नई दिल्ली। लोकहित में जिनके नाम पर कई बड़े संस्थानों की नींव रखीं गयी हैं और जिस राष्ट्रीय जननेता का नाम सर्वाधिक लिया जाता है। उनका नाम जयप्रकाश है।लोक नायक जयप्रकाश (LNJP)अस्पताल की नींव बिहार में जन्मे इसी महान जननेता के नाम पर है। लोकतान्त्रिक देश में क्षेत्रीयतावाद के दोष से मुक्त रहकर जननेता बनने वाले जयप्रकाश के नाम पर बने LNJP अस्पताल के प्रशासन पर एक मरीज ने बिहारी होने के कारण भेदभावपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगा है।
दिल्ली के बजाए बिहार का आवासीय पता होने के कारण एक मरीज को MRI नी-टेस्ट के लिए 2 साल बाद की तारीख जय प्रकाश हास्पिटल द्वारा दी गई है। दरभंगा के मोहम्मदपुर निवासी गुलाम महबूब ने अधिवक्ता अशोक अग्रवाल व कुमार उत्कर्ष के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की है। इस मामले पर बृहस्पतिवार को सुनवाई हो सकती है।
याचिका के अनुसार गुलाम महबूब को टेस्ट के लिए 15 जुलाई 2024 की तारीख दी गई है। उन्होंने इसे भेदभावपूर्ण रवैया बताते हुए कहा कि उपचार प्रदान करने में आवासीय पता को बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मतदाता पहचान पत्र रखने वाले व्यक्तियों को त्वरित उपचार मिलता है जबकि अन्य को वर्षों तक प्रतीक्षा करने के लिए छोड़ दिया गया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के बाहर के गरीब लोगों के साथ यह भेदभाव किया जा रहा है जोकि मनमाना है और संविधान के विभिन्न अनुच्छेद का उल्लंघन है।
याचिका के अनुसार सितंबर 2022 में बाएं गुठने में दर्द होने पर उन्होंने ओपीडी में जांच कराई। इस पर पांच दिसंबर को डाक्टर ने उन्हें एमआरआइ एल टेस्ट बाहर से कराने को कहा। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने उन्हें बताया कि एमआरआइ टेस्ट दिल्ली निवासियों के लिए निशुल्क उपलब्ध है, जबकि दिल्ली के बाहर के लोगों को अपने खर्च पर जांच करानी होगी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि जब कई प्रयास के बाद भी उन्हें निशुल्क जांच की अनुमति नहीं दी गई तो उन्होंने अस्पताल को कानूनी नोटिस भेजा। इसके बाद अस्पताल 12 दिसंबर को उन्हें 17 जुलाई 2024 की तारीख दे दी। उन्होंने अदालत को उनके टेस्ट के संबंध में अस्पताल को बगैर किसी भेदभाव के जांच करने का निर्देश देने की मांग की। साथ ही उन्होंने अन्य राज्य के मरीज होने के आधार पर भेदभाव न करने का निर्देश देने की भी मांग की।