नई दिल्ली। गौतम अडानी को मोदी सरकार से मिलकर अनैतिक सहायता पर राहुल गाँधी सहित विपक्षी दल के नेता सरकार से लगातार सवाल कर रहे थे। अमेरिका में भी गौतम अडानी पर कई आरोप लगे जो अडानी पर दबाव का कारण बना। इसी बीच गौतम एस. अडानी ने 5 अगस्त, मंगलवार को अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के कार्यकारी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। अब गौतम एस. अडानी कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी नहीं रहेंगे।
अडानी पोर्ट्स के शेयर गिरे
अदानी पोर्ट्स ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कंपनी ने कहा, ” बोर्ड ने 5 अगस्त, 2025 से श्री गौतम एस. अदानी को कार्यकारी अध्यक्ष से गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में पुनः नामित करने को मंज़ूरी दे दी है और इसके परिणामस्वरूप, वह कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय कर्मचारी नहीं रहेंगे।” शेयरधारकों की मंजूरी मिलने के बाद ही यह नियुक्ति पक्की होगी। मंजूरी तीन महीने के अंदर लेनी होगी। वहीं, गौतम अडानी इसी दिन से कंपनी के चेयरमैन नहीं रहेंगे। वह सिर्फ नॉन-एग्जीक्यूटिव चेयरमैन रहेंगे। पहली तिमाही में कंपनी का मुनाफा 7% बढ़कर 3,310.60 करोड़ रुपये हो गया, लेकिन इसके बावजूद अडानी पोर्ट्स के शेयर गिरे।
अभी तो सितंबर भी नहीं आया लेकिन गौतम अदाणी ने पद छोड़ दिया। ट्रंप के दबाव में गौतम अदानी ने दिया इस्तीफा? मार्केट कैप के लिहाज से अदाणी समूह की सबसे बड़ी कंपनी अदानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड ने कहा कि कंपनी के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन गौतम अडानी अब नॉन-एक्जीक्यूटिव चेयरमैन होंगे। इसका मतलब है कि अदाणी ग्रुप के चेयरमैन कंपनी के प्रमुख प्रबंधकीय पद से हट जाएंगे। इस कंपनी का कुल बाजार पूंजीकरण 2,93,995 करोड़ रुपये है।
दिलचस्प यह है कि इसी दिन कंपनी ने वित्त वर्ष 2025-26 की पहली के नतीजे भी जारी किए हैं। इसमें पिछले साल के मुकाबले 7% का मुनाफा हुआ है। हालांकि, इन नतीजों के बावजूद अडानी पोर्ट्स के शेयर 2.38% गिरकर बंद हुए।
कंपनी ने मनीष केजरीवाल को तीन साल के शुरुआती कार्यकाल के लिए अतिरिक्त गैर-कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया है। वह एक निजी इक्विटी फर्म के संस्थापक और प्रबंध भागीदार हैं।गौतम अडानी, अडानी समूह के अध्यक्ष और संस्थापक हैं और उनके पास 33 वर्षों का व्यावसायिक अनुभव है।
कंपनी ने बताया कि उनके नेतृत्व में, अडानी समूह संसाधन, रसद और ऊर्जा क्षेत्रों में रुचि रखने वाली एक वैश्विक एकीकृत बुनियादी ढाँचा कंपनी के रूप में उभरा है।अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड (APSEZ) ने लॉजिस्टिक्स और समुद्री परिचालन में बड़ी उछाल के कारण तिमाही राजस्व में 21% की वार्षिक वृद्धि दर्ज की।
APSEZ के पूर्णकालिक निदेशक एवं सीईओ श्री अश्विनी गुप्ता ने कहा, “इस तिमाही में 21% राजस्व वृद्धि हमारे लॉजिस्टिक्स और समुद्री व्यवसायों में असाधारण गति के कारण हुई है, जो क्रमशः 2 गुना और 2.9 गुना बढ़ी है।”
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कहा जाता है कि APSEZ ऑस्ट्रेलिया के NQXT पोर्ट का अधिग्रहण कर रहा है, जो एक प्राकृतिक गहरे पानी का, बहु-उपयोगकर्ता निर्यात टर्मिनल है जिसकी नेमप्लेट क्षमता 50 MTPA है। अडानी पोर्ट्स की अब अखिल भारतीय कार्गो बाजार में 27.8% हिस्सेदारी है और कंटेनर बाजार में 45.2% हिस्सेदारी है।
कंपनी ने सार्वजनिक-निजी भागीदारी के तहत अपने कोलंबो वेस्ट इंटरनेशनल टर्मिनल पर परिचालन शुरू किया, जिसका लक्ष्य सालाना 3.2 मिलियन टीईयू को संभालना है। अडानी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन लिमिटेड के शेयर मंगलवार को बीएसई पर दोपहर 13:52 बजे 1381.90 रुपये प्रति यूनिट पर कारोबार कर रहे थे। अडानी समूह का एक हिस्सा APSEZ, भारत में सबसे बड़ा बंदरगाह डेवलपर और ऑपरेटर है।
अडानी पोर्ट्स के आए नतीजे
मंगलवार को अडानी पोर्ट्स के नतीजे भी आए। चालू वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही में कंपनी का एकीकृत शुद्ध लाभ 6.54 फीसदी बढ़कर 3,310.60 करोड़ रुपये हो गया। कंपनी का पिछले वित्त वर्ष 2024-25 की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में शुद्ध मुनाफा 3,107.23 करोड़ रुपये रहा था।
APSEZ ने शेयर बाजार को दी सूचना में बताया कि समीक्षाधीन तिमाही में उसकी कुल आय बढ़कर 9,422.18 करोड़ रुपये हो गई। यह एक साल पहले इसी तिमाही में 8,054.18 करोड़ रुपये थी। कंपनी का खर्च भी सालाना आधार पर 4,238.94 करोड़ रुपये से बढ़कर 5,731.88 करोड़ रुपये हो गया।
कंपनी के सीईओ ने दी रिजल्ट पर ये जानकारी
EBITDA 13% बढ़कर 5,495 करोड़ रुपये हो गया। अडानी के लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस में अच्छी ग्रोथ हुई है। इससे कंपनी को यह सफलता मिली है। अडानी पोर्ट्स के होल-टाइम डायरेक्टर और सीईओ अश्विनी गुप्ता ने कंपनी की आय में हुई बढ़ोतरी पर बात की। उन्होंने कहा, ‘इस तिमाही में 21% की आय बढ़ोतरी हमारे लॉजिस्टिक्स और मरीन बिजनेस की वजह से हुई है। ये 2 गुना और 2.9 गुना बढ़े हैं।’ कंपनी का फोकस अपने ट्रांसपोर्ट यूटिलिटी अप्रोच को बढ़ाने पर है। इससे उसे अच्छे नतीजे मिल रहे हैं।