पर्यावरण मंत्रालय को ED ने किया आगाह, झारखंड में अवैध खनन से हो रहा है पर्यावरण को नुकसान

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ईडी की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड में अवैध माइनिंग का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया था। ED ने झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन के जरिए उगाही गई राशि की मनीलॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान पाया था कि राज्य के बाकी जिलों में भी बड़े पैमाने पर खनिजों का अवैध खनन हुआ है। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के जरिए भी राज्य के वन क्षेत्रों में हुए खनन का पता लगाया गया था। इसके अलावा चार-पांच जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों से पूछताछ में भी अवैध खनन को लेकर कई महत्वपूर्ण सूचनाएं हाथ लगी थीं। इन सभी सूचनाओं और जांच में हाथ आए दस्तावेजों-साक्ष्यों के आधार पर ED ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण सचिव को पत्र लिखा था। झारखंड में अवैध माइनिंग की मनी लांड्रिंग की तहत जांच कर रहे ED ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के इससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर सचेत किया है। ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग के आरोपी पंकज मिश्रा के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए अवैध माइनिंग की वजह से पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति हो चुकी है और पर्यावरण मंत्रालय को इस पर उचित कदम उठाना चाहिए। झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को पंकज मिश्रा की जमानत याचिका कड़ी टिप्पणी के साथ खारिज कर दी थी। ED के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय को लिखे गए पत्र में साहिबगंज समेत कई स्थानों में हुए अवैध खनन से पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को दिखाने के लिए गुगल अर्थ की इमेज भी भेजी गई हैं। इनमें जुलाई 2017 से जून 2021 के बीच पर्यावरण को हुए नुकसान की भयावहता को देखा जा सकता है। ED ने पर्यावरण मंत्रालय को बताया है कि यह सिर्फ उदाहरण है, झारखंड में अन्य स्थानों पर इसी तरह अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पिछले साल मार्च में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने अवैध खनन से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए राज्य वन विभाग, स्थानीय प्रशासन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त टीमों का गठन किया। संयुक्त टीम ने टेस्ट के रूप में साहिबगंज जिले में 19 स्थानों की पड़ताल की, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध खनन की पुष्टि हुई। संयुक्त टीम की रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है, जिसमें खनन के कारण बड़े पैमाने पर मिट्टी के कटने, जमीन के बंजर होने, पहाडि़यों के समतल में तब्दील होने और कई स्थानों पर जल भराव की समस्या खड़ी होने की बात कही गई है। ये ऐसे नुकसान हैं, जिनकी भरपाई संभव नहीं है और इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ 19 स्थानों के सैंपल पड़ताल के दौरान कुल 23.26 करोड़ घन फीट अवैध खनन के प्रमाण मिले हैं, जिसका बाजार मूल्य 1250 करोड़ रुपये से अधिक है। यदि पूरे झारखंड में अवैध खनन की समुचित जांच की जाए तो अवैध खनन लाखों करोड़ रुपये तक पहुंच जाए। FIR के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ED पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखे जाने के पीछे उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ED अवैध खनन के स्थानीय पुलिस के 100 से अधिक FIR के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है। जिनमें आरोपियों द्वारा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और उससे हुई अवैध कमाई का पता लगाया जा रहा है। अवैध खनन से पर्यावरण हुए नुकसान का आंकलन करने की विशेषज्ञता ED के पास नहीं है। यह काम पर्यावरण मंत्रालय ही कर सकता है और इसी कारण उसे अवगत कराया गया है। EDके वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवैध खनन के मामले में मनी लांड्रिंग के ठोस सबूत जुटाए गए हैं। इसका प्रमाण मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट की पंकज मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करने के आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग है। हाइकोर्ट ने साफ कर दिया कि पंकज मिश्रा हर्बल ग्रीन साल्युशंस के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में नकद जमा किये गए पांच करोड़ 65 लाख रुपये का संतोष जनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं। इसी तरह से अमित अग्रवाल की कंपनी औरोरा स्टूडियो को पांच करोड़ 31 लाख रुपये पेमेंट का भी उनके पास जवाब नहीं है। यहां तक कि हाईकोर्ट ने झारखंड के सिक्यूरिटी गार्ड के दो एके 47 राइफल के पंकज मिश्रा के घर पर मिलने के जवाब से भी असंतोष जताया।

DrashtaNews

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ईडी की रिपोर्ट के आधार पर झारखंड में अवैध माइनिंग का सर्वेक्षण कराने का निर्णय लिया था। ED ने झारखंड के साहिबगंज जिले में अवैध खनन के जरिए उगाही गई राशि की मनीलॉन्ड्रिंग की जांच के दौरान पाया था कि राज्य के बाकी जिलों में भी बड़े पैमाने पर खनिजों का अवैध खनन हुआ है। सैटेलाइट से ली गई तस्वीरों के जरिए भी राज्य के वन क्षेत्रों में हुए खनन का पता लगाया गया था।  इसके अलावा चार-पांच जिलों के जिला खनन पदाधिकारियों से पूछताछ में भी अवैध खनन को लेकर कई महत्वपूर्ण सूचनाएं हाथ लगी थीं।  इन सभी सूचनाओं और जांच में हाथ आए दस्तावेजों-साक्ष्यों के आधार पर ED ने केंद्रीय वन एवं पर्यावरण सचिव को पत्र लिखा था।

