चुनाव आयोग का ऐलान, देश के 12 और राज्यों में भी होगा SIR

हर मतदाता को यह फॉर्म घर पर दिया जाएगा। जब BLO घर-घर जाकर फॉर्म देंगे, तो वे उसमें दर्ज नाम का मिलान 2003 की मतदाता सूची से करेंगे। अगर नाम और माता-पिता के नाम का विवरण सूची से मेल खाता है, तो मतदाता को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

DrashtaNews

नई दिल्ली (एजेंसी)। चुनाव आयोग ने ऐलान किया है कि बिहार कि तरह देश के 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में भी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) की प्रक्रिया शुरू होगी। मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि SIR के दूसरे चरण में वोटर लिस्ट के अपडेशन, नए वोटरों के नाम जोड़ने और त्रुटियों को सुधारा जाएगा। CEC ने कहा कि जिन राज्यों में SIR होगा, वहां मतदाता सूची आज रात फ्रीज कर दी जाएगी।

CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि आजादी के बाद देश में 9वीं बार वोटर लिस्ट का पुनरीक्षण किया जाएगा। गौरतलब है कि 1951 से 2004 तक आठ बार ऐसा पुनरीक्षण हो चुका है, जबकि सभी राजनीतिक दल समय-समय पर मतदाता सूची में खामियों की शिकायत करते रहे हैं।

SIR का दूसरा फेज शुरू

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि जिन राज्यों में विशेष गहन पुनरीक्षण होने वाला है, वहां की मतदाता सूची आज रात 12 बजे फ्रीज कर दी जाएगी। हर बूथ पर एक बीएलओ (BLO) और हर विधानसभा क्षेत्र में एक ERO (Electoral Registration Officer) तैनात रहेगा। ERO, SDM स्तर का एक अधिकारी होगा। आज ही सभी मतदाताओं के लिए इन्यूमेरेशन फॉर्म (EF) प्रिंट किए जाएंगे। प्रत्येक BLO कम से कम तीन बार हर घर जाकर जानकारी जुटाएंगे। जो मतदाता अपने क्षेत्र से बाहर हैं, वे यह फॉर्म ऑनलाइन भी भर सकेंगे। इस प्रक्रिया के दौरान किसी अतिरिक्त दस्तावेज या फॉर्म की आवश्यकता नहीं होगी।

CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि दूसरे चरण का SIR अंडमान एंड निकोबार, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, राजस्थान, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, और पश्चिम बंगाल में होगा। गौरतलब है कि अगले साल पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु, असम, पुड्डुचेरी में विधानसभा चुनाव होने हैं। इन बताए गए 12 राज्यों में कल से SIR की प्रक्रिया शुरू होगी। फाइनल ड्राफ्ट लिस्ट 7 फरवरी 2026 को जारी किया जाएगा।

असम में भी अगले साल विधानसभा चुनाव हैं, लेकिन वहां SIR का ऐलान नहीं किया गया है। इसको लेकर CEC ज्ञानेश कुमार ने बताया कि भारतीय नागरिकता कानून में असम की नागरिकता के लिए अलग कानून है। इसलिए असम के लिए अलग से SIR के आदेश जारी किए जाएंगे। वहीं, पश्चिम बंगाल में SIR को लेकर गतिरोध के सवाल पर चुनाव आयोग ने कहा कि वहां कोई गतिरोध नहीं है। संविधान के अंदर सभी संस्थाएं अपने अपने दायित्व का पालन करती है। चुनाव आयोग अपने दायित्व का पालन कर रहा है वहां की सरकार अपने दायित्व का पालन कर रही है।

क्या है SIR की प्रक्रिया?

