केंद्र सरकार ने लागू किया CAA, गैर मुस्लिम शरणार्थियों को मिलेगी नागरिकता

लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA )का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।

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-अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी। 

नई दिल्ली। लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र सरकार ने  विवादास्पद नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (CAA )का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत में 2014 से पहले आए गैर मुस्लिम शरणार्थियों को नागरिकता मिलना शुरू हो जाएगी।

CAA के नियम जारी होने के बाद अब केंद्र सरकार 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के प्रताड़ित गैर-मुस्लिम प्रवासियों (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई) को भारतीय नागरिकता देना शुरू कर देगी। लोकसभा चुनाव के कार्यक्रमों की अगले कुछ दिनों में घोषणा होगी, और ऐलान के साथ ही आदर्श आचार संहिता लागू हो जाती है। ऐसे में आदर्श आचार संहिता प्रभाव में आने से पहले सरकार ने सीएए के नियम जारी कर दिए।

CAA को दिसंबर, 2019 में पारित किया गया था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी, लेकिन बाद में इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। प्रदर्शनों के दौरान और पुलिस कार्रवाई में कई लोगों की जान चली गई थी।

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी. एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा।कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 27 दिसंबर को कहा था कि कोई भी सीएए के क्रियान्वयन को नहीं रोक सकता, क्योंकि यह देश का कानून है।

कानून के विरोध में हुए थे प्रदर्शन

दिसंबर 2019 में पास हुए नागरिकता संशोधन कानून को लोकसभा में 9 दिसंबर को पेश हुआ था। 311 वोट इसके पक्ष में और 80 वोट विपक्ष में डाले गए थे। इसी तरह राज्यसभा में सीएए के पक्ष में 125 और खिलाफ में 105 वोट पड़े थे। इसके बाद राष्ट्रपति द्वारा इस विधेयक को 12 दिसंबर को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन सरकार ने इसे नोटिफाई नहीं किया था। उस समय इस कानून को लेकर देश भर में काफी विरोध प्रदर्शन हुए थे। मुस्लिम संगठन ने इसका पुरजोर विरोध किया था।

गृह मंत्रालय ने तैयार किया पोर्टल

गृह मंत्रालय ने आवेदकों की सुविधा के लिए एक पोर्टल तैयार किया है और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी। एक अधिकारी ने बताया कि आवेदकों को घोषित करना होगा कि वे किस वर्ष बिना यात्रा दस्तावेजों के भारत में आए थे। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। कानून के अनुसार सीएए के तहत तीनों पड़ोसी देशों के बिना दस्तावेज वाले अल्पसंख्यकों को लाभ मिलेगा।

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