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CM हेमंत सोरेन ने पद से दिया इस्तीफा, ED ने किया गिरफ्तार, चंपई सोरेन बने झारखंड के नए CM

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पटना। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बुधवार को देर शाम को पद से इस्तीफा दे दिया और इसके चंद घंटों बाद प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। इस बीच झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हेमंत सोरेन की जगह पर चंपई सोरेन को पार्टी विधायक दल का नेता चुन लिया है।अब चंपई सोरेन झारखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। चंपई सोरेन हेमंत सोरेन के करीबी बताए जाते हैं। चंपई सोरेन फिलहाल झारखंड सरकार के यातायात, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्री हैं। वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के उपाध्यक्ष भी हैं।

पिछले कुछ दिनों से इस बात की चर्चा थी कि हेमंत सोरेन अपनी जगह पत्नी कल्पना सोरेन या छोटे भाई बसंत सोरेन को सीएम बना सकते हैं। मंगलवार को झारखंड की राजनीति में लगभग इस बात की पुष्टि भी हो गयी थी। लेकिन हेमंत सोरेन की पार्टी में ही इसे लेकर विरोध उभरकर सामने आ गया और बाद में उन्हें अपने इरादे बदलने पड़े।

कल्पना सोरेन का विरोध

हेमंत सोरेन, शिबू सोरेन के तीन बेटों में दूसरे नंबर पर आते हैं। पहले बेटे दुर्गा सोरेन का लगभग एक दशक पहले निधन हो गया था। हेमंत सोरेन से पहले दुर्गा सोरेन ही राजनीति में सक्रिय थे। दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन भी दुमका के जामा विधानसभा सीट से विधायक है।

पार्टी की बैठक के दौरान सीता सोरेन ने हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के नाम का सीधा विरोध किया। उनके साथ 2 अन्य विधायकों ने भी हेमंत सोरेन के फैसले का विरोध किया। बताते चलें कि झारखंड मुक्ति मोर्चा के झारखंड विधानसभा में 29 विधायक हैं। कई बार पार्टी में टूट की अटकलें भी लगती रही है।

कल्पना सोरेन अभी विधायक नहीं हैं

जानकारों के मुताबिक, कल्पना को सीएम बनाने में कानूनी अड़चन भी आ सकती थी। कल्पना सोरेन अभी विधायक नहीं हैं। संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, अगर विधानसभा का कार्यकाल एक साल से कम बचा है, तो मध्यावधि चुनाव नहीं करवाया जा सकता। ऐसे में कल्पना सोरेन का सीएम बनना मुश्किल था। अगर ऐसी अड़चन आती है, तो किसी और को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हालांकि, सब कुछ बुधवार को ईडी की होने वाली पूछताछ के परिणाम के बाद ही तय होगा, क्योंकि अगर हेमंत सोरेन गिरफ्तार नहीं होते हैं, तो वही मुख्यमंत्री बने रहेंगे।

ईडी ने कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में हेमंत सोरेन से पूछताछ की। इसके बाद हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के लिए राजभवन पहुंचे। इसी बीच सत्ता पक्ष के विधायक भी रांची में राजभवन पहुंच गए। बताया जाता है कि चंपई सोरेन ने राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। चंपई सोरेन के पास 41 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है। 80 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 41 है।

बुधवार को देर शाम को हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और इसके साथ ही सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के नेतृत्व वाले गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया। इससे पहले हेमंत सोरेन से भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) से करीब सात घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद हेमंत सोरेन ने राजभवन जाकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंप दिया।

जेएमएम के नेता और राज्यमंत्री बन्ना गुप्ता ने संवाददाताओं से कहा, “हमने चंपई सोरेन को विधायक दल के नेता के रूप में चुना है। हम शपथ समारोह के लिए राज्यपाल से अनुरोध करने राजभवन आए थे।” झारखंड के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा, ‘‘हेमंत सोरेन ने झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. सत्तारूढ़ जेएमएम-कांग्रेस-आरजेडी गठबंधन ने नए मुख्यमंत्री के रूप में जेएमएम के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन का नाम प्रस्तावित किया है।” इससे पहले झारखंड मुक्ति मोर्चा की सांसद महुआ माजी ने प्रेस से कहा, “सीएम ईडी की हिरासत में हैं। सीएम अपना इस्तीफा सौंपने के लिए ईडी टीम के साथ राज्यपाल के पास गए हैं… चंपई सोरेन नए मुख्यमंत्री होंगे… हमारे पास पर्याप्त संख्या है।”

इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर जुटे विधायकों ने चंपई सोरेन को जेएमएम विधायक दल का नेता चुना। पार्टी के प्रवक्ता विनोद पांडे ने कहा कि चंपई सोरेन के नाम पर आम सहमति बन गई।  इससे पहले अटकलें लगाई जा रही थीं कि हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना नई मुख्यमंत्री बनाई जा सकती हैं। झारखंड के गोड्डा संसदीय क्षेत्र से सांसद निशिकांत दुबे ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा है कि, ”चंपई सोरेन जी को विधायक दल ने अगले मुख्यमंत्री के लिए प्रस्तावित किया। हेमंत सोरेन जी कल्पना सोरेन जी को मुख्यमंत्री परिवार के विरोध के कारण नहीं बना पाए।”

कौन हैं चंपई सोरेन?

चंपई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता हैं। उन्हें बेहद ईमानदार और कर्मठ नेता के तौर पर जाना जाता है। चंपई सोरेन ने अलग झारखंड राज्य आंदोलन में लंबी लड़ाई लड़ी थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा में कई बार विभाजन के बाद भी वो शिबू सोरेन के साथ डटे रहें थे।  पहली बार साल 1991 में वो विधायक बने थे।1991 में उन्होंने निर्दलीय जीत दर्ज की थी बाद में वो जेएमएम में शामिल हो गए। साल 2000 के चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था लेकिन 2005 के बाद से वो लगातार जीतते रहे हैं। पहली बार बीजेपी और झारखंड मुक्ती मोर्चा गठबंधन की सरकार में वो मंत्री बने थे। बाद में वो हेमंत सोरेन के पहले कार्यकाल  में भी मंत्री बने। साल 2019 के चुनाव में कोल्हान क्षेत्र में जेएमएम की अच्छी जीत में भी उनका बड़ा योगदान माना जाता है।

क्या है जमीन घोटाले का मामला?

जमीन से जुड़े मामले का खुलासा रांची के अफसर अली की गिरफ्तारी के बाद हुआ। साल 2022 के 4 नवंबर को जमीन घोटाले में विष्णु अग्रवाल के कई ठिकानों पर ED ने छापेमारी की थी। बाद में तीन बार विष्णु अग्रवाल को पूछताछ के लिए समन भेजा गया। जमीन के तमाम मामलों के साथ चेशायर होम रोड की जमीन की खरीद में हेमंत सोरेन का नाम सामने आया था। वहीं पुगडू में 9.30 एकड़ खास महल जमीन की खरीद में भी फर्जीवाड़े की बात सामने आई थी।

19 जुलाई साल 2022 को गिरफ्तार किए गए मुख्यमंत्री के विधायक प्रतिनिधि पंकज मिश्रा के घर पर 8 जुलाई को छापेमारी के दौरान ED को सीएम हेमंत सोरेन के बैंक खाते से जुड़ी चेक बुक मिलने की खबर सामने आई थी। ED ने PMLA कोर्ट में दाखिल चार्जशीट में जिक्र किया है कि 2 ब्लैंक चेक पर मुख्यमंत्री के साइन भी थे। जमीन घोटाला मामले में CM के अलावा उनके परिवार का नाम भी सामने आ रहा है।

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