नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) देशभर में 10वीं और 12वीं बोर्ड की ऑफलाइन परीक्षाएं (Offline Examinations) रद्द करने की याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया है। CJI जस्टिस एन वी रमना (Justice NV Ramana) ने कहा कि जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी। वकील प्रशांत पद्मनाभन ने बेंच को बताया कि यह याचिका कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों की बोर्ड परीक्षा से संबंधित है।
याचिका में सभी राज्य बोर्ड, CBSE और ICSE की 10वीं और 12वीं बोर्ड की शारीरिक तौर पर परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है. याचिका में कहा गया है कि चूंकि कोविड के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं हुई हैं, इसलिए ऑफलाइन परीक्षाओं की जगह ऑनलाइन परीक्षा हो. इस पर CJI ने कहा कि ठीक है मामले को जस्टिस ए एम खानविलकर की बेंच के पास सूचीबद्ध किया जाएगा।
वकील और बाल अधिकार कार्यकर्ता अनुभा सहाय श्रीवास्तव ने भी अर्ज़ी दाखिल कर ऑफलाइन परीक्षा के बजाए वैकल्पिक मूल्यांकन पद्धति से रिजल्ट देने की मांग की है। याचिका में सभी बोर्डों को समय पर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने के कारण सुधार परीक्षा के विकल्प देने की भी मांग की गई है।
याचिका में कहा गया है कि अदालत CBSE, ICSE, NIOS, और राज्य बोर्डों के कक्षा X , XI, XII के छात्रों के लिए ऑफ़लाइन परीक्षा के बजाय मूल्यांकन के वैकल्पिक तरीके अपनाने का निर्देश दे. इसके अलावा जो लोग आंतरिक मूल्यांकन से संतुष्ट नहीं हैं, उनके लिए एक सुधार परीक्षा आयोजित कराने का भी आदेश कोर्ट दे।
याचिका में कंपार्टमेंट छात्रों सहित छात्रों के मूल्यांकन के फार्मूले को तय करने के लिए एक समिति गठित करने और एक निर्धारित समय सीमा के भीतर परिणाम घोषित करने के लिए निर्देश देने की भी मांग की गई है. याचिका में कहा गया है कि कोविड के कारण शारीरिक तौर पर कक्षाएं नहीं लगीं, ऐसे में बोर्ड की परीक्षाएं ऑनलाइन कराई जाएं।
याचिका में विभिन्न विश्वविद्यालयों में दाखिले की तिथि घोषित करने के लिए एक समिति का गठन करने के लिए UGC को आदेश जारी करने की भी मांग की गई है।