एको द्रष्टाsसि सर्वस्य अर्थात् आप समस्त विश्व के एकमात्र द्रष्टा हैं। ‘द्रष्टा’ वह साक्षी जो सत्य से साक्षात्कार कराये । जब आप पर कोई व्यक्ति पक्षपाती होने का आरोप लगाता है या कोई व्यक्ति आप पर अत्याचार करता है तो आप, यही कहते हो कि ‘ऊपर वाला सब देख रहा है कि मैंने क्या किया है’? वो न्याय अवश्य करेगा। स्रष्टा के सृष्टि की प्रकृति को देखने समझने वाले इस ऊपर वाले को ही संस्कृत में ‘द्रष्टा’ कहा गया हैं। ‘द्रष्टा’ विश्व की प्रकृति को निष्पक्ष विचार से तथ्य परक देखता है। वह समय के विधान का पालन करते हुए और समय की गति से प्राणियों में होने वाले परिवर्तन को तर्क के आधार पर जीवन के मूल सत्य को खोजता है और आपको उस सत्य से साक्षात्कार कराता है।
Editor- Ravi Kant Singh ‘Drashta’
