समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए बने सरकारी पैनल गलत नहीं : सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए पैनल के खिलाफ एक याचिका को खारिज कर दिया है। उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता को लागू करने की व्यवहार्यता की जांच के लिए ये पैनल का गठन किया गया है। इस पैनल को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि राज्यों के पास ऐसा करने की शक्ति है। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कमेटी का गठन करना किसी भी तरह से गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि UCC को लागू करने से पहले उसके हर पहलू पर ध्यानपूर्वक विचार करने के लिए ही इसका गठन हुआ है। गुजरात और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में UCC को बड़ा मुद्दा बनाने वाली भाजपा हमेशा से देशभर में इसको लागू करने की बात करती आई है। इन दोनों राज्यों में UCC लागू करने के ऐलान के बाद सरकारी पैनल गठित करने के फैसले के खिलाफ याचिका का खारिज होना भी भाजपा के लिए बड़ी जीत है। क्या है UCC? भारत में कई धर्म के लोग रहते हैं, जो अपनी प्रथाओं के हिसाब से शादी, तलाक, जमीन-जायदाद आदि का बंटवारा करते हैं। इसी को खत्म करने के लिए कई पार्टियां समान नागरिक संहिता की बात कर रही हैं। इसके मुताबिक भारत में रहने वाले सभी धर्म और जातियों पर एक ही तरह का नियम लागू होगा। इसके अलावा अलग-अलग धर्मों के नियम की वजह से न्यायपालिका पर भी ज्यादा बोझ पड़ता है। UCC लागू होने से वो कम हो जाएगा। वैसे ज्यादातर बीजेपी शासित राज्य इसको लाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस समेत कई दल इस पर सवाल उठा रहे हैं।

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नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए पैनल के खिलाफ एक याचिका को खारिज कर दिया है। उत्तराखंड और गुजरात में समान नागरिक संहिता को लागू करने की व्यवहार्यता की जांच के लिए ये पैनल का गठन किया गया है। इस पैनल को चुनौती देने वाली जनहित याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि राज्यों के पास ऐसा करने की शक्ति है।

सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता को लागू करने के लिए कमेटी का गठन करना किसी भी तरह से गलत नहीं है। कोर्ट ने कहा कि UCC को लागू करने से पहले उसके हर पहलू पर ध्यानपूर्वक विचार करने के लिए ही इसका गठन हुआ है।

गुजरात और उत्तराखंड के विधानसभा चुनाव में UCC को बड़ा मुद्दा बनाने वाली भाजपा हमेशा से देशभर में इसको लागू करने की बात करती आई है। इन दोनों राज्यों में UCC लागू करने के ऐलान के बाद सरकारी पैनल गठित करने के फैसले के खिलाफ याचिका का खारिज होना भी भाजपा के लिए बड़ी जीत है।

क्या है UCC?

भारत में कई धर्म के लोग रहते हैं, जो अपनी प्रथाओं के हिसाब से शादी, तलाक, जमीन-जायदाद आदि का बंटवारा करते हैं। इसी को खत्म करने के लिए कई पार्टियां समान नागरिक संहिता की बात कर रही हैं। इसके मुताबिक भारत में रहने वाले सभी धर्म और जातियों पर एक ही तरह का नियम लागू होगा। इसके अलावा अलग-अलग धर्मों के नियम की वजह से न्यायपालिका पर भी ज्यादा बोझ पड़ता है। UCC लागू होने से वो कम हो जाएगा। वैसे ज्यादातर बीजेपी शासित राज्य इसको लाने के पक्ष में हैं, लेकिन कांग्रेस समेत कई दल इस पर सवाल उठा रहे हैं।

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