नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार ने शीर्ष नेताओं को आत्ममंथन करने पर मजबूर कर दिया है। कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई कांग्रेस कार्य समिति ( CWC ) ने पार्टी की करारी शिकस्त के कारणों और आगे की रणनीति पर रविवार को यहां चर्चा की। CWC की बैठक में सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की है। सूत्रों के मुताबिक, इस मीटिंग में कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अपने संबोधन में कहा कि अगर पार्टी को लगता है तो, हम तीनों इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
सोनिया गांधी यहां अपने अलावा राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का जिक्र कर रही थीं। उन्होंने कहा कि हम तीनों इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस कार्य समिति ने सोनिया गांधी के इस्तीफे की पेशकश को नकार दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में कांग्रेस की शीर्ष नीति निर्धारक इकाई CWC की बैठक पार्टी मुख्यालय में चार घंटे से अधिक समय तक चली। बैठक में सोनिया गांधी के अलावा, पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, महासचिव प्रियंका गांधी , वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कई अन्य नेता शामिल हुए।
इसमें ‘जी 23’ समूह के नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और मुकुल वासनिक भी शामिल हुए। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह इस बैठक में शामिल नहीं हुए। वरिष्ठ नेता ए के एंटनी कोविड 19 से संक्रमित होने के कारण बैठक में मौजूद नहीं हो सके।
इस महत्वपूर्ण बैठक से एक दिन पहले मीडिया में खबर आई थी कि गांधी परिवार पार्टी के पदों से इस्तीफे की पेशकश कर सकता है, हालांकि कांग्रेस ने आधिकारिक रूप से इस खबर का खंडन करते हुए इसे ‘गलत एवं शरारतपूर्ण’ करार दिया था। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से कहा जा रहा है कि पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष ने इस्तीफे की पेशकश की है।
बता दें कि इस बैठक से पहले, गहलोत, कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डी के शिवकुमार और कई अन्य नेताओं ने राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गहलोत ने कहा कि आज के समय में राहुल गांधी देश के इकलौते नेता हैं, जो पूरे दमखम के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुकाबला कर रहे हैं।
राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी
शिवकुमार ने ट्वीट किया, ”जैसा मैंने पहले कहा है कि राहुल गांधी को तत्काल पूर्णकालिक अध्यक्ष की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। यह मेरे जैसे पार्टी के करोड़ों कार्यकर्ताओं की इच्छा है।” सीडब्ल्यूसी की बैठक के दौरान पार्टी के कई नेता एवं कार्यकर्ता पार्टी के मुख्यालय के निकट एकत्र हुए और राहुल गांधी के समर्थन में नारेबाजी की तथा उन्हें पार्टी की कमान एक बार फिर से सौंपने की मांग की।लगातार दूसरे आम चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद राहुल ने 2019 में पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था।
यह अहम बैठक ऐसे समय हुई है, जब कांग्रेस ने पंजाब में सत्ता गंवा दी और उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में भी उसे करारी हार का सामना करना पड़ा है। सोनिया गांधी पिछले कुछ समय से सक्रिय रूप से प्रचार नहीं कर रही हैं, प्रियंका गांधी के अलावा राहुल गांधी कांग्रेस के स्टार प्रचारक रहे हैं। साथ ही, भाई-बहन की जोड़ी पार्टी के महत्वपूर्ण फैसलों में भी प्रमुख भूमिका निभाती है।
इन विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद पार्टी के ‘जी 23’ समूह के कई नेताओं ने शुक्रवार को बैठक की थी, जिसमें आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की गयी। राज्यसभा के पूर्व नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद के आवास पर हुई इस बैठक में कपिल सिब्बल, आनंद शर्मा और मनीष तिवारी शामिल हुए थे।