Drashta News

एनडीए के ‘अमृतकाल’ में मणिपुर का सर्वनाश

DrashtaNews
रविकांत सिंह ‘द्रष्टा’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘क्रूर मौन’- भाग -2

-प्रधानमंत्री और उनका तंत्र 19 वीं सदी के विषैले विचारों की घुट्टी 21 वीं सदी में भारतीय समाज को पिला कर अमृतकाल का ढोंग कर रहा है।

-प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल को अमृतकाल का नाम देकर अमृतमहोत्सव मनवा रहे हैं। और एनडीए मणिपुर के सर्वनाश के बावजूद प्रधानमंत्री के साथ कर्ण की तरह गठबंधन का धर्म निभा रहा है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अमृतकाल में मणिपुर जल रहा है।और साथ ही जल रहा है देश का भविष्य। नौवजवानों का भविष्य राख का ढेर बन गया है। जातियों में विभाजित लोग एक दूसरे को चिर फाड़ रहे हैं। स्त्रियों की आबरु लूट रही है उनके साथ कु्रर से अतिक्रुर व्यवहार किया जा रहा है। 19 वीं सदी की कु्रर प्रथा के नाम पर सती हुई स्त्रियों की आत्माएं भी 21 वीं सदी के इस भीषण पाप के तांडव से कांप रही हैं।

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति की सूची में मैतेई समुदाय के लोगों को शामिल करने प्रस्ताव था। इस प्रस्ताव के विरोध में 3 मई को आल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन आफ मणिपुर (एटीएसयूएम) ने एक रैली निकाली। रैली दौरान मैतेई समुदाय के लोगों ने विरोध किया और हिंसा भड़क गयी। इस जातिय संघर्ष के एक दिन बाद 4 मई को दो महिलाओं को नंगा कर सड़को गलियों में घूमाया गया।

सभी चारो आरोपी गिरफ्तार

मन को विचलित कर देने वाली बेहद दुखदाई इस शर्मनाक घटना का विडियो 75 दिनों बाद 19 जुलाई को सोशल मीडिया में वायरल होती है। वीडियो वायरल होने के बाद विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री बिरेन सिंह को इस्तीफे की मांग कर डाली। सरकार के हरकत में आते ही गुरुवार को मणिपुर पुलिस ने अज्ञात हथियारबंद लोगों के खिलाफ थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पुलिस स्टेशन में अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या का मामला दर्ज किया गया। 22 जुलाई शनिवार को मणिपुर पुलिस ने एक ट्वीट में कहा कि “थौबल जिले के नोंगपोक सेकमाई पीएस के तहत अपहरण और सामूहिक दुष्कर्म के जघन्य अपराध के 03 (तीन) और एक मुख्य आरोपियों को आज गिरफ्तार किया गया है। सभी 4 आरोपियों को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।

विपक्षी दल करेंगे धरना-प्रदर्शन

मणिपुर में बीते करीब तीन महीने से जारी हिंसा को लेकर विपक्षी दल पहले से ही हिंसा के विरोध में प्रधानमंत्री के मौन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। अब विपक्षी दलों के सांसदों ने दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बयान देने के लिए घेरेबंदी कर रहे हैं। कांग्रेस की अगुवाई में सोमवार को संसद परिसर में महात्मा गांधी प्रतिमा के समक्ष विपक्षी दल धरना-प्रदर्शन करेंगे। जबकि केंद्र सरकार ने गृह मंत्री के जवाब के साथ मणिपुर मुद्दे पर अल्पकालिक चर्चा आयोजित करने के लिए अपनी सहमति जताई है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कहा कि वह इस घटना से दुखी हैं और कहा कि यह घटना “किसी भी नागरिक समाज के लिए शर्मनाक” है। किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा, जो लोग इसके पीछे हैं उन्हें हम कभी माफ नहीं करेंगे।”

गोधरा से लेकर मणिपुर तक मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री तक

हाल ही में महिला पहलवानों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं का समाचार तेजी से मीडिया में प्रसारित हुआ। इससे पहले महिला पहलवानों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से कार्रवाई करने के लिए अपनी पीड़ा व्यक्त की। प्रधानमंत्री की संवेदनहीनता ने पूरे विश्व को अपने दुष्कर्म की कहानी बताने के लिए महिला पहलवानों को बाध्य कर दिया।  बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह को महिला पहलवानों ने दुर्योधन बताते हुए दिल्ली दरबार में धरना दिया और प्रदर्शन किया। महिला पहलवानों का साथ दे रहे जिन्दा जमीर के सपूतों ने दिल्ली दरबार में लाठियां खाई। लेकिन अनन्तोगत्वा, सत्ता की बर्बरता को सहते हुए दुष्कर्मी को कोर्ट में खड़ा कर दिया।

इसे अवश्य पढ़ें : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘ क्रूर मौन ’

