नई दिल्ली। महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को शुक्रवार को झटका लगा। भारत निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को शिवसेना नाम दिए जाने का आदेश दिए। आयोग ने कहा कि एकनाथ शिंदे की पार्टी द्वारा चुनाव चिह्न तीर और कमान बरकरार रखा जाएगा। गौरतलब है कि शिवसेना के दोनों धड़े (एकनाथ शिंदे और उद्धव ठाकरे) पिछले साल शिंदे (महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री) द्वारा ठाकरे के खिलाफ विद्रोह करने के बाद से पार्टी के तीर-कमान के चुनाव चिह्न के लिए लड़ रहे हैं।
आयोग (ईसीआई) ने कहा कि शिवसेना का मौजूदा संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक मंडली के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त किया गया है। इस तरह की पार्टी संरचनाएं भरोसा पैदा करने में विफल रहती हैं। बता दें कि चुनाव आयोग ने शिवसेना विवाद पर अपना फैसला सुनाया है। इस फैसले से मौजूदा मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को बड़ी राहत मिली है। चुनाव आयोग ने आदेश दिया कि एकनाथ शिंदे गुट द्वारा पार्टी का नाम शिवसेना और पार्टी का प्रतीक तीर-कमान रखा जाएगा।
चुनाव आयोग ने पाया कि 2018 में संशोधित शिवसेना का संविधान भारत के चुनाव आयोग को नहीं दिया गया। 1999 के पार्टी संविधान में लोकतांत्रिक मानदंडों को पेश करने के अधिनियम को संशोधनों ने रद्द कर दिया था, जिसे आयोग के आग्रह पर दिवंगत बालासाहेब ठाकरे द्वारा लाया गया था। आयोग ने यह भी कहा कि शिवसेना के मूल संविधान के अलोकतांत्रिक मानदंड, जिन्हें 1999 में आयोग द्वारा स्वीकार नहीं किया गया था, को गोपनीय तरीके से वापस लाया गया, जिससे पार्टी एक जागीर के समान हो गई।
भारत के चुनाव आयोग ने देखा कि शिवसेना का वर्तमान संविधान अलोकतांत्रिक है। बिना किसी चुनाव के पदाधिकारियों के रूप में एक गुट के लोगों को अलोकतांत्रिक रूप से नियुक्त करने के लिए इसे विकृत कर दिया गया है। इस तरह की पार्टी की संरचना विश्वास को प्रेरित करने में विफल रहती है। ऐसे में चुनाव आयोग ने साफ कर दिया कि शिवसेना का पार्टी का नाम, ‘धनुष और तीर’ चिह्न एकनाथ शिंदे गुट के पास बरकरार रहेगा। इसी बीच चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को सलाह दी कि वे लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करें और नियमित रूप से अपनी वेबसाइटों पर पार्टी के आंतरिक कामकाज से जुड़े पहलुओं का खुलासा करें।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने ट्विटर पर अपनी प्रोफाइल फोटो अपडेट की और तस्वीर के रूप में शिवसेना के ‘धनुष-तीर’ का चिह्न लगाया। चुनाव आयोग के फैसले पर उद्धव ठाकरे गुट के नेता संजय राउत का बयान सामने आया। जिसमें उन्होंने अपना गुस्सा जाहिर किया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि जनता उनके साथ है। संजय राउत ने कहा कि इस सरकार ने करोड़ो रुपये पानी की तरह बहाया है, वो पानी कहां तक पहुंचा है ये दिख रहा है। हमें फिक्र करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि जनता हमारे साथ है। हम नया चिह्न लेकर जाएंगे और फिर एक बार यही शिवसेना खड़ी करके दिखाएंगे।
आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को लोकतांत्रिक लोकाचार और पार्टी के आंतरिक लोकतंत्र के सिद्धांतों को प्रतिबिंबित करने और नियमित रूप से अपनी संबंधित वेबसाइटों पर अपनी पार्टी के आंतरिक कामकाज के पहलुओं का खुलासा करने की भी सलाह दी, जैसे कि संगठनात्मक विवरण, चुनाव आयोजित करना, संविधान की प्रति और पदाधिकारियों की सूची।