घटनाक्रम पर सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह जब सोमवार को नयी दिल्ली जाएंगे तो इस मुद्दे पर नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे। रेड्डी ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है, राज्य और यहां के लोगों ने माना कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा झूठी निकली। आज मैं ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष' की घोषणा कर रहा हूं। जो मेरी अपनी सोच के साथ, बासवन्ना (12वीं शताब्दी के समाज सुधारक) की सोच के साथ, धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ है।'' उन्होंने पत्रकारों से यहां कहा कि आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे। रेड्डी ने कहा, ‘‘मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नयी पहल में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी। इसलिए कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के साथ लोगों के बीच जाकर मैं उनका आशीर्वाद पाने को लेकर आश्वस्त हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है।'' रेड्डी ने कहा कि मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नई पहल में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं, जिसने कभी हार नहीं मानी। इसलिए कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के साथ लोगों के बीच जाकर मैं उनका आशीर्वाद पाने को लेकर आश्वस्त हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है। दरअसल, 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है। रेड्डी ने कहा कि मैंने गंगावती में एक घर बनाया है। वहां मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा। गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं।

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बेंगलुरु। कर्नाटक में अब भाजपा में फूट पड़ती नजर आ रही है। ताजा खबर है कि राज्य में मंत्री रह चुके खनन व्यवसायी गली जनार्दन रेड्डी पार्टी से अलग हो गए हैं। उन्होंने रविवार को ही अपनी नई पार्टी बनाने का एलान किया है। इसका नाम कल्याण राज्य प्रगति पक्ष रखने की घोषणा की गई है। इसी के साथ उन्होंने यह भी एलान किया कि वे आने वाले विधानसभा चुनाव में गंगावटी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे।

रेड्डी बंधु के नाम से विख्यात जनार्दन रेड्डी ने बीजेपी से नाता तोड़ते हुए कहा कि भाजपा नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है। राज्य और यहां के लोगों ने माना कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा झूठी निकली। आज मैं ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ की घोषणा कर रहा हूं। आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे।

चुनावी राजनीति में फिर से प्रवेश करते हुए उन्होंने यह भी ऐलान किया कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि इस कदम का बल्लारी क्षेत्र में भाजपा पर कुछ प्रभाव पड़ सकता है। पार्टी ने भी घटनाक्रम पर सधी हुई प्रतिक्रिया व्यक्त की और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि वह जब सोमवार को नयी दिल्ली जाएंगे तो इस मुद्दे पर नेतृत्व के साथ चर्चा करेंगे।

रेड्डी ने कहा, ‘‘भाजपा नेताओं के यह कहने के बावजूद कि मैं पार्टी का सदस्य नहीं हूं और पार्टी से मेरा कोई संबंध नहीं है, राज्य और यहां के लोगों ने माना कि मैं उस पार्टी से हूं, यह धारणा झूठी निकली। आज मैं ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ की घोषणा कर रहा हूं। जो मेरी अपनी सोच के साथ, बासवन्ना (12वीं शताब्दी के समाज सुधारक) की सोच के साथ, धर्म और जाति के नाम पर विभाजनकारी राजनीति के खिलाफ है।”

उन्होंने पत्रकारों से यहां कहा कि आने वाले दिनों में वह पार्टी को संगठित करने और लोगों के साथ अपने विचार साझा करने के लिए राज्य भर में यात्रा करेंगे। रेड्डी ने कहा, ‘‘मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नयी पहल में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं जिसने कभी हार नहीं मानी। इसलिए कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के साथ लोगों के बीच जाकर मैं उनका आशीर्वाद पाने को लेकर आश्वस्त हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है।”

रेड्डी ने कहा कि मैं अपने जीवन में अब तक किसी भी नई पहल में कभी असफल नहीं हुआ। मैं उनमें से हूं, जिसने कभी हार नहीं मानी। इसलिए कल्याण राज्य प्रगति पक्ष के साथ लोगों के बीच जाकर मैं उनका आशीर्वाद पाने को लेकर आश्वस्त हूं और भविष्य में कर्नाटक के कल्याणकारी राज्य बनने में कोई संदेह नहीं है। दरअसल, 2018 के राज्य विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा था कि भाजपा का जनार्दन रेड्डी से कोई लेना-देना नहीं है। रेड्डी ने कहा कि मैंने गंगावती में एक घर बनाया है। वहां मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराया है। मैं वहां से चुनाव लड़ूंगा। गौरतलब है कि करोड़ों रुपये के अवैध खनन मामले में आरोपी रेड्डी 2015 से जमानत पर हैं।

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