– जून के आखिरी हफ्ते तक बदल जाएगी पार्टी की सूरत
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कई राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले विधानसभा चुनावों और उसके तुरंत बाद 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर पार्टी में बदलाव के संकेत दिए हैं। ऐसे में कांग्रेस पार्टी संगठन में बड़े फेरबदल करने जा रही है। पार्टी लगभग एक दर्जन राज्यों के प्रभारी और दस राज्यों के अध्यक्ष बदलने की रणनीति बना रही है। यही नहीं जून के आखिर तक होने वाले बदलाव में कांग्रेस कार्यसमिति का गठन भी कर दिया जाएगा। पार्टी इस बदलाव में दलित, ओबीसी और अल्पसंख्यकों को तरजीह देगी। कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे अब संगठन में बदलावों को अमली जामा पहना रहे है।
उन्हें बस इंतजार राहुल गांधी और सोनिया गांधी के विदेश से आने का इंतजार हैं। जैसे ही दोनों कांग्रेस नेता भारत आएंगे उनसे विचार करने के बाद फेरबदल की लिस्ट जारी कर दी जाएगी। संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस में बदलाव की आधिकारिक घोषणा जून के अंतिम सप्ताह में हो कर दी जाएगी।
सबसे पहले करीब एक दर्जन राज्यों के अध्यक्ष बदले जाने का प्रस्ताव है, ये राज्य है पश्चिम बंगाल जहां अधीर रंजन चौधरी अध्यक्ष हैं। दिल्ली अध्यक्ष अनिल चौधरी को भी बदला जाएगा। इसके अलावा तमिलनाडु अध्यक्ष अलागिरी, छत्तीसगढ़ के मोहन मकरम, झारखंड के राजेश ठाकुर, यूपी के बृजलाल खाबरी, राजस्थान के गोविंद सिंह डोटासरा, अरूणांचल प्रदेश के नबाम तुकी, केरल के सुधाकरन और महाराष्ट्र के नाना पटोले का नाम भी बदलने वालों की लिस्ट में शामिल हैं।
वहीं, करीब एक दर्जन राज्यों के प्रभारी महासचिव भी बदले जा सकते हैं। ये राज्य है पंजाब, यूपी, बंगाल, महाराष्ट्र, केरल, झारखंड, तमिलनाडु, पुड्डुचेरी, असम, ओडिशा, उत्तराखंड। यूपी की प्रभारी प्रियंका गांधी अब ये भूमिका छोड़ना चाहती हैं। वहीं, रणदीप सुरजेवाला ने भी कर्नाटक का प्रभार छोड़ने की पेशकश की है। इस फेरबदल में बीके हरिप्रसाद, अलका लांबा, गौरव गोगोई, ज्योति मनी, संजय निरुपम, दीपेंदर हुड्डा जैसे नेताओं को नई जिम्मेदारी दी जा सकती है। संगठन महासचिव के पद के लिए अजय माकन, रणदीप सुरजेवाला और मोहन प्रकाश का नाम चर्चा में है। कांग्रेस कार्यसमिति का गठन भी किया जाएगा। यूथ कांग्रेस, NSUI, सेवादल के भी नए मुखिया बनाये जाएंगे।
गांधी परिवार के लिए बदला गया AICC का संविधान
पार्टी के संशोधित संविधान के अनुसार, कांग्रेस की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था में अब पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्री और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पूर्व प्रमुख शामिल होंगे। इसका मतलब है कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी भी नए CWC का हिस्सा होंगे। कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी के भी सीडब्ल्यूसी में बने रहने की संभावना है क्योंकि उन्हें 2024 के लोकसभा चुनावों तक पार्टी के लिए बड़े पैमाने पर प्रचार करने की उम्मीद है।
CWC में 25 के जगह 35 सदस्य
कांग्रेस ने अपनी कार्यसमिति में एससी, एसटी, ओबीसी, महिलाओं, युवाओं और अल्पसंख्यकों के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण देने के लिए अपने संविधान में संशोधन किया था। पार्टी ने सीडब्ल्यूसी सदस्यों की संख्या भी 25 से बढ़ाकर 35 कर दी थी।