LG वीके सक्सेना के सीधे आदेशों का पालन बंद करें ‘आप’ सरकार के अफसर : केजरीवाल सरकार

नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उपराज्यपाल वीके सक्सेना से सीधे आदेश लेना बंद करें। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह निर्देश सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के सरकार के प्रस्ताव सहित विभिन्न मुद्दों पर 'आप' सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच हुई खींचतान के बाद आया है। पूर्व में भी कई मौकों पर आम आदमी पार्टी नेताओं ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली की निर्वाचित सरकार को ‘बाईपास' कर अधिकारियों को सीधे आदेश दे रहे हैं। सूत्रों ने बताया, ‘‘केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रत्यक्ष आदेशों का अनुपालन करना बंद करें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को इस संबंध में लिखा है और निर्देश दिया है कि कार्य आवंटन नियम (TBR) का पूरी तरह से पालन किया जाए।'' उन्होंने बताया, ‘‘सभी सचिवों को निर्देश दिया गया है कि उपराज्यपाल द्वारा दिए गए किसी भी प्रत्यक्ष आदेश की जानकारी संबंधित प्रभारी मंत्री को दी जाए।'' सूत्रों ने दावा किया कि निर्वाचित सरकार को जानकारी दिए बिना उप राज्यपाल विभागों के सचिवों को आदेश दे रहे हैं जो टीबीआर के नियम 49-50 और उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है। सूत्र ने दावा किया, ‘‘निर्देश में कहा गया है कि उपराज्यपाल के ऐसे अवैध प्रत्यक्ष आदेश को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेखांकित किया कि ऐसे आदेशों का अनुपालन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और संविधान का उल्लंघन है और सरकार इसे गंभीरता से लेगी।'' केजरीवाल सरकार का आरोप है कि उपराज्यपाल 'संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले' का उल्लंघन कर चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर सचिवों को सीधा आदेश जारी कर रहे हैं. संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने के‌ लिए सरकार की ओर से गंभीरता से काम किया जाएगा। इससे पहले एमसीडी में 10 एल्डरमैन को मनोनीत करने को लेकर एलजी और केजरीवाल के रिश्‍तों में कड़वाहट देखने में आई थी। केजरीवाल ने उप राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में एलजी ने भी सोमवार को केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी।

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नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे उपराज्यपाल वीके सक्सेना से सीधे आदेश लेना बंद करें। सूत्रों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। यह निर्देश सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के सरकार के प्रस्ताव सहित विभिन्न मुद्दों पर ‘आप’ सरकार और उपराज्यपाल कार्यालय के बीच हुई खींचतान के बाद आया है। पूर्व में भी कई मौकों पर आम आदमी पार्टी नेताओं ने उपराज्यपाल पर आरोप लगाया है कि वह दिल्ली की निर्वाचित सरकार को ‘बाईपास’ कर अधिकारियों को सीधे आदेश दे रहे हैं।

सूत्रों ने बताया, ‘‘केजरीवाल सरकार ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली के उपराज्यपाल के प्रत्यक्ष आदेशों का अनुपालन करना बंद करें। सभी मंत्रियों ने अपने-अपने विभागों के सचिवों को इस संबंध में लिखा है और निर्देश दिया है कि कार्य आवंटन नियम (TBR) का पूरी तरह से पालन किया जाए।”

उन्होंने बताया, ‘‘सभी सचिवों को निर्देश दिया गया है कि उपराज्यपाल द्वारा दिए गए किसी भी प्रत्यक्ष आदेश की जानकारी संबंधित प्रभारी मंत्री को दी जाए।” सूत्रों ने दावा किया कि निर्वाचित सरकार को जानकारी दिए बिना उप राज्यपाल विभागों के सचिवों को आदेश दे रहे हैं जो टीबीआर के नियम 49-50 और उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन है।
सूत्र ने दावा किया, ‘‘निर्देश में कहा गया है कि उपराज्यपाल के ऐसे अवैध प्रत्यक्ष आदेश को लागू करना टीबीआर के नियम 57 का उल्लंघन माना जाएगा। उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने रेखांकित किया कि ऐसे आदेशों का अनुपालन उच्चतम न्यायालय के निर्देशों और संविधान का उल्लंघन है और सरकार इसे गंभीरता से लेगी।”

केजरीवाल सरकार का आरोप है कि उपराज्यपाल ‘संविधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले’ का उल्लंघन कर चुनी हुई सरकार को दरकिनार कर सचिवों को सीधा आदेश जारी कर रहे हैं. संविधान और सुप्रीम कोर्ट के आदेशों को लागू कराने के‌ लिए सरकार की ओर से गंभीरता से काम किया जाएगा। इससे पहले एमसीडी में 10 एल्डरमैन को मनोनीत करने को लेकर एलजी और केजरीवाल के रिश्‍तों में कड़वाहट देखने में आई थी। केजरीवाल ने उप राज्यपाल को चिट्ठी लिखकर राज्य सरकार की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। इसके जवाब में एलजी ने भी सोमवार को केजरीवाल को चिट्ठी लिखी थी।

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