नई दिल्ली। सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने ड्रग तस्करी की बड़ी कोशिश को नाकाम करते हुए एक तस्कर को हिरासत में लिया है। बीएसएफ ने असम से सटी बांग्लादेश सीमा के पास से नशीली ‘याबा’ गोलियों की बड़ी खेप पकड़ी है। एक वाहन की तलाशी के दौरान उसमें 17 हजार याबा टैबलेट मिलीं। फिलहाल, बीएसएफ ने बरामद ड्रग्स और तस्कर को कस्टम के हवाले कर दिया है।
BSF के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, 27 दिसंबर की रात करीब 11 बजे इंटेलीजेंस इनपुट मिला कि प्रतिबंधित याबा टैबलेट्स की बड़ी खेप नेशनल हाईवे 6 के कटिगोरा – कलाइन रोड से निकलने वाली है। सूचना के आधार पर सिलचर BSF फील्ड इंटेलीजेंस यूनिट, करीमगंज कस्टम डिवीजन और बीएसएफ ऑप्स यूनिट की ज्वाइंट टीम ने इलाके की घेराबंदी कर ली।
उन्होंने बताया कि 28 दिसंबर की रात कीरब 1.20 बजे बीएसएफ की टीम ने सफेद रंग की एक अल्टो कार ने जांच के लिए रोका गया। तलाशी के दौरान, कार से भारी तादाद में याबा टैबलेट्स बरामद की गईं। टैबलेट्स को कार पिछले दरवाजे के अंदर छिपाया गया था। प्रारंभिक पूछताछ के बाद BSF के अधिकारियों ने आरोपी तस्कर को कस्टम विभाग के हवाले कर दिया है।
बाजार में एक टैबलेट की कीमत 1 हजार रुपए
बीएसएफ के अधिकारियों के अनुसार, अरोपी के कब्जे से 89 छोटे पैकेट्स बरामद किए गए। इन पैकेट्स में 17 हजार टैबेलेट रखी गईं थी। बाजार में एक याबा टैबलेट की कीमत करीब 1000 रुपए है। इस हिसाब से बरामद की गई याबा टैबलेट्स की कीमत करीब 1.7 करोड़ रुपए आंकी गई है। इसके अलावा, आरोपी की कार और मोबाइल फोन को भी बीएसएफ ने जब्त कर लिया है।
BSF ने वाहन चालक को पकड़ लिया है। आगे की कार्रवाई के लिए उसे असम पुलिस को सौंपा जाएगा। इससे पहले सात दिसंबर को असम के कार्बी आंगलोंग जिले में दो ट्रकों से करीब सात करोड़ रुपए मूल्य की नशीली दवाओं के साथ तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था। असम-नागालैंड सीमा के पास खटखाटी क्षेत्र में दो ट्रकों की जांच में एक ट्रक से 30,000 याबा टैबलेट और दूसरे ट्रक से 55 साबुन की पेटियों में पैक 757.15 ग्राम हेरोइन मिली थी। मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था।
क्या होती है याबा टैबलेट?
बता दें, याबा टैबलेट एक तरह दवा है, लेकिन इसका इस्तेमाल मादक पदार्थों के रूप में होता है। इसे ‘पागलपन’ की दवा भी कहा जाता है। यह थाईलैंड, म्यांमार से बांग्लादेश और अन्य देशों से होते हुए भारत के तस्करों तक पहुंचती है। पहाड़ी क्षेत्रों में यह दवा घोड़ों को चढ़ाई में सक्षम बनाने के लिए दी जाती है। नशेड़ी इसका नशे के लिए भी इस्तेमाल करते हैं। यह एक गुलाबी मेथेम्फेटामाइन-कैफीन गोली होती है। इसे याबा कहा जाता है। इसका स्वाद मीठा होता है गंध चॉकलेट जैसी होती है।