नई दिल्ली। इलेक्शन कमीशन ने गुरुवार को केंद्र सरकार को चुनावी राज्यों में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ न निकालने के निर्देश दिए। इसके लिए कमीशन ने कैबिनेट सेक्रेटरी राजीव गौबा को एक लेटर लिखा है। कमीशन का केंद्र से कहना है कि 5 दिसंबर तक जहां आचार संहिता लागू है, वहां ये यात्रा न निकाला जाए। इस पर सरकार ने कहा कि हम इस निर्देश का पालन करेंगे। दरअसल, राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे।
इन राज्यों में नवंबर में अलग-अलग तारीखों पर मतदान होगा और नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए जाएंगे। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा को भेजे पत्र में चुनाव आयोग ने सरकार से चुनावी राज्यों तथा उपचुनाव वाले नगालैंड के तापी निर्वाचन क्षेत्र में ‘जिला रथ प्रभारियों’ की नियुक्ति भी नहीं करने को कहा है।
20 नवंबर से शुरू होगी ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’
केंद्र सरकार ने देश भर में ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ निकालने का निर्णय लिया है, जो 20 नवंबर से शुरू होगी और अगले साल 25 जनवरी तक चलेगी। यह यात्रा देश की 2.7 लाख ग्राम पंचायतों में जाएगी। इस दौरान सभी 765 जिलों में सीनियर अधिकारियों को रथ प्रभारी के तौर पर नियुक्त किया जाएगा। यात्रा में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ आम जनता तक पहुंचाया जाएगा।
खड़गे बोले – सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग हो रहा है
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 22 अक्टूबर को पीएम मोदी को लेटर लिखकर केंद्र सरकार पर देश की सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। खड़गे ने दो पेज की चिट्ठी में लिखा- प्रवर्तन निदेशालय (ED) के अलावा आयकर विभाग और CBI पहले से ही भाजपा के चुनाव विभाग के रूप में काम कर रहे हैं, लेकिन सरकार के 18 अक्टूबर वाले आदेश ने पूरी सरकारी मशीनरी को ऐसे काम पर लगा दिया है, जैसे कि वे सत्तारूढ़ दल के एजेंट हों। लोकतंत्र और संविधान की रक्षा के लिए जरूरी है कि नौकरशाही और सशस्त्र बलों का राजनीतिकरण ना किया जाए।
आयोग ने कहा, ‘‘ आयोग के संज्ञान में लाया गया है कि मंत्रालयों को एक पत्र भेजकर उनसे 20 नवंबर, 2023 से प्रस्तावित विकसित भारत संकल्प यात्रा के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को विशेष अधिकारी के तौर पर ‘जिला रथ प्रभारी नामित करने को कहा गया है।” आयोग ने निर्देश दिया है कि उन निर्वाचन क्षेत्रों में उपरोक्त गतिविधियां नहीं की जानी चाहिए जहां आदर्श आचार संहिता पांच दिसंबर, 2023 तक प्रभाव में है।”
PM मोदी ने 6 महीने का समय तय किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6 महीने में सभी लोगों तक सरकारी योजनाओं को लाभ पहुंचाने का लक्ष्य तय किया है। इसके लिए ही विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली जाएगी। यात्रा में लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम किसान, फसल बीमा योजना, पोषण अभियान, उज्ज्वला योजना, आयुष्मान भारत, जनऔषधि योजना, विश्वकर्मा योजना और पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना का लाभ दिया जाएगा।
नौकरशाहों और सैनिकों को राजनीति से दूर रखें
खड़गे ने रक्षा मंत्रालय की ओर से 9 अक्टूबर को पारित आदेश का हवाला भी दिया, जिसमें छुट्टी पर गए सैनिकों को सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार में समय बिताने का निर्देश दिया गया था। उन्होंने कहा कि अगर सैनिक कई महीनों या सालों की मेहनत के बाद घर गया है तो उसे अपनी छुट्टी आजादी से बिताने का हक है। राजनीतिक उद्देश्यों के लिए उनकी छुट्टियों का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए। सिविल सेवकों और सैनिकों दोनों को ही राजनीति से दूर रखा जाए, खासकर चुनाव से पहले के महीनों में। यह आदेश तुरंत वापस लिया जाना चाहिए।
जेपी नड्डा बोले- यह शासन का मूल सिद्धांत
खड़गे के लेटर पर रिएक्शन देते हुए बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा- मुझे हैरानी होती है कि कांग्रेस पार्टी को योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने वाले लोकसेवकों से क्या परेशानी है। यह तो शासन का मूल सिद्धांत है, कांग्रेस इसके बारे में नहीं जानती ?
सरकार ने बृहस्पतिवार को स्पष्ट किया कि चुनावी राज्यों में यह यात्रा नहीं जाएगी। सूचना एवं प्रसारण सचिव अपूर्वा चंद्र ने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘चुनाव वाले राज्यों में जहां आदर्श आचार संहिता लागू है, वहां ‘विकसित भारत संकल्प यात्रा’ शुरू करने की कोई योजना नहीं है। चुनावी राज्यों में आदर्श आचार संहिता हटने पर यात्रा शुरू की जाएगी।” चंद्रा ने कहा, ‘‘अब से, हम सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) वैन के लिए ‘रथ’ शब्द का उपयोग नहीं करेंगे।” उन्होंने इस आलोचना को खारिज कर दिया कि सरकारी अधिकारियों को राजनीतिक अभियान के लिए लगाया जा रहा है।