किसानों के साथ धोखाधड़ी में शामिल SDM और आर्यन पावर कंपनी पर दर्ज हो आपराधिक मुक़दमा – उमेश तिवारी

SDM मझौली और आर्यन पावर कंपनी पर किसानों ने अपने साथ हुई आपराधिक साज़िश का आरोप लगाया है। किसानों के बगैर इज़ाज़त के उनके बैंक खातों में धनराशि डालकर जमीन माँगी जा रही है। टोंको-रोंको- ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि ग्राम भुमका एवं मूसमूड़ी के किसान जो बहुतायत आदिवासी समुदाय के हैं उनकी जमीन को फर्जी ग्राम सभा के आधार पर अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है। उक्त फर्जी कार्यवाही के खिलाफ किसानों के संघर्ष के चलते तत्कालीन जिला प्रशासन सीधी द्वारा अपर कलेक्टर सीधी से जांच कराई गई थी। अपर कलेक्टर सीधी ने अपने जांच प्रतिवेदन में उक्त भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को फर्जी ही नहीं अपितु काल्पनिक भी कहा है। किसानों के आंदोलन एवं असन्तोष को देखते हुए उक्त फर्जी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को निरस्त किए जाने हेतु 4 बार सीधी कलेक्टर द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को लेख भी किया जा चुका है। उपरोक्त फर्जी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही से किसान सहमत ना होने के कारण वह ना तो अपनी जमीन देना चाहते हैं और ना ही जमीन के बदले मुआवजा की राशि लेना चाहते हैं लेकिन अभी तत्काल में SDM मझौली के द्वारा चोरी-चोरी मनमाने तरीके से मुआवजा राशि को किसानों के बैंक खाते में भेज दिया गया है। उमेश तिवारी ने द्रष्टा को बताया कि SDM के कार्यव्यवहार से साबित होता है कि SDM आर्यन पावर कंपनी का कर्मचारी है। निश्चित ही अपने रिटायरमेंट के हप्ते भर पहले किसानों के साथ धोखा SDM ने घूसखोरी के चलते ही किया है। वैसे भी SDM के घूसखोरी की बाजार खोले होने की जान चर्चा उनके सेवाकाल में खूब थी। पूर्व में भी इसी तरह किसानों के बैंक खातों में मुआवजा राशि भेजने का षड्यंत्र किया गया था लेकिन किसानों के आंदोलन के चलते राशि वापिस करनी पड़ी थी। SDM मझौली जो भू अर्जन अधिकारी मझौली भी है उनके प्रति असंतोष प्रकट करते हुए किसानों ने कहा है कि अनुविभागीय अधिकारी मझौली का यह कृत्य गैरकानूनी और आपराधिक है अतः एसडीएम के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाय। हम किसानों के खाते में जो अवैध तरीके से राशि डाली गई है उस राशि को किसानों के खाते से वापस किया जाए। रिजर्व बैंक का नियम रिजर्व बैंक का नियम है कि किसी भी खातेदार के खाते में बिना उसकी सहमति के ना तो राशि निकाली जा सकती है और न जमा की जा सकती है। लेकिन बैंक मैनेजर द्वारा नियम को दरकिनार कर किसानों की बिना सहमति से उनके खाते में राशि डाली गई है जिससे साबित होता है कि किसानों के साथ की जा रही धोखाधड़ी एवं लूट में सिर्फ SDM मझौली एवं मेंसर्स आयरन पावर कंपनी के मालिक ही शामिल नहीं है बल्कि शाखा प्रबंधक की भूमिका बराबर की है और ऐसा कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है। उमेश तिवारी ने कहा है कि यदि शीघ्र किसानों के खाते में फर्जी तरीके से जमा की गई राशि वापस नहीं होती है तो शीघ्र ही यूनियन बैंक टिकरी का घेराव किया जाएगा। जिन किसानों के खातों में अवैध तरीके से राशि जमा की गई है वह सभी किसान यूनियन बैंक टिकरी में अपने खाते से राशि वापस किए जाने हेतु बैंक मैनेजर को पत्र लिखकर दिया है एवं उसकी पावती भी प्राप्त कर लिए हैं। बैंक मैनेजर द्वारा फर्जी राशि वापस करने में आनाकानी की जा रही है और SDM मझौली को सर्वेसर्वा बता रहे है जो विधि विपरीत एवं निंदनीय भी है।>

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-किसानों के खाते में गलत तरीके से जमा राशि वापस करने टिकरी बैंक का किया जाएगा घेराव

