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CM नीतीश कुमार आशंका, तय समय से पहले भी हो सकता है लोकसभा चुनाव

-अधिकारियों से कहा, ‘कब चुनउआ होगा ई कोई जानता है ? जल्दी-जल्दी काम कीजिए। कोई ठिकाना है कि पहले ही चुनाव हो जाए। अगले साल ही चुनाव होगा। कुछ पता नहीं है। इसलिए जरा तेजी से काम कीजिए।
पटना। बिहार के CM नीतीश कुमार ने आशंका जताई है कि 2024 लोकसभा चुनाव समय से पहले हो सकता है। नीतीश ने बुधवार को एक अणे मार्ग में अधिकारियों से कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि लोकसभा चुनाव तय समय पर हो, यह इस साल भी हो सकता है। 2024 के चुनाव में सत्ताधारी बीजेपी के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कोशिशों में सीएम नीतीश ने तय समय से पहले लोकसभा चुनाव होने की संभावना जताई है।
सीएम नीतीश कुमार ने बुधवार को ग्रामीण कार्य विभाग की ओर आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर यह बात कही। उन्होंने राज्य के अधिकारियों को संबोधित करते हुए सवालिया लहजे में कहा कि कब चुनाव हो जाए, कोई जानता नहीं है। इसीलिए गरीब और दलित-महादलितों की योजनाओं को तेजी से जमीन पर उतारें। नीतीश ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो भी काम बचा है, उसे जल्द से जल्द पूरा करा दें। मुख्यमंत्री ने करोड़ों रुपए की परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए यह निर्देश अधिकारियों को दिए।
जेडीयू नेता ने यहां अपनी ठेठ भाषा में अधिकारियों से कहा, ‘कब चुनउआ होगा ई कोई जानता है ? जल्दी-जल्दी काम कीजिए। कोई ठिकाना है कि पहले ही चुनाव हो जाए। अगले साल ही चुनाव होगा। कुछ पता नहीं है। इसलिए जरा तेजी से काम कीजिए। ’ सीएम नीतीश कुमार ने इस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार के दौरान हुए कामों का जिक्र करते हुए कहा, ‘हम अटल सरकार में मंत्री थे। उन्होंने बहुत बढ़िया काम किया था। उन्होंने ग्रामीण सड़कों के निर्माण की शुरुआत की थी। उस समय सेंट परसेंट पैसा केंद्र सरकार देती थी।’
5,061 योजनाओं का उद्घाटन किया
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए 1 अणे मार्ग के संकल्प ऑडिटोरियम से 6680.67 करोड़ रुपए की योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किया। ग्रामीण कार्य विभाग की 5,061 योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 6,680.67 करोड़ की लागत से 5,061 योजनाओं का शिलान्यास किया गया है। इसके लिए ग्रामीण कार्य विभाग को धन्यवाद देता हूं।
इसके साथ ही उन्होंने केंद्र की मौजूदा सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘अब जानते हैं… अब तो अटल जी का भी नाम नहीं लेता है वह लोग। अभी जिनका राज है, उन्होंने 2015 में 60-40 कर दिया। कहलाएगा पीएम ग्राम सड़क योजना और 60 फीसदी ही पैसा केंद्र सरकार देगी। वैसे पड़ जाता है 50-50 फीसदी। हमलोग कहेंगे कि कोई जरूरत ही नहीं है उनका, हमलोग ही काम करा देंगे।’
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के खर्च को देखा जाए तो अब वह 50-50 हो गया है। पहले 1000 की आबादी वाले क्षेत्रों में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से सड़क निर्माण कराया जाता था। बाद में इसे 500 आबादी कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों ने अपनी तरफ से 500 से लेकर 1000 तक की आबादी वाले गांवों को जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत की। बाद में 250 से अधिक की आबादी वाले गांवों को जोड़ने की योजना बनाई गई। ग्रामीण टोला सम्पर्क निश्चय योजना के तहत 100 से 250 तक की आबादी वाले ग्रामीण टोलों को पक्की सड़क से जोड़ने की योजना बनाई गई। इसमें अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति या अति पिछड़ा वर्ग के रहने वाले लोग होते हैं। पहले गरीब-गुरबा अनुसूचित जाति-जनजाति, अति पिछड़े वाले इलाके में सड़कें नहीं होती थी। 2016 में हम लोगों ने सात निश्चय योजना के तहत इसे करने का फैसला लिया।
सीएम नीतीश ने इस दौरान इंजीनियरों को संबोधित करते हुए कहा, ‘विभाग में जो बहाली करनी है उसको तो तेजी से करिए। आपलोग नया इंजीनियर हैं, हम पुराना हैं। इसलिए हमारी बात को मानिए। पहले जो अच्छा इंजीनियर होता था, उसे लोग तारीफ करते थे। अब खाली टेंडर करते हैं।’