-घटिया बीजों के कारण पैदावार पर भी पड़ता है असर
-किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलना सुनिश्चित हो जाए तो उपज में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है।
नई दिल्ली। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नकली बीजों की बिक्री पर अंकुश लगाने के मकसद से उसके बारे में पता लगाने और प्रमाणीकरण के लिए पोर्टल तथा मोबाइल ऐप लॉन्च किया है। एक सरकारी बयान के मुताबिक, तोमर ने साथी (SATHI- सीड ट्रैसेबिलिटी, ऑथेंटिकेशन एंड होलिस्टिक इन्वेंटरी) नाम से पोर्टल और मोबाइल ऐप को पेश किया। यह बीज के बारे में पता लगाने, उसके प्रमाणीकरण और भंडार के लिए एक सेंट्रलाइज्ड ऑनलाइन व्यवस्था है।
इस सिस्टम में क्यूआर कोड होगा, जिसके माध्यम से इसकी पहचान हो सकेगी। कृषि मंत्रालय ने इसे सभी राज्यों से अपनाने का आग्रह किया है। मंत्रालय का दावा है कि पोर्टल की मदद से घटिया और नकली बीज की पहचान आसानी से होगी। बीज खरीदने में किसानों के साथ धोखाधड़ी नही होगी। उत्तम बीज-समृद्ध किसान योजना के तहत इस पोर्टल एवं ऐप को बीज उत्पादन, उसकी गुणवत्ता, पहचान और प्रमाणन की चुनौतियों का पता लगाने के लिए विकसित की गई है। साथी अंग्रेजी के पांच अक्षरों से मिलकर बना है। इसका अर्थ है सीड ट्रेसेबिलिटी, आथेंटिकेशन एवं होलिस्टिक इन्वेंटरी।
पोर्टल एवं मोबाइल एप्लीकेशन के सहारे मिनटों में खेती-किसानी से जुड़ी कई तरह की सुविधाएं मिल जाएंगी। सरकार ने यह भी व्यवस्था बनाई है कि सिर्फ वैध लाइसेंस वाले विक्रेता ही पंजीकृत किसानों को प्रमाणित बीज बेच सकते हैं। किसानों के बैंक खाते में डीबीटी के माध्यम से सब्सिडी की राशि सीधे भेजी जाएगी। आमतौर पर घटिया बीजों के चलते पैदावार पर भी असर पड़ता है। किसानों को लागत मूल्य भी नहीं आ पाता। किसानों को नुकसान होता है। इसलिए ऐसी व्यवस्था बनाना जरूरी था जिससे खेतों तक घटिया बीज नहीं पहुंच सके।
मंत्रालय का मानना है कि अगर किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बीज मिलना सुनिश्चित हो जाए तो उपज में कम से कम 20 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। इस प्रणाली में बीजों को सात स्तर पर परीक्षण के दौर से गुजरना पड़ सकता है। अनुसंधान संगठन, बीज प्रमाणन, लाइसेंस, कैटलाग, डीलर से किसान की बिक्री, किसान पंजीकरण और बीज प्रत्यक्ष लाभ भी शामिल हैं।