“राष्ट्र-विरोधी” गतिविधियों में शामिल होने के मामले में ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ CBI ने दर्ज किया केस

नई दिल्ली। गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करने वाली NGO ऑक्सफैम इंडिया (Oxfam India) और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने कथित रूप से भारत के विदेशी फंडिंग नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया है। फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है। ऑक्सफैम इंडिया पर आरोप है कि उसने साल 2019-20 में 12.71 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन में FCRA का उल्लंघन किया है। आरोप है कि ऑक्सफैम इंडिया ने इसी तरह साल 2013 से 2016 के बीच 1.5 करोड़ रुपये के विदेशी लेन-देन में भी अनियमितता बरती थी। सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के FCRA लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया पर "राष्ट्र-विरोधी" गतिविधियों में शामिल होने और FCRA लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए विदेशी सरकारों और संस्थानों के साथ लॉबी करने का आरोप लगाया था। सीबीआई की FIR में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एसोसिएशन या लाभकारी परामर्श फर्मों को फंड ट्रांसफर करके FCRA नियमों को बायपास करने की योजना बना रहा था। CBI ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह एक सर्च ऑपरेशन के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल जब्त किए थे। CBI के अनुसार ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच नामित बैंक खाते के बजाय सीधे अपने फॉरेन कंट्रीब्यूशन यूटिलाइजेशन अकाउंट में लगभग 1.5 करोड़ रुपये हासिल किए। FIR में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को 12.71 लाख रुपये दिए। उसने वित्तीय वर्ष 2019-20 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) 2010 के नियमों का उल्लंघन करते ट्रांजेक्शन किया। सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर यह कार्रवाई की है. पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया था. गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया पर "राष्ट्र-विरोधी" गतिविधियों में शामिल होने और एफसीआरए रिन्यूवल के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए अन्य देशों की सरकारों और संस्थानों के जरिए दबाव डालने का आरोप लगाया था. सीबीआई की एफआईआर में यह भी जिक्र किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एसोसिएशनों या प्रॉफिट कंसल्टेंसी फर्मों को राशि हस्तांतरित करके एफसीआरए को बायपास करने की योजना बना रहा था. सीबीआई ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह एक तलाशी अभियान के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल का रिकार्ड जब्त किया था. ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के ग्लोबल कन्फेडरेशन का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, जेंडर जस्टिस और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है. इस गैर-सरकारी संगठन ने कोई भी गलत काम किए जाने से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है. उसने कहा है कि, “ऑक्सफैम इंडिया दिसंबर 2021 में अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवल नहीं होने के बाद से सभी सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है. हमने अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से हमारी याचिका पर जवाब देने को कहा है।'' ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई का मामला ऐसे समय में आया है जब कई सिविल सोसायटी संगठनों को उनकी विदेशी फंडिंग और अन्य गतिविधियों को लेकर सरकार की जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। सरकार ने कहा है कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो विदेशी धन का दुरुपयोग करते हैं या कानून का उल्लंघन करते हैं। जबकि संगठनों ने सरकार पर उत्पीड़न करने और अंकुश लगाने का आरोप लगाया है। ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के वैश्विक परिसंघ का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है। इस NGO ने किसी भी गलत काम से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है। ।

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नई दिल्ली। गरीबी, असमानता, लैंगिक न्याय और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करने वाली NGO ऑक्सफैम इंडिया और उसके पदाधिकारियों के खिलाफ  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने  कथित रूप से भारत के विदेशी फंडिंग नियमों के प्रावधानों का उल्लंघन करने के लिए मामला दर्ज किया है।  फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट (FCRA) के तहत यह मामला दर्ज किया गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर एफआईआर दर्ज की गई है।

ऑक्सफैम इंडिया पर आरोप है कि उसने साल 2019-20 में 12.71 लाख रुपये के ट्रांजेक्शन में FCRA का उल्लंघन किया है। आरोप है कि ऑक्सफैम इंडिया ने इसी तरह साल 2013 से 2016 के बीच 1.5 करोड़ रुपये के विदेशी लेन-देन में भी अनियमितता बरती थी।

