-मणिपुर में आधी आबादी मैतेई समुदाय की
-मैतेई समुदाय मांग रहा है आरक्षण, नगा-कुकी जनजाति कर रहा विरोध
नई दिल्ली।मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच 3 मई से चली आ रही हिंसा थम नहीं रही है। शुक्रवार को राजधानी इंफाल से लगे कुकी बहुल खोकेन गांव में अलग-अलग वारदात में तीन लोगों की मौत हो गई। इंफाल वेस्ट जिले के एक गांव में शुक्रवार को सुरक्षाकर्मियों के भेष में आये उग्रवादियों ने तीन लोगों को तलाशी अभियान के बहाने उनके घर से बाहर बुलाया और उनपर गोली चला दी, जिससे उनकी मौत हो गयी।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक मणिपुर के कांगपोकी और इंफाल वेस्ट जिलों की सीमा पर स्थित कुकी समुदाय के गांव में वारदात को अंजाम दिया गया। अधिकारी ने कहा कि उग्रवादी मेइती समुदाय के माने जा रहे हैं। गांव की नियमित गश्त पर निकले सुरक्षा बल गोली चलने की आवाज सुनकर वहां पहुंचे लेकिन तब तक उग्रवादी इलाके से भाग गये। भागने से पहले उन्होंने तीन लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
मणिपुर में हुई हिंसा के मामले में शुक्रवार को CBI ने DIG रैंक के अफसर के नेतृत्व में स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम (SIT) का गठन कर दिया है। CBI मणिपुर में समुदायिक हिंसा से जुड़े छह मामलों की जांच कर रही है।
CBI ने मणिपुर हिंसा के संबंध में 6 केस दर्ज किए। जांच के लिए SIT बनाई है, इसमें 10 सदस्य हैं। बीते 24 घंटों में मणिपुर के इंफाल ईस्ट, काकचिंग, टेंग्नौपाल और बिष्णुपुर जिलों में 57 हथियार, 1,588 गोला-बारूद और 23 बम बरामद किए हुए हैं। हिंसा के बाद से अब तक राज्य में कुल 953 हथियार, 13,351 गोला बारूद और 223 बम बरामद किए गए हैं।
इधर, सुप्रीम कोर्ट की वैकेशनल बेंच ने राज्य में 3 मई से लगे इंटरनेट बैन पर फौरन सुनवाई से इनकार कर दिया। जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच ने कहा कि मामला पहले से हाईकोर्ट में है। इस पर सुनवाई होने दें। याचिका एडवोकेट चोंगथम विक्टर सिंह और बिजनेसमैन मायेंगबाम जेम्स ने दायर की थी।
इधर, गुरुवार देर रात दो लोगों ने इंफाल में भाजपा विधायक सोराईसाम केबी के घर बम से हमला कर दिया। पुलिस के मुताबिक, दो लोग बाइक से आए और उन्होंने खुले गेट के अंदर IED बम फेंक दिया। जिसके बाद तेज धमाका हुआ। हालांकि इस घटना में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। विधायक सोराईसाम केबी ने मीडिया से कहा, यह बेहद अपमानजनक और परेशान करने वाला है कि राज्य में व्याप्त अशांति के बीच मेरे घर पर इस तरह का विस्फोट हुआ। उन्होंने इस घटना के पीछे के लोगों से अपील की कि वे भविष्य में कहीं भी इस तरह की गतिविधियों को न दोहराएं। विधायक ने आगे कहा, हम सभी इंसान हैं और दोनों समुदायों के बीच जो भी मनमुटाव है उसे बम के बिना सुलझाया जा सकता है।
28 मई को कांग्रेस विधायक के घर लगाई गई थी आग
मणिपुर में पिछले 10 दिनों में विधायक के घर पर यह दूसरा हमला है। इससे पहले 28 मई को कांग्रेस विधायक रंजीत सिंह के सेरो गांव स्थित घर पर हमला हुआ था। कुछ लोग सेरो गांव में आए और उन्होंने विधायक रंजीत के घर में तोड़फोड़ शुरू कर दी। विधायक और उनका परिवार बाल-बाल बच गया। हिंसक भीड़ ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान करीब 100 घरों में आग लगाई गई थी।
