अफ्रीकन यूनियन बना G20 का नया सदस्य, दिल्ली घोषणा पत्र जी-20 समिट में पास

दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने नई दिल्ली जी-20 डेक्लेरेशन को मंजूरी दे दी है। इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं।

DrashtaNews

‘हमारी अध्यक्षता का संदेश ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ है -विदेश मंत्री एस. जयशंकर

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन की बैठक के पहले दिन सभी सदस्य देशों ने नई दिल्ली जी-20 डेक्लेरेशन को मंजूरी दे दी है। इस संयुक्त घोषणापत्र में कहा गया है कि आज का युग युद्ध का युग नहीं। रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के चलते उत्पन्न वैश्विक संकट के बीच भारत की अध्यक्षता में हो रहे इस शिखर सम्मेलन के लिहाज से इस संयुक्त घोषणापत्र को एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पाारित कर दिया। वहीं, अफ्रीकन यूनियन को G20 का नया सदस्य बनाया गया है। यूनियन को सदस्यता मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।

शनिवार को दूसरे सेशन की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  ने बतौर अध्यक्ष यह जानकारी दी। उन्होंने सभी सदस्य देशों की सहमति से नई दिल्ली डिक्लेरेशन पाारित कर दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया, “हमारे टीम के हार्ड वर्क से और आप सभी के सहयोग से नई दिल्ली जी20 लीडर्स घोषणा पत्र पर आम सहमति बनी है।” उन्होंने कहा, “मेरा प्रस्ताव है कि इस लीडर्स डिक्लेरेशन को भी एडॉप्ट किया जाए। मैं इस डिक्लेरेशन को एडॉप्ट करने की घोषणा करता हूं।” उन्होंने कहा, “इस अवसर पर मैं हमारे मंत्रीगण, शेरपा और सभी अधिकारियों का हृदय से अभिनंदन करता हूं। जिन्होंने अथाह परिश्रम करके इसे सार्थक किया है।”

विदेश मंत्री एस. जयशंकर, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और जी-20 समिट के लिए भारत के शेरपा अमिताभ कांत ने शनिवार शाम प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस घोषणापत्र के खास पहलुओं को रेखांकित किया। उन्होंने बताया कि नई दिल्ली जी-20 शिखर सम्मेलन में 37 पन्नों के घोषणापत्र को मंजूरी दी गई है।

जी-20 समिट को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा, ‘हमारी अध्यक्षता का संदेश ‘वन अर्थ, वन फैमिली, वन फ्यूचर’ है। भारत की अध्यक्षता में आयोजित जी-20 में 20 सदस्य देशों 9 आमंत्रित देशों और 14 अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने हिस्सा लिया। हमारे लिए यह संतुष्टि की बात है कि अफ्रीकन यूनियन को आज भारत की अध्यक्षता में जी-20 को स्थायी सदस्यता दी गई।’ विदेश मंत्री जयशंकर ने इसके साथ ही कहा, ‘यह हमारे लिए हमारी संस्कृति, परंपरा और विरासत को दर्शाने का एक अवसर था। जी-20 ने भारत को विश्व के लिए तैयार करने और विश्व को भारत के लिए तैयार करने में योगदान दिया है।’

नई दिल्ली नेताओं की घोषणा पर जी20 शेरपा अमिताभ कांत ने कहा कि पहले ही दिन दिल्ली घोषणा पत्र पारित करा लेना भारत की बहुत बड़ी उपलब्धि है। ये आने वाले समय में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि दिल्ली घोषणापत्र मजबूत, टिकाऊ, संतुलित और समावेशी विकास पर आधारित है। यह घोषणापत्र SDG पर प्रगति में तेजी लाना, सतत भविष्य के लिए हरित विकास समझौता, 21वीं सदी के लिए बहुपक्षीय संस्थान, बहुपक्षवाद को पुनर्जीवित करने पर केंद्रित है।

समिट के पहले सेशन में प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकन यूनियन को G20 का स्थायी सदस्य बनाने का प्रस्ताव रखा। बतौर अध्यक्ष PM मोदी ने जैसे ही इसे पारित किया, अफ्रीकन यूनियन के हेड अजाली असोमानी जाकर PM मोदी के गले लग गए। भारत के प्रस्ताव का चीन और यूरोपियन यूनियन ने भी समर्थन किया। यूनियन को मेंबरशिप मिलने से अफ्रीका के 55 देशों को फायदा होगा।

पीएम मोदी ने अफ्रीकन यूनियन का स्वागत करते हुए कहा कि अफ्रीकन यूनियन के आने से जी20 परिवार को मजबूती मिली है। हम ऐसी साझेदारियों को मजबूत करेंगे, जो सर्वांगीण विकास को प्राथमिकता दें, जिससे एक बेहतर ग्रह का निर्माण हो सके। पहले रूस-यूक्रेन के मुद्दे को लेकर इस घोषणापत्र को मंजूरी मिलने में दिक्कतें आ रही थीं, हालांकि बाद में भारत ने घोषणापत्र के पैराग्राफ में बदलाव किए, जिससे इसे मंजूरी मिलने में आसानी हुई।

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