सीधी (मध्य प्रदेश )। SDM मझौली और आर्यन पावर कंपनी पर किसानों ने अपने साथ हुई आपराधिक साज़िश का आरोप लगाया है। किसानों के बगैर इज़ाज़त के उनके बैंक खातों में धनराशि डालकर जमीन माँगी जा रही है। टोंको-रोंको- ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि ग्राम भुमका एवं मूसमूड़ी के किसान  जो बहुतायत आदिवासी समुदाय के हैं उनकी जमीन को फर्जी ग्राम सभा के आधार पर अधिग्रहण की कार्यवाही की गई है। उक्त फर्जी कार्यवाही के खिलाफ किसानों के संघर्ष के चलते तत्कालीन जिला प्रशासन सीधी द्वारा अपर कलेक्टर सीधी से जांच कराई गई थी। अपर कलेक्टर सीधी ने अपने जांच प्रतिवेदन में उक्त भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को फर्जी ही नहीं अपितु काल्पनिक भी कहा है।

किसानों के आंदोलन एवं असन्तोष को देखते हुए उक्त फर्जी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही को निरस्त किए जाने हेतु 4 बार सीधी कलेक्टर द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को लेख भी किया जा चुका है। उपरोक्त फर्जी भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही से किसान सहमत ना होने के कारण वह ना तो अपनी जमीन देना चाहते हैं और ना ही जमीन के बदले मुआवजा की राशि लेना चाहते हैं लेकिन अभी तत्काल में SDM मझौली के द्वारा चोरी-चोरी मनमाने तरीके से मुआवजा राशि को किसानों के बैंक खाते में भेज दिया गया है।

उमेश तिवारी ने द्रष्टा को बताया कि SDM  के कार्यव्यवहार से साबित होता है कि SDM आर्यन पावर कंपनी का कर्मचारी है। निश्चित ही अपने रिटायरमेंट के हप्ते भर पहले किसानों के साथ धोखा SDM ने घूसखोरी के चलते ही किया है। वैसे भी SDM के घूसखोरी की बाजार खोले होने की जान चर्चा उनके सेवाकाल में खूब थी। पूर्व में भी इसी तरह किसानों के बैंक खातों में मुआवजा राशि भेजने का षड्यंत्र किया गया था लेकिन किसानों के आंदोलन के चलते राशि वापिस करनी पड़ी थी। SDM मझौली जो भू अर्जन अधिकारी मझौली भी है उनके प्रति असंतोष प्रकट करते हुए किसानों ने कहा है कि अनुविभागीय अधिकारी मझौली का यह कृत्य  गैरकानूनी और आपराधिक है अतः एसडीएम के खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज कराया जाय।  हम किसानों के खाते में जो अवैध तरीके से राशि डाली गई है उस राशि को किसानों के खाते से वापस किया जाए।

रिजर्व बैंक का नियम

रिजर्व बैंक का नियम है कि किसी भी खातेदार के खाते में बिना उसकी सहमति के ना तो राशि निकाली जा सकती है और न जमा की जा सकती है। लेकिन बैंक मैनेजर द्वारा नियम को दरकिनार कर किसानों की बिना सहमति से उनके खाते में राशि डाली गई है जिससे साबित होता है कि किसानों के साथ की जा रही धोखाधड़ी एवं लूट में सिर्फ SDM  मझौली एवं मेंसर्स आयरन पावर कंपनी के मालिक ही शामिल नहीं है बल्कि शाखा प्रबंधक की भूमिका बराबर की है और ऐसा कृत्य अपराध की श्रेणी में आता है।

उमेश तिवारी ने कहा है कि यदि शीघ्र किसानों के खाते में फर्जी तरीके से जमा की गई राशि वापस नहीं होती है तो शीघ्र ही यूनियन बैंक टिकरी का  घेराव किया जाएगा। जिन किसानों के खातों में अवैध तरीके से राशि जमा की गई है वह सभी किसान यूनियन बैंक टिकरी में अपने खाते से राशि वापस किए जाने हेतु बैंक मैनेजर को पत्र लिखकर दिया है एवं उसकी पावती भी प्राप्त कर लिए हैं। बैंक मैनेजर द्वारा फर्जी राशि वापस करने में आनाकानी की जा रही है और SDM मझौली को सर्वेसर्वा बता रहे है जो विधि विपरीत एवं निंदनीय भी है।

उमेश तिवारी, सीधी मध्य प्रदेश

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