साइबर अपराधों के लिए ‘चक्षु’ पर करें शिकायत

केंद्र सरकार ने लॉन्च की नई सेवा, धमकाने, फ्रॉड करने वालों के नंबर होंगे ब्लॉक, अनचाहे कॉल-मैसेज से भी होगी छुट्टी

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-केंद्र सरकार ने लॉन्च की नई सेवा, धमकाने, फ्रॉड करने वालों के नंबर होंगे ब्लॉक, अनचाहे कॉल-मैसेज से भी होगी छुट्टी

नई दिल्ली (एजेंसी)। बढ़ते साइबर अपराधों की रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। भारत सरकार के टेलिकॉम मंत्रालय ने चक्षु पोर्टल (Chakshu) की शुरुआत की है। अब आम जनता अपने मोबाइल पर आने वाले किसी भी फ्रॉड कॉल या मैसेज की शिकायत सीधे इस पोर्टल पर दर्ज करवा सकती है।

दूरसंचार विभाग ने संचार साथी पोर्टल के हिस्से के रूप में सोमवार को डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म और चक्षु लॉन्च किया है, जिसका अनावरण पिछले साल मई में किया गया था। यह पोर्टल उनके लिए भी लाभदायक साबित होगा, जो अनचाही कॉल से परेशान हैं। शिकायत के बाद बाकायदा नंबर की जाँच होगी। गलत पाए जाने पर न सिर्फ नंबर को बंद कर दिया जाएगा बल्कि अपराध में संलिप्त नंबरों की जानकारी सीधे गृह मंत्रालय को भेज दी जाएगी। चक्षु सेवा सोमवार 3 मार्च २०२४ को लॉन्च की गई है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक चक्षु पोर्टल पर आम नागरिक खुद को आने वाली अनचाही कॉल और फ्रॉड आदि की शिकायत दर्ज करवा पाएँगे। इस सेवा के तहत कागजात एक्सपायर अथव रिन्यूवल, KYC अपडेट, लॉटरी, बिजली अथवा गैस कनेक्शन आदि के नाम पर फर्जीवाड़ा, अश्लील वीडियो/फोटो के नाम पर ब्लैकमेलिंग अथव धमकी आदि की शिकायत दर्ज करवाई जा सकती है। अब इन मामलों की शिकायत के लिए पीड़ित को https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp पर जाना होगा।

चक्षु का इस्तेमाल नागरिकों द्वारा फ्रॉड या फिर स्पैम कॉल को रिपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है, जिसमें उपयोगकर्ता नंबर, मैसेज आदि भी शामिल है। उपयोगकर्ता, संचार साथी पोर्टल पर इनबिल्ट चक्षु विंडो पर लॉग इन कर सकते हैं और एसएमएस, कॉल या व्हाट्सएप जैसे धोखाधड़ी के माध्यम से संबंधित विवरण के साथ एक फॉर्म भर सकते हैं। हालांकि, उपयोगकर्ताओं को यह बताना होगा कि संचार किस श्रेणी में फिट बैठता है, जैसे कि सेक्सटॉर्शन, फेक उपभोक्ता हेल्पलाइन, फेक केवाईसी आदि। इसके बाद उपयोगकर्ता अपनी शिकायत से संबंधित स्क्रीनशॉट या फिर किसी अन्य जानकारी को भी शामिल कर सकता है।

पोर्टल का होमपेज खुल जाने के बाद इसके मीडियम वाले बॉक्स में वह माध्यम बताना होगा, जिसके माध्यम से पीड़ित को सम्पर्क हुआ था। इन माध्यमों में SMS, कॉल अथवा व्हाट्सएप का विकल्प भरा जा सकता है। इसके बाद वाली कैटेगरी में यह भरना होगा कि उनके साथ किस प्रकार के फ्रॉड अथवा उनको धमकी देने की कोशिश की गई। इसके बाद पीड़ित को इसी विल्कल्प में उस कॉल या मैसेज का स्क्रीनशॉट अटैच करना होगा, जिससे उसे परेशान किया गया। अगले विकल्प के तौर पर धमकी अथवा ब्लैकमेलिंग का दिन और समय भरना होगा।

इसके बाद अगले कॉलम में पीड़ित को अपने बारे में विस्तार से बताना होगा। यह सीमा अधिकतम 500 शब्दों की होगी। जिस स्थान पर पर्सनल डिटेल माँगी जाएगी, वहाँ पीड़ित को अपना नाम, पता और फोन नंबर भरना पड़ेगा। अंत में पीड़ित को OTP आएगी, जिसको भरने के बाद शिकायत दर्ज हो जयएगी। इस शिकायत पर टेलिकॉम मंत्रालय शिकायत किए गए नंबर की जाँच करेगा। जाँच में संदिग्ध नंबर की इनकमिंग और आउटगोइंग चेक की जाएगी। अगर कुछ भी गलत पाया गया तो नंबर की ऑउटगोइंग बंद करने के साथ उसे ब्लॉक तक किए जाने की कार्रवाई मंत्रालय द्वारा की जाएगी।

शिकायत मिलते ही फोन ट्रेसिंग पर लग जाता है। शिकायत किए गए सभी नंबरों से उनकी पहचान कन्फर्म करवाने के लिए कहा जाएगा। इसके अतिरिक्त अगर संबंधित नंबर किसी भी प्रकार के अपराध में संलिप्त पाया गया तो टेलिकॉम मंत्रालय उसकी जानकारी गृह मंत्रालय को भेज देगा। गृह मंत्रालय इसकी जाँच करवा के नियमानुसार कार्रवाई करेगा। यदि कोई व्यक्ति किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी का शिकार भी हो जाता है तो उसे साइबर अपराध के नंबर 1090 पर कॉल करना होगा। इस धोखाधड़ी की ऑनलाइन शिकायत https://www.cybercrime.gov.in पर भी की जा सकती है।

डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफ़ॉर्म एक इंटर-एजेंसी है जो साइबर आपराधिक डेटा को बैंको, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और वॉलेट ऑपरेटरों आदि के साथ साझा करने में अहम भूमिका निभाएगा। आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा, “संदिग्ध धोखाधड़ी के मामले में डेटा लगभग वास्तविक समय में सभी हितधारकों के साथ साझा किया जाएगा।” इससे पहले, कानून प्रवर्तन, बैंकों और वित्तीय सेवा प्रदाताओं सभी को धोखाधड़ी वाले नंबरों की रिपोर्ट करने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने व्यक्तिगत रूप से ऐसा किया था।”

उन्होंने कहा, “लेकिन DIP एक यूनिफाइड प्लेटफॉर्म है जिसपर आप तुरंत फ्रॉड को रिपोर्ट कर सकते हैं। पिछले साल मई में लॉन्च किए गए सिस्टम का यह नैचुरल प्रोग्रेशन है और इन दोनों प्लेटफॉर्म की मदद से साइबर फ्रॉड की पहचान करने के पेस में तेजी आएगी”। उन्होंने कहा इस तरह के प्लेटफॉर्म की मदद से लगभग 1,008 करोड़ तक की धोखाधड़ी को रोका जा चुका है। बता दें कि DoT ने मई 2023 में संचार साथी प्लेटफॉर्म लॉन्च तिया था। वैष्णव ने कहा, “हमने असरदार तरीके से अंतरराष्ट्रीय फ्रॉड कॉल को कंट्रोल किया है, जो पिछले कुछ वक्त में खतरा बन गई थीं।”

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