नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय आरोड़ा ने आफताब की सुरक्षा में तैनात 2 सब इंस्पेक्टर को 10-10 हज़ार रुपये दिए है। साथ ही 2 हेड कॉन्स्टेबल को 5-5 हज़ार रुपये रिवार्ड में दिए है। इसके अलावा उसकी सुरक्षा में तैनात 1 कॉन्स्टेबल को 5 हज़ार रुपये रिवार्ड में दिए गए हैं। बताया जा रहा है कि इन पुलिसकर्मियों ने बिना गोली चलाये आफताब को सुरक्षित तिहाड़ पहुंचाया था। इसी वजह से पुलिस कमिश्नर ने इन्हें सम्मानित किया है।
श्रद्धा वालकर मर्डर मामले में सोमवार को आफताब पूनावाला को जेल ले जा रही वैन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। इस दौरान आफताब की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने बहादुरी से हमलावरों का सामना किया था। आरोपियों ने हमले के दौरान तलवार भी लहराई थी, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने संयम बरता और बिना गोली चलाए आफताब को सुरक्षित तिहाड़ में पहुंचाया था।
दरअसल कल सोमवार शाम को पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद जब आफताब को तिहाड़ जेल ले जाया जा रहा था, तब उसकी जेल वैन पर कुछ लोगों ने हमला कर दिया था। हमला करने वालों ने गोली मारने की भी धमकी दी। आफताब की सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मियों ने हथियार निकालकर हवा में लहराया थे, लेकिन उन्होंने बिना गोली चलाए ही आफताब को सुरक्षित तिहाड़ पहुंचा दिया था। बताया जा रहा है कि हमला करने वाले अपने आप को हिंदू सेना का सदस्य बता रहे थे। हालांकि हिंदू सेना ने बाद में एक बयान जारी करते हुए कहा कि, इन कार्यकर्ताओं ने जो कुछ भी किया है वह उनकी निजी भावना है। हम ऐसे किसी भी कार्य का समर्थन नहीं करते जो भारतीय संविधान के खिलाफ हो।
कैदियों को FSL ले जाने का जिम्मा दिल्ली पुलिस की 3rd बटालियन का होता है। पुलिस के मुताबिक आफताब के साथ जेल वैन में 5 पुलिसकर्मी मौजूद थे। इन 5 पुलिसकर्मियों में एक सब इंस्पेक्टर था जो इनका हेड था। दो पुलिसकर्मी बड़े हथियारों के साथ थे जबकि 2 के पास छोटे हथियार थे। DCP 3rd बटालियन ने बताया कि जेल वैन बेहद सुरक्षित होती है इसके बावजूद भी दिल्ली पुलिसकर्मियों ने साहस और सूझबूझ का परिचय देते हुए आफताब की गाड़ी को बाहर निकाल लिया।
आफताब पूनावाला को पॉलीग्राफ टेस्ट के बाद दिल्ली पुलिस की टीम रोहिणी एफएसएल से तिहाड़ ले जा रही थी। इसी बीच कुछ लोगों ने तलवार से हमला करने की कोशिश की थी। इस मामले में निगम गुर्जर और कुलदीप ठाकुर नाम के दो शख्सों को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस की थर्ड बटालियन ने खतरे को भांपते हुए अपने हथियार निकाल दिए थे और उन्हें हवा में लहराया था। साथ ही आफताब को सुरक्षित तिहाड़ लेकर पहुंचे थे। इस घटना में कोई घायल नहीं हुआ था।