देश

मणिपुर में अराजक हिंसा चरम पर, सेना के अधिकारी का घर से अपहरण

थौबल जिले के निवासी जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) कोनसम खेड़ा सिंह का आज (8 मार्च ) सुबह 9 बजे एक वाहन में आए अज्ञात लोगों ने घर से अपहरण कर लिया।

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तथ्य और सत्य, द्रष्टा स्पेशल, राजनीति, स्तंभकार

गणतंत्र का धर्म और श्रीराम की इच्छा

आज भारत की राजनीति प्रथा और परम्पराओं वाले धर्म की बैशाखी पर लंगड़ा रही है। धर्म की इसी बैसाखी का विरोध युगद्रष्टा सरदार भगत सिंह ने किया था। जब राजनीति, धर्म की बैसाखी के सहारे चल रही हो तो, गण और तंत्र का टकराव निश्चित है।

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ओपिनियन, राजनीति

भारतीय लोकतंत्र को मुठ्ठी में करने की एक और कवायद

भारतीय लोकतंत्र को मौजूदा सत्ता हड़पने की पुरजोर कोशिश में लगी है। भारतीय जनता पार्टी के नेता प्रपंचों और संविधान विरोधी गतिविधियों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं।

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प्रचंड प्रहार, राजनीति

एनडीए के ‘अमृतकाल’ में मणिपुर का सर्वनाश

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने कार्यकाल को ‘अमृतकाल’ का नाम देकर अमृतमहोत्सव मनवा रहे हैं। और एनडीए मणिपुर के सर्वनाश के बावजूद प्रधानमंत्री के साथ कर्ण की तरह गठबंधन का धर्म निभा रहा है।

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ओपिनियन, तथ्य और सत्य, द्रष्टा स्पेशल

नारी ने नारीत्व खो दिया और पुरुष ने पुरुषत्व

हम भारतीय अपनी सभ्य संस्कृति का बखान करते नहीं अघाते। हमें अपनी परम्परा और सामाजिक आचार व्यवहार अति प्रिय हैं। यह बातें हम उसी प्रकार करते हैं जैसे विवाहित महिलाएं ससुराल वालों के सामने अपने मायके की तारीफें कर गर्वान्वित महसूस करती हैं। क्या इस तरह के बात-व्यवहार से हमारे सामाजिक दोष समाप्त हो जायेंगे? क्या हमारा दायित्व नहीं हैं कि समाजिक दोषों को दूर करने का प्रयास किया जाय? समय हमारी संस्कृति, सभ्यता, परम्परा, खान-पान और समाजिक व्यवहार सबकुछ बदल देता है यह एक निर्विवाद सत्य है।

ज्योति मौर्य और आलोक मौर्य की कहानी पति-पत्नि के बिगड़ते रिश्तों की कहानी नहीं है। न ही मनीष दूबे जैसे कामी प्रवृत्ति वाले चरित्रहीन व्यक्ति की कहानी है। यह कहानी प्रत्येक समय में, प्रत्येक छड़ दोहराई जा रही है। कोई इस कहानी को पितृ सत्तात्मक समाज की देन बता रहा है और ज्योति मौर्या के साथ खड़ा है तो, कोई आलोक मौर्य के साथ। ऐसी सामाजिक परिस्थितियां कई समस्याओं को जन्म देती हैं। और इन समस्याओं से उत्पन्न कई प्रश्न सभ्य मानव समाज के सामने है।

क्या करुणा, दया व प्रेम से रहित व्यवहार स्त्री को शोभा देता है?

क्या पुरुषों की तरह स्त्रियां भी एक समय में कई पुरुषों के साथ शारीरिक सम्बंध बना सकती हैं?

क्या स्त्री को उच्च पद के लिए शिक्षित करना परिवार और समाज के लिए विनाशकारी है ?

समाज में पुरुष की बराबरी करना किसी महिला के लिए कितना उचित है?

क्या वास्तव में महिला अधिकारों के हनन के लिए पुरुष ही जिम्मेदार है?

स्त्रियों के सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समृद्धि में समाज का पितृसत्ता कितना बाधक है?

एक सभ्य पुरुष एक स्त्री के लिए कैसी सोच रखता है?

सामाजिक चिंतकों को सोच समझकर प्रतिक्रिया देना चाहिए

ज्योति मौर्य, आलोक मौर्य और मनीष दुबे का चरित्र किसी व्यक्ति या समाज के लिए उदहारण नहीं हो सकता है। और न ही किसी एक घटना का जिक्र कर पूरे समाज को दोषी माना जा सकता है। और सामाजिक दोषों को छूपाया भी नहीं जा सकता है। इस सामाजिक समस्या का दायरा स्त्री और पुरुष के बीच नहीं होना चाहिए । यदि स्त्री और पुरुष के बीच समस्या पर बहस होगी तो, पूरे समाजिक भविष्य का विनाश हो जायेगा।

‘‘जननी जन्म भूमिश्च

स्वर्गादपि गरीयसी’’

अर्थात् ‘‘जननी और जन्म-भूमि स्वर्ग से भी बढ़कर है।’’

पूजनीया महाभागाः पुण्याश्च गृहदीप्तयः।

स्त्रियः श्रियो गृहस्योक्तास्तस्माद रक्ष्या विशेषतः।।

(महाभारत, 38/11)

अर्थात् ‘‘घर को उज्जवल करने वाली और पवित्र आचरण वाली महाभाग्यवती स्त्रियाँ पूजा (सत्कार) करने योग्य हैं, क्योंकि वे घर की लक्ष्मी कही गई हैं, अतः उनकी विशेष रूप से रक्षा करें।’’

द्रष्टा स्त्री और पुरुष के बीच इस बहस को नहीं मानता है। यह एक अति संवेदनशील और व्यहारिक जीवन में प्रतिपल घटने वाली निर्दयी सामाजिक समस्या है। न्याय की तुला पर स्त्री और पुरुष दोनों समान है। ऐसी घटनाओं से मानव में प्राकृतिक गुण क्षमा, दया, करुणा, प्रेम और त्याग का नाश हो जाता है। और समाज अपनी मूल संरचना खो देता है। ऐसी घटनाओं पर मीडिया और सामाजिक चिंतकों को सोच समझकर प्रतिक्रिया देना चाहिए।

एक समय में एक ही साथी के साथ सम्बंध

ज्योति मौर्य, आलोक मौर्य ,मनीष दुबे और संगीता दुबे की बातें व कार्य स्त्री और पुरुष के बीच रिश्तों की बेकद्री, रोष, और दुर्भावनापूर्ण सामाजिक दोषों को सामने ला रहा है। ‘द्रष्टा’ की नजर में कहानी के यह तीनों पात्र विशेष नहीं है, विशेष है तो केवल इनके कारनामों का उजागर होना है। अध्ययन के लिए बस यही बात महत्वपूर्ण है।

पुरुष हो या स्त्री यदि किसी के साथ शारीरिक संबंध के लिए वचन बद्ध नहीं हैं तो, अनेकों के साथ सम्बंध रख सकते हैं। परन्तु, एक समय में एक ही साथी के साथ सम्बंध निभाना उचित है। अदालतें अपने कानून के अनुसार निर्णय लेती है और उसे ही न्याय कहती हैं जबकि, न्याय का आधार सत्य, अहिंसा, प्रेम, त्याग, धैर्य और समर्पण है। और यही मनुष्य का प्राकृतिक स्वभाव है। ‘द्रष्टा’ मानव के प्राकृतिक स्वभाव व व्यवहार पर आधारित इसी न्याय की बात कर रहा है।

महिलाओं का हृदय दुर्गुणों से भर जाता है

ज्योति मौर्य जैसी सम्मानित पद पाने वाली अनगिनत महिलाओं के मन में अहंकार पैदा हो जाता है। ऐसी महिलाओं का स्वभाव, व्यवहार और दृष्टिकोण परिवार और समाज के प्रति बदल जाता है। वह स्वयं को अन्य व्यक्तियों से अलग दिखने के लिए स्वयं को प्रशिक्षित कर लेती है। सामाज में उच्च स्तर का मान-सम्मान पा कर महिलाओं का हृदय परिवर्तित होने लगता है। कुछ महिलाएं समाज में विनम्र व्यवहार रखती हैं तो, कुछ अन्य महिलाओं और पुरुषों से स्वयं को श्रेष्ठ समझ कर दुर्वव्यवहार करती हैं। श्रेष्ठता के अहंकार में ऐसी महिलाओं का हृदय दुर्गुणों से भर जाता है। वह गलत को ही सही मान बैठती हैं। और महिलाओं के इन्हीं विवेकहीन व्यवहार का लाभ मनीष दुबे जैसे लोग उठाते हैं।

सरकारी व गैर सरकारी नौकरियों के लिए प्रशिक्षण ही व्यक्ति में पुरुषत्व प्रधान मानसिकता धारण करने के लिए होता है। इस प्रकार से प्रशिक्षित होने वाली स्त्री हो या पुरुष दोनों के मन में ही श्रेष्ठ बनने की प्रतियोगिता जन्म ले लेती है। पुरुष में पुरुषत्व पहले से ही विद्यमान है। अब स्त्रियां भी ममत्व, देवत्व को छोड़कर समाज में पुरुषों की तरह आचार-व्यवहार अपना रही हैं। कई महिलाएं पुलिस की वर्दी में महिलाओं व पुरुषों के साथ वही व्यवहार कर रही हैं जिस प्रकार का व्यवहार अहंकारी पुरुष करतें हैं।

जारी है, शेष अगले अंक में….

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ओपिनियन, द्रष्टा स्पेशल, प्रचंड प्रहार, स्तंभकार

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘ क्रूर मौन ’

इस बार 130 करोड़ लोगों के स्वाभिमान पर चोट लगा है। सरकार की योजनाएं और विकास का लालच स्वाभिमानी नागेिरकों के घाव को भरने में सक्षम नहीं है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चाहे जितने भी विकास के डिंगे हांक लें या कंकड़ पत्थर जोड़कर निर्माणकार्यों को विकास का नाम दे दें। लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ‘कु्रर मौन’ जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहा है। जिसे देश का स्वाभिमानी नागरिक कभी बर्दाश्त नहीं करेगा।

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देश, राजनीति

मेरा नाम गांधी है और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है – राहुल गांधी

अदाणी मुद्दे से ध्यान भटका रही बीजेपी,भाजपा का बिल्ला अपने सीने पर लगा लीजिए

नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी संसद सदस्यता रद्द किये जाने के अगले दिन केंद्र की सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर जमकर बरसे। मानहानि मामले में लोकसभा की सदस्यता गंवाने के बाद भाजपा के ओबीसी के अपमान की सियासी आरोपों की बौछारों का सामना कर रहे राहुल गांधी का सब्र इस सवाल को बार-बार दुहराए जाने के बाद टूट गया और यह सवाल पूछने वाले एक पत्रकार को उन्होंने सीने पर भाजपा का बिल्ला लगाकर आने की खरी-खोटी सुना दी। उन्होंने कहा, मुझे जेल में डाल दिया जाए या मारा-पीटा जाए लेकिन मैं सरकार से नहीं डरुंगा। उन्होंने कहा मैं पीएम मोदी और उद्योगपति अडानी के साथ उनके संबंध को लेकर लगातार सवाल पूछता रहुंगा।

कांग्रेस मुख्यालय में उनकी प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मानहानि के मामले को उनके द्वारा ओबीसी का अपमान करने के भाजपा के आरोपों पर दो पत्रकारों ने अलग-अलग सवाल पूछा लिया था। राहुल गांधी ने दोनों सवालों का जवाब देते हुए सरकार-भाजपा पर अदाणी मुद्दे से ध्यान भटकाने का जवाबी आरोप लगाकर इसे खारिज कर दिया। भाजपा के आरोपों की नैरेटिव को मीडिया में दी जा रही प्रमुखता को भांप रहे राहुल से एक न्यूज चैनल के पत्रकार ने जब तीसरी बार यही सवाल पूछा तब राहुल ने इस पत्रकार को खरी-खरी सुना डाली। उन्होंने कहा ‘देखिए आप का पहला अटेंप्ट इधर से आया, दूसरा इधर से और तीसरा प्रयास यहां से आया।

आप इतनी डायरेक्टली बीजेपी के लिए काम क्यों कर रहे हो? थोड़ा गुपचुप तरीके से करो यार। थोड़ा घूम-घूमा फिरा कर पूछो। देखो मुस्कुरा रहे हैं। प्लीज अगर आप भाजपा के लिए काम करना चाहते हैं तो भाजपा का बिल्ला अपने सीने पर लगा लीजिए। तब में जिस तरह से जवाब देता हूं उसी तरीके से जवाब दूंगा। फिर आप पत्रकार होने का दिखावा मत करिए।

राहुल गांधी ने कहा, देश में लोकतंत्र को खत्म करने के रोज नए-नए उदाहरण मिल रहे हैं। मैंने संसद में स्पीकर को सबूत देकर पूछा, अडानी के पास 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए और बस इसी बात पर इन्होंने मेरी संसद सदस्यता रद्द करवा दी। राहुल गांधी ने पूछा अडानी के पास 20 हजार करोड़ रुपये कहां से आए और प्रधानमंत्री के साथ उनका क्या रिश्ता है? राहुल ने दावा किया, अडानी को ये पैसे एक चीनी व्यापारी ने दिए हैं। अडानी के पास राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े कई अहम प्रोजेक्ट हैं, इसलिए मुझे देश की सुरक्षा को लेकर भय है।

राहुल ने आरोप लगाया, स्पीकर ने उनकी बात नहीं सुनी। उन्होंने कहा मैंने स्पीकर को चिट्ठी लिख कर बताया कि अडानी को एयरपोर्ट नियम बदल कर दिए गये हैं। लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। मैंने उनको बदले हुए नियमों की एक कॉपी भी भेजी। राहुल ने कहा, मैंने लंदन में जाकर ऐसी कोई भी बात नहीं की जिससे देश की छवि को नुकसान पहुंचता है। मैंने विदेशी ताकतों से किसी भी तरह की मदद नहीं मांगी। बावजूद इसके केंद्रीय मंत्रियों ने सदन में मुझको लेकर झूठ बोला ताकि अडानी के मुद्दे से ध्यान भटकाया जा सके।

लंदन से लौटने के बाद मैंने स्पीकर चिट्ठी लिखकर कहा, मुझे मेरे ऊपर लगे आरोपों का जवाब संसद में देने के लिए अनुमति दी जाए. लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया. मैंने स्पीकर से पूछा मुझे संसद में क्यों नहीं बोलने दे रहे हैं, तो वह मुस्कुराए और कहा, मैं यह नहीं करने दे सकता,आइए चाय पीते हैं। राहुल गांधी ने कहा, मैं अडानी पर सवाल पूछना बंद नहीं करूंगा। मैं सरकार से नहीं डरेंगे। मैं इन आरोपों, अदालतों और सजाओं से नहीं डरता, वो जो चाहें कर लें लेकिन मेरा उनसे सवाल पूछना जारी रहेगा।

आज के हिंदुस्तान में राजनीतिक पार्टियों को प्रेस से जो सपोर्ट मिलती थी वह अब नहीं मिलती है, लेकिन हम प्रेस के बिना भी जनता के बीच में जाएंगे। मेरी पोजीशन साफ है। यह ओबीसी के अपमान से जुड़ा मामला नहीं है, हम लगातार अडानी और मोदी के रिश्ते के बीच सवाल पूछते रहेंगे। मुझे इस देश ने सब कुछ दिया है। उन्होंने मुझको इज्जत, प्यार और सम्मान दिया है इसलिए मैं अंत तक सिर्फ उनके ही हित की बात करुंगा। मैं देश को धोखा नहीं दे सकता हूं। मैं मेरी लोकसभा क्षेत्र वायनाड के लोगों को पत्र लिखूंगा। वह मेरे परिवार जैसे हैं।

राहुल गांधी ने कहा, प्रधानमंत्री मुझसे डरते हैं, मैंने उनकी आंखों में मेरा डर देखा है। वह नहीं चाहते हैं कि मेरा अडानी के ऊपर अगला भाषण संसद में हो इसलिए उन्होंने पहले ध्यान भटकाया और फिर मुझे डिसक्वालीफाई कर दिया। एक सवाल के जवाब में राहुल ने कहा, क्या मैं आपको घबराया हुआ लगता हूं। मुझे मजा आ रहा है। इन लोगों ने मुझे सबसे बड़ा गिफ्ट दिया है। मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है, और गांधी किसी से माफी नहीं मांगता है। मुझे डिसक्वालीफाई करने के बाद उन्होंने मुझे संकेत दे दिया है, लोकतंत्र खत्म हो चुका है।

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प्रचंड प्रहार, ब्लॉग

‘धन के लिए धर्म को ठुकराने वाले’ जनता के जमीर को मारना जानते हैं

सपनों के सौदागर जो सपने जनता को बेंच रहे हैं उस सपने को खुद नागरिकों ने ही बुना है। कुछ नागरिकों के विश्व गुरु बनने का सपना है, कुछ के सपने हैं अपने निजी धर्म को सर्वोच्च प्रदर्शित करने का, कुछ के पूँजीपति बनने का सपना है। कुछ के गुण्डे, आतंकी और डॉन बनने का सपना है। गजनवी की नाजायज औलादों का सपना है इस देश को लुटना।

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द्रष्टा स्पेशल, प्रचंड प्रहार, राजनीति

 विधान सभा चुनाव 2022 :  क्या जनसमस्याओं को दरकिनार कर नेताओं का चुनाव करेगी जनता?

विधान सभा चुनाव 2022 : प्रश्न-1 ‘द्रष्टा’ की नजर में ”सकारात्मक सोच (पॉजिटिव थिंकिंग  ) रचनात्मकता (क्रिएटीविटी) के लिए अनिवार्य है

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द्रष्टा स्पेशल, प्रचंड प्रहार, ब्लॉग, राजनीति

आदमखोर सत्ता के पुजारी

SUNDAY, 3 OCTOBER 2021 किसान क्रांति : गरीबों के निवाले भी सियासत, छीन लेती है- पार्ट 6  यह घटना न

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कानूनी सलाह

वक्फ संशोधन कानून किसी के धार्मिक अधिकारों में हस्तक्षेप नहीं करता- केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने अपने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के माध्यम से वक्फ संशोधन अधिनियम 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में एक प्रारंभिक हलफनामा दायर किया है, जिसमें इस तर्क का खंडन किया गया है कि कानून संविधान के तहत गारंटीकृत मौलिक अधिकारों का उल्लंघन करता है।

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देश

पहलगाम आतंकी हमला : सरकार जो फैसला लेगी, साथ खड़े हैं – राहुल गांधी

यह देखकर दुख होता है कि कुछ लोग कश्मीर और देश के बाकी हिस्सों से मेरे भाइयों और बहनों पर हमला कर रहे हैं और मुझे लगता है कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम सभी एकजुट होकर खड़े हों, इस घिनौनी कार्रवाई का मुकाबला करें और आतंकवाद को हमेशा के लिए हरा दें।

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D-Bheelvada parishad
पंचायत सन्देश, पंचायतीराज

राजस्थान सरकार ने सरपंचों व वार्ड पंचों को हटाया, 24 ग्राम पंचायतों को निगम में किया शामिल

राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 (1994 का अधिनियम संख्या-13) की धारा-101 में वर्णित शक्तियों का प्रयोग करते हुए 24 ग्राम पंचायतें नगर निगम में शामिल की गई। ग्राम पंचायत या राजस्व ग्रामों को पंचायती राज संस्थाओं की सीमाओं से पृथक कर दिया गया है। इसके साथ ही राजस्थान पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा-101(2) (घ) के प्रावधानानुसार नगर निगम भीलवाड़ा की सीमा में शामिल किए गए क्षेत्र से पंचायती राज संस्थाओं के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को हटाया हुआ माना जाएगा।

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D-saifullah-kasuri
समाचार

पहलगाम आतंकी हमला : ‘मैंने नहीं कराया, यह भारत की साजिश – आतंकी सैफुल्लाह कसूरी

कसूरी ने वीडियो में कहा, जम्मू कश्मीर के पहलगाम में जो आतंकी हमला हुआ है, ”हम इसकी निंदा करते हैं। इस हमले की आड़ में हिन्दुस्तान की मीडिया ने मुझे जिम्मेदार ठहराया है। पाकिस्तान पर भी इल्जाम लगाया है। हिंदुस्तान का मीडिया चौबीसों घंटे आरोपी बनाने पर लगा है। यह अफसोसनाक बात है। हिन्दुस्तान पाकिस्तान को तबाह करना चाहता है। वो एक जंगी दुश्मन है।

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D_kabir_talwar
कानूनी सलाह, देश

21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स से अर्जित राशि का इस्तेमाल लश्कर-ए-तैयबा आतंक के लिए करता -NIA

