Ukraine में बिगड़ती मानवीय स्थिति से काफी चिंतित है भारत- तिरुमूर्ति
संयुक्त राष्ट्र (भाषा)। संयुक्त राष्ट्र में भारत के शीर्ष राजनयिक ने कहा है कि देश ने युद्ध प्रभावित यूक्रेन से 22,500 भारतीयों की वापसी सुनिश्चित करने के साथ-साथ 18 अन्य देशों की उनके नागरिकों को निकालने में भी मदद की है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत टी एस तिरुमूर्ति ने यूक्रेन में बिगड़ती मानवीय स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए प्रभावित लोगों की मानवीय जरूरतों का निदान करने की ‘तत्काल जरूरत’ बताई। यूक्रेन पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ब्रीफिंग में तिरुमूर्ति ने कहा कि यह अहम है कि मानवीय उपाय हमेशा मानवता, तटस्थता, निष्पक्षता और स्वतंत्रता के सिद्धांतों से निर्देशित हों।
उन्होंने कहा, “ इन उपायों का राजनीतिकरण नहीं किया जाना चाहिए।” तिरुमूर्ति ने यह भी कहा, “भारत मौजूदा स्थिति पर काफी चिंतित है, जो शत्रुता की शुरुआत के बाद से लगातार बिगड़ती रही है। संघर्ष की वजह से नागरिकों की जानें गई हैं। आंतरिक रूप से हजारों लोगों का विस्थापन हुआ और 30 लाख से अधिक शरणार्थी पड़ोसी देशों में चले गए हैं। मानवीय स्थिति खराब हुई है, खासकर वहां जहां लड़ाई चल रही है।” उन्होंने कहा कि भारत ने यूक्रेन से करीब 22500 भारतीयों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित की है।
भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने कहा, “ इस प्रक्रिया में (लोगों को निकलने की) हमने 18 अन्य देशों की मदद भी की है। हम यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों के अधिकारियों की लोगों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने में सहूलियत प्रदान करने के लिए सराहना करते हैं।”तिरुमूर्ति ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया है और इस बत पर जोर दिया है कि बातचीत और कूटनीति के रास्ते के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम संयुक्त राष्ट्र चार्टर, अंतरराष्ट्रीय कानून और राष्ट्रों की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की जरूरत को रेखांकित करना जारी रखेंगे।”अमेरिका, अलबानिया, ब्रिटेन, फ्रांस, आयरलैंड और नॉर्वे ने यूक्रेन में मानवीय स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक का अनुरोध किया था।
तिरुमूर्ति ने बताया कि भारत ने यूक्रेन और उसके पड़ोसियों को एक मार्च से 90 टन से ज्यादा आपूर्ति भेजी है, जिनमें जरूरी दवाएं और आवश्यक राहत सामग्री शामिल है। उल्लेखनीय है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने का ऐलान किया था।