नई दिल्ली। महिला स्व सहायता समूह से जुड़ी दीदी को लखपति बनाने की योजना पर अमल शुरू हो गया। 15 अगस्त को प्रधानमंत्री ने लखपति दीदी योजना लाने घोषणा की थी। इस योजना के तहत सरकार ने 1261 करोड़ रुपए खर्च कर 15,000 महिला स्व सहायता समूह को ड्रोन मुहैया कराने का फैसला किया है। मंगलवार देर रात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता वाली कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसले के तहत आगामी दो वित्त वर्ष 2024-25 व वित्त वर्ष 25-26 के दौरान महिला एसएचजी को 14,500 ड्रोन दिए जाएंगे।
चालू वित्त वर्ष 2023-24 के मार्च तक खाद कंपनियां महिला एसएचजी को 500 ड्रोन देंगी। इस ड्रोन का इस्तेमाल खेती के काम में खासकर कीटनाशक व खाद के छिड़काव के लिए किया जाएगा। इन ड्रोन को किसानों को किराए पर दिए जाएंगे जिससे महिला एसएचजी की कमाई होगी। इस योजना का दूसरा फायदा यह होगा कि खेती-बारी में ड्रोन की उपयोगिता बढ़ेगी जिससे ड्रोन के निर्माण को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
15,000 महिला एसएचजी का किया जाएगा चयन
सूचना व प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि खेती में ड्रोन के इस्तेमाल लायक इलाके को देखते हुए 15,000 महिला एसएचजी का चयन किया जाएगा और क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) का गठन किया जाएगा। कम से कम 1000 हेक्टेयर भूमि पर ड्रोन से कीटनाशक व खाद के छिड़काव की संभावना वाले इलाके में ड्रोन का वितरण किया जाएगा। उन्होंने बताया कि एक ड्रोन पर 10 लाख रुपए का खर्च आता है और इनमें से आठ लाख रुपए सरकार देगी। बाकी के दो लाख सीएलएफ नेशनल एग्रीकल्चर इंफ्रा फाइनेंसिंग फैसिलिटी से लोन लेगा।
ब्याज दर में सरकार की तरफ से तीन प्रतिशत की दी जाएगी छूट
इस लोन की ब्याज दर में सरकार की तरफ से तीन प्रतिशत की छूट दी जाएगी।महिला एसएचजी से जुड़ी दसवीं पास 18 वर्ष से अधिक आयु वाली किसी महिला को ड्रोन उड़ाने के लिए 15 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाएगा। पायलट महिला को 15,000 रुपए मासिक का मानद भी दिया जाएगा। उसकी सहायता के लिए एक को-पायलट भी होगी जिसे प्रतिमाह 10,000 रुपए दिए जाएंगे। वैसे ही ड्रोन की मरम्मत आदि के काम के लिए भी कुछ महिलाओं को ट्रे¨नग दी जाएगी जिन्हें प्रतिमाह पांच हजार रुपए दिए जाएंगे। ड्रोन सप्लाइ करने वाली कंपनी ड्रोन उड़ाने से लेकर इसकी मरम्मत तक की ट्रेंनिग देगी।