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सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर कार्रवाई की है। गृह मंत्रालय ने पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के FCRA लाइसेंस को सस्पेंड कर दिया था। गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया पर “राष्ट्र-विरोधी” गतिविधियों में शामिल होने और FCRA लाइसेंस रिन्यू कराने के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए विदेशी सरकारों और संस्थानों के साथ लॉबी करने का आरोप लगाया था।

सीबीआई की FIR में यह भी उल्लेख किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एसोसिएशन या लाभकारी परामर्श फर्मों को फंड ट्रांसफर करके FCRA नियमों को बायपास करने की योजना बना रहा था। CBI ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह एक सर्च ऑपरेशन के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल जब्त किए थे।

CBI के अनुसार ऑक्सफैम इंडिया ने 2013 और 2016 के बीच नामित बैंक खाते के बजाय सीधे अपने फॉरेन कंट्रीब्यूशन यूटिलाइजेशन अकाउंट में लगभग 1.5 करोड़ रुपये हासिल किए। FIR में यह भी आरोप लगाया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया ने सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (CPR) को 12.71 लाख रुपये दिए। उसने वित्तीय वर्ष 2019-20 में विदेशी अंशदान (विनियमन) अधिनियम (FCRA) 2010 के नियमों का उल्लंघन करते ट्रांजेक्शन किया।

सीबीआई ने कहा कि उसने गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर यह कार्रवाई की है  पिछले साल जनवरी में ऑक्सफैम इंडिया के एफसीआरए लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया था। गृह मंत्रालय ने ऑक्सफैम इंडिया पर “राष्ट्र-विरोधी” गतिविधियों में शामिल होने और एफसीआरए रिन्यूवल के लिए भारत सरकार पर दबाव बनाने के लिए अन्य देशों की सरकारों और संस्थानों के जरिए दबाव डालने का आरोप लगाया था ।

CBI की FIR में यह भी जिक्र किया गया है कि ऑक्सफैम इंडिया अन्य एसोसिएशनों या प्रॉफिट कंसल्टेंसी फर्मों को राशि हस्तांतरित करके FCRAको बायपास करने की योजना बना रहा था। सीबीआई ने कहा कि उसने पिछले सप्ताह एक तलाशी अभियान के दौरान ऑक्सफैम इंडिया के कार्यालय से कई ईमेल का रिकार्ड जब्त किया था ।

ऑक्सफैम इंडिया ऑक्सफैम के ग्लोबल कन्फेडरेशन का एक हिस्सा है, जो गरीबी, असमानता, जेंडर जस्टिस और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर काम करता है।इस गैर-सरकारी संगठन ने कोई भी गलत काम किए जाने से इनकार किया है और कहा है कि वह अधिकारियों के साथ सहयोग कर रहा है।

उसने कहा है कि, “ऑक्सफैम इंडिया दिसंबर 2021 में अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन का रिन्यूवल नहीं होने के बाद से सभी सरकारी एजेंसियों के साथ सहयोग कर रहा है। हमने अपने एफसीआरए रजिस्ट्रेशन को रिन्यू नहीं करने के फैसले के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से हमारी याचिका पर जवाब देने को कहा है।”

ऑक्सफैम इंडिया के खिलाफ सीबीआई का मामला ऐसे समय में आया है जब कई सिविल सोसायटी संगठनों को उनकी विदेशी फंडिंग और अन्य गतिविधियों को लेकर सरकार की जांच और कार्रवाई का सामना करना पड़ा है। सरकार ने कहा है कि वह उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है जो विदेशी धन का दुरुपयोग करते हैं या कानून का उल्लंघन करते हैं। जबकि संगठनों ने सरकार पर  उत्पीड़न करने और अंकुश लगाने का आरोप लगाया है।

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