चुनाव आयोग की SIR (Special Intensive Revision या विशेष गहन पुनरीक्षण) प्रक्रिया एक विशेष अभियान है, जिसके तहत मतदाता सूची का बारीकी से और व्यापक स्तर पर संशोधन किया जाता है ताकि वह अद्यतन, सटीक और त्रुटिरहित रहे।​
SIR की प्रक्रिया के तहत सबसे पहले इन्यूमेरेशन फॉर्म (Enumeration Forms) प्रिंट किए जाएंगे। जिन राज्यों में यह विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है, उनकी मतदाता सूची आज रात फ्रीज कर दी जाएगी। इसके बाद हर मतदाता को यह फॉर्म घर पर दिया जाएगा। जब BLO घर-घर जाकर फॉर्म देंगे, तो वे उसमें दर्ज नाम का मिलान 2003 की मतदाता सूची से करेंगे। अगर नाम और माता-पिता के नाम का विवरण सूची से मेल खाता है, तो मतदाता को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी।

मतदाताओं का सत्यापन

-SIR वह प्रक्रिया है जिसमें चुनाव आयोग घर-घर जाकर मतदाताओं का सत्यापन करवाता है, मतदाता सूची में नए नाम जोड़ता है, मृत या अयोग्य मतदाताओं के नाम हटाता है, सुधार करता है, और आवश्यकता पड़ने पर नाम या पता स्थानांतरित करता है।​

-यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब किसी क्षेत्र की मतदाता सूची में भारी असंतुलन या बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आती है, जैसे: मृत व्यक्तियों के नाम, डुप्लिकेट रजिस्ट्रेशन, अधूरी या गलत जानकारी वगैरह।​

-SIR आमतौर पर बड़े चुनाव या परिसीमन जैसी प्रशासनिक परिस्थितियों के बाद, या जब नियमित Annual Revision पर्याप्त नहीं होता, तभी शुरू की जाती है।​

प्रमुख चरण और अधिकारी
-बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) हर मतदान केंद्र (करीब 1000 वोटर) के लिए नियुक्त रहता है; यही घर-घर जाकर सत्यापन करता है और स्थानीय स्तर पर शुद्धता सुनिश्वित करता है।​

-विधानसभा क्षेत्र स्तर पर निर्वाचन पंजीकरण अधिकारी (ERO), SDM स्तर के अधिकारी होते हैं, जो मसौदा मतदाता सूची तैयार करते हैं, आपत्तियों का निपटारा करते हैं और अंतिम सूची प्रकाशित करते हैं।​

-BLO फॉर्म 6 (नया नाम जोड़ना), फॉर्म 7 (नाम हटाना), फॉर्म 8 (सुधार/स्थानांतरण) आदि प्रोसेस करवाता है।​

-BLO घर-घर जाकर सभी योग्य मतदाताओं की सूची बनाता है, उनके दस्तावेज़ देखता है, पुराने रिकॉर्ड्स (जैसे 2003 वाली सूची) से नाम मिलाता है।​

-हर उम्मीदवार को यूनिक एन्न्यूमरेशन फॉर्म दिया जाता है, जिसमें उसकी सारी डिटेल्स रहती हैं।​

-मतदाता स्वयं भी ऑनलाइन विवरण अपडेट कर सकता है।​

-जिनका नाम हटाना है या जोड़ना है, वे दावा/आपत्ति BLO या ERO के पास प्रस्तुत कर सकते हैं।

-यदि कोई मतदाता ERO के निर्णय से असंतुष्ट है, तो वह जिलाधिकारी (DM) के पास पहली अपील, और वहां से राज्य/UT के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) के पास दूसरी अपील कर सकता है।​

SIR और Annual Revision में अंतर
-Annual Revision हर साल होता है, जबकि SIR विशेष परिस्थितियों (जैसे बड़ी गड़बड़ी या अहम चुनाव) में कराया जाता है।​

SIR का उद्देश्य है- मतदाता सूची को पारदर्शी, सटीक व अद्यतन बनाना, ताकि सिर्फ योग्य नागरिक ही मतदाता सूची में रहें और किसी की नागरिकता या मतदान का अधिकार न छूटे।

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