ठीक इसी माह में जलते हुए मणिपुर में 4 मई को महिलाओं के साथ दुष्कर्म जारी था। और दो महिलाओं को तो, वस्त्रहीन कर उन्हें नंगा घुमाया जा रहा था। मणिपुर के मुख्यंत्री बिरेन सिंह काठ के उल्लू की तरह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आदेश की प्रतिक्षा कर रहे थे। गृहमंत्री अमीत शाह मणिपुर का दौरा कर मीडिया को बहला-फूसला रहे थे। पत्रकारिता विहिन मीडिया अब भी मणिपुर की अधुरी जानकारी के साथ निकम्मी सरकार के साथ खड़ी है। सत्ता नहीं संभल रही है लेकिन मुख्यमंत्री बिरेन सिंह कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। राज्यपाल से लेकर भारत के राष्ट्रपति सब किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। बिरेन सिंह का इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है। विपक्षी बिरेन सिंह के इस्तीफे को दिखावटी बता रहे हैं।

‘भारत माता की जय’ बोलने का अधिकार सपूतों को है कपूतों को नहीं

महाभारत जैसी कालजयी रचना में इस भारत भूमि पर द्रौपदी के साथ जैसा दुर्वव्यवहार हुआ वैसी ही घटना मणिपुर में स्त्रियों के साथ हुआ है। दो स्त्रियों को भरे समाज में निर्वस्त्र किया गया। उनके निजी अंगों से राक्षसी प्रवृत्ति वालों ने खेला है। इन राक्षसों ने स्त्रियों को अपनी सम्पत्ति समझकर मनोरंजन किया है। बलात्कार की ऐसी घटनाएं मानव समाज को बार-बार कलंकित कर रही हैं।

मणिपुर की हिंसा तो एनडीए सरकार के अन्तिम पड़ाव के समय घटित हुई है।  एनडीए 2014 से लेकर अब तक प्रेम सौहार्द को तार-तार कर देने वाली घृणित से घृणित शर्मनाक घटनाओं का भी जिम्मेदार है। महाभारत के कर्ण की तरह एनडीए नरेन्द्र मोदी का साथ दे रही है।

दिल्ली दरबार में बैठे एनडीए के कुछ बेबस, लाचार सपूतों को देखकर धरती मां भी कराह रही हैं। मानव समाज में स्त्रियों की ऐसी दुर्ददशा से धरती मां को असीम पीड़ा हो रही होगी।  धरती मां सोच रही होंगी कि समाज की ऐसी दूर्दशा करने वाले और ‘भारत माता की जय’ बोलने वाले कपूतों को जन्म ही क्यों दिया? ‘भारत माता की जय’ बोलने का अधिकार सपूतों को है कपूतों को नहीं।

द्रष्टा देख रहा है कि महाभारत के धृष्टराष्ट्र की तरह इस बार भी सत्ताधीश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ‘क्रूर मौन’ हैं। स्त्रियों के प्रति उनकी दुराग्रहपूर्ण संवेदनहीनता सभ्य मानव समाज को कलंकित करता रहा है। गोधरा से लेकर मणिपुर तक मुख्यमंत्री से लेकर प्रधानमंत्री बनने के बावजूद भी नरेन्द्र मोदी की आत्मा स्त्रियों के प्रति नहीं जागी है। प्रधानमंत्री और उनका तंत्र अपने और पराये का भेदभाव अब भी पाले हुए हैं। यह एक अखिल भारतीय राजनेता को शोभा नहीं देता खसतौर पर जिसका डंका पूरे विश्व में बजता है।

19 वीं सदी के विषैले विचारों की घुट्टी 21 वीं सदी में पिला रहे हैं

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कथनी और करनी पूरे विश्व को स्पष्ट दिखाई दे रहा है। प्रधानमंत्री और उनका तंत्र 19 वीं सदी के विषैले विचारों की घुट्टी 21 वीं सदी में भारतीय समाज को पिला कर अमृतकाल का ढोंग कर रहा है। ‘फूट डालो और राज करो’ यह जुमला 19 वीं सदी के सत्ताधीशों का अचूक मंत्र था। अंग्रेज हों या भारतखण्ड के राजा रजवाड़े और जमींदार सभी ने राज करने के लिए इस सत्ताप्राप्ती मंत्र को खुब व्यवहारिक आजमाया और पीढ़ी दर पीढ़ी राज किया। नरेन्द्र मोदी और उनके तंत्र ने भी 2014 में इसी मंत्र के जरिए अखिल भारतीय समाज को खण्ड-खण्ड में बांट दिया है।

एक धर्म को दूसरे धर्म के खिलाफ, एक समाज को दूसरे समाज के खिलाफ, एक जाति को दूसरी जाति के खिलाफ, एक पेशे को दूसरे पेशे के खिलाफ, एक नौजवान को दूसरे नौजवान के खिलाफ, एक महिला को दूसरी महिला के खिलाफ अपने दरबार में खड़ा कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल को अमृतकाल का नाम देकर अमृतमहोत्सव मनवा रहे हैं। और एनडीए मणिपुर के सर्वनाश के बावजूद प्रधानमंत्री के साथ कर्ण की तरह गठबंधन का धर्म निभा रहा है।

रविकांत सिंह (संपादक – द्रष्टा)

drashtainfo@gmail.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *