प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले NCP के कार्यकारी अध्यक्ष घोषित

Supriya Sule has also been made in-charge of Maharashtra along with Punjab and Haryana, which means Supriya Sule will always have an eye on Ajit Pawar as in-charge. Not only this, Supriya Sule has also been made the chairman of the Central Election Committee.

DrashtaNews

नई दिल्‍ली।  प्रफुल्ल पटेल और सुप्रिया सुले NCP के कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किये गए। NCP प्रमुख शरद पवार ने शनिवार को सुप्रिया सुले के साथ ही प्रफुल्ल पटेल को भी कार्यकारी अध्यक्ष बनाया है, मगर सुप्रिया सुले को यह जिम्मेदारी देकर शरद पवार ने साफ कर दिया है कि NCP का भविष्य कौन है और पार्टी किसके पास रहेगी। शरद पवार के मराठी में अपनी आत्मकथा के विमोचन के वक्त जब जो NCP के अध्यक्ष का पद छोड़ने की बात कही थी और उसके बाद पार्टी में जो भूचाल आया था उसके बाद आज एनसीपी के स्थापना दिवस पर यह घोषणा कर उस बहस पर हमेशा के लिए पर्दा डाल दिया।

अजित पवार को लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है। मगर माना जाता है कि महाराष्ट्र NCP पर उनका दबदबा कायम रहेगा। हालांकि महाराष्ट्र NCP के अध्यक्ष अभी भी जयंत पाटिल हैं जो शरद पवार के बहुत ही करीबी हैं। शरद पवार ने आज जो घोषणा की है उसमें सुप्रिया सुले को पंजाब और हरियाणा के साथ महाराष्ट्र का प्रभारी भी बनाया गया है यानि प्रभारी के तौर पर सुप्रिया सुले की एक नजर हमेशा अजित पवार पर रहेगी। यही नहीं सुप्रिया सुले को केन्द्रीय चुनाव समिति का भी अध्यक्ष बनाया गया है। इसका मतलब हुआ कि जब भी टिकट बांटे जाएंगे सुप्रिया की चलेगी और जब महाराष्ट्र में टिकट बांटने के लिए समिति बनाई जाएगी, उसका गठन भी वही करेगी यानि हर स्तर पर कार्यकारी अध्यक्ष का हाथ रहना जरूरी है।

सुप्रिया सुले के लिए राजनीति नई नहीं है। 2006 में उप चुनाव में निर्विरोध चुने जाने के बाद वो राज्यसभा में आई थी तब बाला साहब ठाकरे ने उनके लिए बीजेपी को अपना उम्मीदवार ना खड़ा करने के लिए दबाव बनाया था और सफल रहे थे। सुप्रिया लगातार तीसरी बार बारामती से सांसद हैं।

अब सुप्रिया सुले के लिए चुनौतियों का सामना करने का वक्त आ गया है। शरद पवार की बढ़ती उम्र के बाद NCP अब उनकी जिम्मेवारी होगी, जहां उन्हें महाराष्ट्र के अंदर कदम-कदम पर अजित पवार के साथ सामंजस्य बैठाना होगा, यही उनकी परीक्षा भी है क्योंकि BMC से लेकर लोकसभा और विधानसभा के तमाम चुनाव अगले साल तक होने हैं। प्रफुल्ल पटेल, अनिल देशमुख, छगन भुजबल, जयंत पाटिल जैसे लोगों का साथ उनका काम आसान करेगा।

राष्ट्रीय राजनीति पर तो उनकी पकड़ है, लेकिन आने वाले दिनों में महाराष्ट्र की राजनीति में भी अपने आप को मजबूत साबित करना या अपनी पकड़ दिखानी पड़ेगी, जिस सहज ढंग से सुप्रिया सुले खास जन से आम लोगों तक पहुंच जाती है और जो ट्रेनिंग उन्हें अपने पिता शरद पवार से मिली है सुप्रिया सुले यह काम भी बखूबी निभा सकती हैं, क्योंकि नई पीढ़ी के नेताओं खासकर उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी, अखिलेश यादव और जयंत चौधरी से लेकर तेजस्वी यादव तक उनके हर राजनैतिक कदम पर निगाहें रखेंगे।

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