मणिपुर में हिंसा को लेकर CM से लेकर गृहमंत्री तक कई राउंड की बैठकें कर चुके हैं। गृहमंत्री अमित शाह 29 मई से एक जून तक मणिपुर के दौरे पर थे। उन्होंने दोनों समुदाय के लोगों से शांति बनाए रखने की बात भी की थी। शाह ने 1 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोगों से हथियार सरेंडर करने की अपील की थी। इसके बाद उपद्रवियों ने 144 हथियार और 11 मैगजीन सरेंडर किए थे। इनमें SLR 29, कार्बाइन, AK, इंसास राइफल, इंसास LMG, M16 राइफल जैसी हाईटेक राइफल्स और ग्रेनेड सरेंडर किए गए थे।
मणिपुर के पहाड़ी और घाटी इलाके में सेना का सर्च ऑपरेशन अभी भी जारी है। बुधवार को एक जॉइंट कॉम्बिंग ऑपरेशन में सेना के जवानों और पुलिस बल ने 29 हथियार बरामद किए हैं। सेना की स्पीयर कोर विंग ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी। बरामद हथियारों में ज्यादातर ऑटोमैटिक हथियार हैं। वहीं कुछ मोर्टार, हैंडग्रेनेड और जंगी सामान भी बरामद किया गया है।
इससे पहले मंगलवार को मणिपुर सरकार के सिक्योरिटी एडवाइजर कुलदीप सिंह ने बताया था कि पिछले 24 घंटों के दौरान इंफाल ईस्ट के पोरोमपत और काकचिंग जिले के सुगनू से कुल 57 हथियार, 318 गोला बारूद और पांच बम बरामद किए गए हैं।घाटी जिलों में 12 और पहाड़ी जिलों में 10 घंटे के लिए कर्फ्यू से ढील दी गई। मणिपुर के पांच घाटी जिलों में फिलहाल 12 घंटे और पहाड़ी जिलों में 8 से 10 घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है। छह अन्य पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू नहीं है। NH-37 से जरूरी सामान की ट्रांसपोर्टिंग शुरू हो चुकी है। बुधवार को 244 ट्रक इंफाल से जिरीबाम के लिए रवाना हुए थे। 212 लोडेड टैंकर और ट्रक जिरिबाम से रवाना हुए थे। वहीं, अब तक कुल 212 लोडेड वाहन नोनी से रवाना हुए हैं।
इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल
मणिपुर की लगभग 38 लाख की आबादी में से आधे से ज्यादा मैतेई समुदाय के लोग हैं। मणिपुर के लगभग 10% क्षेत्रफल में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल है। हाल ही में मणिपुर हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल करने पर विचार करने के आदेश जारी किए हैं।
मैतेई समुदाय के लोगों का तर्क है कि 1949 में भारतीय संघ में विलय से पूर्व उन्हें रियासतकाल में जनजाति का दर्जा प्राप्त था। पिछले 70 साल में मैतेई आबादी 62 फीसदी से घटकर लगभग 50 फीसदी के आसपास रह गई है। अपनी सांस्कृतिक पहचान के लिए मैतेई समुदाय आरक्षण मांग रहा है।
मणिपुर की नगा और कुकी जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। राज्य के 90% क्षेत्र में रहने वाला नगा और कुकी राज्य की आबादी का 34% हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। राजनीतिक रूप से मैतेई समुदाय का पहले से ही मणिपुर में दबदबा है। नगा और कुकी जनजातियों को आशंका है कि ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों में बंटवारा होगा। मौजूदा कानून के अनुसार मैतेई समुदाय को राज्य के पहाड़ी इलाकों में बसने की इजाजत नहीं है।
मणिपुर में हालिया हिंसा का कारण मैतेई आरक्षण को माना जा सकता है। पिछले साल अगस्त में मुख्यमंत्री बीरेन सिंह की सरकार ने चूराचांदपुर के वनक्षेत्र में बसे नगा और कुकी जनजाति को घुसपैठिए बताते हुए वहां से निकालने के आदेश दिए थे। इससे नगा-कुकी नाराज चल रहे थे। मैतेई हिंदू धर्मावलंबी हैं, जबकि ST वर्ग के अधिकांश नगा और कुकी ईसाई धर्म को मानने वाले हैं।