झारखंड में अवैध माइनिंग की मनी लांड्रिंग की तहत जांच कर रहे ED ने केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के इससे पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर सचेत किया है। ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मनी लांड्रिंग के आरोपी पंकज मिश्रा के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर हुए अवैध माइनिंग की वजह से पर्यावरण को अपूर्णीय क्षति हो चुकी है और पर्यावरण मंत्रालय को इस पर उचित कदम उठाना चाहिए। झारखंड हाईकोर्ट ने मंगलवार को पंकज मिश्रा की जमानत याचिका कड़ी टिप्पणी के साथ खारिज कर दी थी।

ED के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार पर्यावरण मंत्रालय को लिखे गए पत्र में साहिबगंज समेत कई स्थानों में हुए अवैध खनन से पर्यावरण को पहुंचे नुकसान को दिखाने के लिए गुगल अर्थ की इमेज भी भेजी गई हैं। इनमें जुलाई 2017 से जून 2021 के बीच पर्यावरण को हुए नुकसान की भयावहता को देखा जा सकता है।

ED ने पर्यावरण मंत्रालय को बताया है कि यह सिर्फ उदाहरण है, झारखंड में अन्य स्थानों पर इसी तरह अवैध खनन से पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पिछले साल मार्च में मनी लांड्रिंग का केस दर्ज करने के बाद ईडी ने अवैध खनन से होने वाले नुकसान का अंदाजा लगाने के लिए राज्य वन विभाग, स्थानीय प्रशासन, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों के साथ मिलकर संयुक्त टीमों का गठन किया। संयुक्त टीम ने टेस्ट के रूप में साहिबगंज जिले में 19 स्थानों की पड़ताल की, जिसमें बड़े पैमाने पर अवैध खनन की पुष्टि हुई।

संयुक्त टीम की रिपोर्ट को पर्यावरण मंत्रालय को भेजा गया है, जिसमें खनन के कारण बड़े पैमाने पर मिट्टी के कटने, जमीन के बंजर होने, पहाडि़यों के समतल में तब्दील होने और कई स्थानों पर जल भराव की समस्या खड़ी होने की बात कही गई है। ये ऐसे नुकसान हैं, जिनकी भरपाई संभव नहीं है और इसके दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जरूरत है।ED के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिर्फ 19 स्थानों के सैंपल पड़ताल के दौरान कुल 23.26 करोड़ घन फीट अवैध खनन के प्रमाण मिले हैं, जिसका बाजार मूल्य 1250 करोड़ रुपये से अधिक है। यदि पूरे झारखंड में अवैध खनन की समुचित जांच की जाए तो अवैध खनन लाखों करोड़ रुपये तक पहुंच जाए।

FIR के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही ED

पर्यावरण मंत्रालय को पत्र लिखे जाने के पीछे उद्देश्य के बारे में पूछे जाने पर वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ED अवैध खनन के स्थानीय पुलिस के 100 से अधिक FIR के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच कर रही है। जिनमें आरोपियों द्वारा सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचाने और उससे हुई अवैध कमाई का पता लगाया जा रहा है। अवैध खनन से पर्यावरण हुए नुकसान का आंकलन करने की विशेषज्ञता ED के पास नहीं है। यह काम पर्यावरण मंत्रालय ही कर सकता है और इसी कारण उसे अवगत कराया गया है।

EDके वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि अवैध खनन के मामले में मनी लांड्रिंग के ठोस सबूत जुटाए गए हैं। इसका प्रमाण मंगलवार को झारखंड हाईकोर्ट की पंकज मिश्रा की जमानत याचिका खारिज करने के आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग है। हाइकोर्ट ने साफ कर दिया कि पंकज मिश्रा हर्बल ग्रीन साल्युशंस के पंजाब नेशनल बैंक के खाते में नकद जमा किये गए पांच करोड़ 65 लाख रुपये का संतोष जनक उत्तर नहीं दे पा रहे हैं।

इसी तरह से अमित अग्रवाल की कंपनी औरोरा स्टूडियो को पांच करोड़ 31 लाख रुपये पेमेंट का भी उनके पास जवाब नहीं है। यहां तक कि हाईकोर्ट ने झारखंड के सिक्यूरिटी गार्ड के दो एके 47 राइफल के पंकज मिश्रा के घर पर मिलने के जवाब से भी असंतोष जताया।

Scroll to Top