सीमा पर अब घुसपैठ हुई तो देंगे करारा जवाब ,हमारी तैयारी पूरी : सेना प्रमुख मनोज पांडे

नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन को साफ शब्दों में घुसपैठ को लेकर चेताया है। सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव बढ़ने का संभावित कारण बना हुआ है और भारत किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। मनोज पांडे ने कहा कि चीन ने बल जुटाने और सैन्य ऑपरेशन को चलाने के लिए महत्वपूर्ण क्षमता अर्जित की है और लंबे समय से लंबित सीमा समस्या के साथ इन चीजों को अलग नहीं किया जा सकता है। जनरल पांडे ने कहा कि पिछले समझौतों के उल्लंघन में एलएसी के पार घुसपैठ करने के चीनी प्रयास भारत के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं, लेकिन सेना की तैयारी उच्च स्तर की बनी हुई है। सेना प्रमुख सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय और नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेजी द्वारा आयोजित 'चीन का उदय और दुनिया के लिए इसके प्रभाव' पर दूसरी रणनीतिक वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे परिचालन वातावरण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू अस्थिर और विवादित सीमाओं की हमारी विरासत की चुनौतियां बनी हुई हैं। मनोज पांडे ने कहा कि चीन-भारत सीमा प्रबंधन के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है क्योंकि अगर हम कमजोर पड़े तो व्यापक संघर्ष हो सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे पास एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए सैन्य क्षेत्र में चीन के साथ कई समझौते हैं, लेकिन चीन द्वारा इनका उल्लंघन चिंता का विषय है। जनरल पांडे ने जोर देते हुए कहा कि दशकों पुराने सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं है।

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नई दिल्ली। सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने चीन को साफ शब्दों में घुसपैठ को लेकर चेताया है। सेना प्रमुख ने कहा कि घुसपैठ चीन के साथ वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर तनाव बढ़ने का संभावित कारण बना हुआ है और भारत किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए तैयार है।

मनोज पांडे ने कहा कि चीन ने बल जुटाने और सैन्य ऑपरेशन को चलाने के लिए महत्वपूर्ण क्षमता अर्जित की है और लंबे समय से लंबित सीमा समस्या के साथ इन चीजों को अलग नहीं किया जा सकता है। जनरल पांडे ने कहा कि पिछले समझौतों के उल्लंघन में एलएसी के पार घुसपैठ करने के चीनी प्रयास भारत के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं, लेकिन सेना की तैयारी उच्च स्तर की बनी हुई है।

सेना प्रमुख सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय और नई दिल्ली स्थित सेंटर फॉर चाइना एनालिसिस एंड स्ट्रैटेजी द्वारा आयोजित ‘चीन का उदय और दुनिया के लिए इसके प्रभाव’ पर दूसरी रणनीतिक वार्ता में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि हमारे परिचालन वातावरण का सबसे महत्वपूर्ण पहलू अस्थिर और विवादित सीमाओं की हमारी विरासत की चुनौतियां बनी हुई हैं।  

मनोज पांडे ने कहा कि चीन-भारत सीमा प्रबंधन के लिए कड़ी निगरानी की आवश्यकता है क्योंकि अगर हम कमजोर पड़े तो व्यापक संघर्ष हो सकता है। सेना प्रमुख ने कहा कि जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे पास एलएसी पर शांति बनाए रखने के लिए सैन्य क्षेत्र में चीन के साथ कई समझौते हैं, लेकिन चीन द्वारा इनका उल्लंघन चिंता का विषय है।

जनरल पांडे ने जोर देते हुए कहा कि दशकों पुराने सीमा मुद्दे को द्विपक्षीय संबंधों से अलग नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बीजिंग के साथ उसके संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति नहीं है।

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