मुंद्रा बंदरगाह पर 21,000 करोड़ रुपये की ड्रग्स बरामदगी से जुड़े मामले में गिरफ्तार दिल्ली के व्यवसायी हरप्रीत सिंह तलवार उर्फ कबीर तलवार दिल्ली में कई लोकप्रिय क्लबों का संचालन करता था। उसे इस मामले में अगस्त, 2022 को गिरफ्तार किया गया था, जिसे भारत में ड्रग्स की सबसे बड़ी बरामदगी बताया जाता है।

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देश

जल जीवन मिशन घोटाला मामले में पूर्व मंत्री महेश जोशी को ED ने  किया गिरफ्तार

जस्थान में गुरुवार को प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने 9 हजार करोड़ के घोटाले में  पूर्व  डॉ. महेश जोशी को गिरफ्तार कर लिया है।  इस मामले में महेश जोशी को 3 बार नोटिस भी भेजा गया था।ED ने लंबी पूछताछ के बाद पूर्व मंत्री को  गिरफ्तार किया है।

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D_CCS Meeting
राजनीति, समाचार

पहलगाम आतंकी हमला : CCS बैठक के बाद केंद्र सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

केंद्र सरकार ने गुरुवार 24 अप्रैल को एक सर्वदलीय बैठक बुलाया है। सरकारी सूत्रों के अनुसार इस अहम बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह कर सकते है। माना जा रहा है कि इस बैठक में पहलगाम हमले से जुड़े महत्वपूर्ण मुद्दों, जैसे हालिया सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की जा सकती है।

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D-Ramdev Sharbat Zihaad
कानूनी सलाह, व्यापार, स्वास्थ्य

सुप्रीम कोर्ट में माफ़ी के बाद भी नहीं सुधरे रामदेव, दिल्ली हाईकोर्ट ने दिया आदेश

बाबा रामदेव ने शरबत जिहाद शब्द का इस्तेमाल किया था। जस्टिस अमित बंसल ने कहा कि यह बयान माफी लायक नहीं है। इसने कोर्ट की अंतरआत्मा झकझोर दी। कोर्ट की फटकार के बाद पतंजलि के फाउंडर रामदेव ने कहा कि हम ऐसे सभी VIDEO हटा लेंगे, जिनमें धार्मिक टिप्पणियां की गई हैं। कोर्ट ने रामदेव को एफिडेविट दाखिल करने का आदेश भी दिया है।

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D-pahalgam-terror-attack
देश

पहलगाम हमला : आतंकी हमले में मृतकों और घायलों की सूचि जारी

22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में कई मासूमों ने अपनी जान गंवा दी। इस हमले को 2019 के पुलवामा अटैक के बाद सबसे बड़ा आतंकी हमला बताया जा रहा है। ताजा अपडेट के मुताबिक, हमले में मरने वाले और घायलों के नाम की लिस्ट सामने आ गई है।

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कानूनी सलाह

आतंकी हमला : पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में दूरदराज और पहाड़ी इलाकों में जाने वाले पर्यटकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केन्द्र और राज्यों को निर्देश दिये जाने की मांग की गई है। याचिका वकील विशाल तिवारी की ओर से दायर की गई है।

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D- drinking Water
उत्तर प्रदेश

ग्रेटर नोएडा में पानी के लिए तरस रहे ग्रामीण, CEO से की बिल्डर की शिकायत

ग्रेटर नोएडा में एक बिल्डर की वजह से गांव के लोग पानी की एक-एक बूंद को तरस रहे हैं। मंगलवार को गांव के लोगों ने यमुना अथॉरिटी के CEO से मिलकर इसकी शिकायत की है। लोगों का आरोप है कि बिल्डर द्वारा लगाई गई करीब 10 मोटरों से लगातार पानी निकाले जाने के कारण गांव का भूजल स्तर काफी नीचे चला गया है।

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D-mehul chaukasi
विदेश

भारत से भगौड़ा मेहुल चोकसी को बेल्जियम कोर्ट ने जमानत देने से किया इंकार

पंजाब नेशनल बैंक को ठगने वाला मुख्य आरोपी और भारत से फरार हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को बेल्जियम की अदालत से बड़ा झटका लगा है। बेल्जियम की अदालत ने उसकी जमानत याचिका खारिज कर दी है।

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