नई दिल्ली। MCD का चुनाव समाप्त हो चूका है।दिल्ली में शांतिपूर्ण मतदान रहा। दिल्ली पुलिस को कल रात 12 बजे से लेकर आज शाम 5:00 बजे तक पीसीआर की कुल 230 कॉल मिली हैं। ज्यादातर कॉल आईडी नहीं ले जाने पर वोट नहीं देने, टेबल आगे लगाने, शराब बांटने, पैसे बांटने जैसी कॉल थी। सभी कॉल फर्जी पाई गईं। शाम साढ़े पांच बजे तक दिल्ली के सभी 250 वार्डों में करीब 50 फीसदी मतदान हुआ। कई मतदान केंद्रों पर 5:30 बजे से पहले पहुंचे मतदाताओं का मतदान अभी जारी है।
कुछ लोग दूसरे लोगों के मतदाता पहचान पत्र लेकर मतदान करने बूथ पर पहुंचे थे लेकिन दिल्ली पुलिस की सख्ती के कारण वे लोग पकड़े गए। दिल्ली पुलिस ने फर्जी वोट डालने की कोशिश में 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया है । इनके पास से किसी दूसरे के नाम के मतदाता पहचान पत्र बरामद किए। पुलिस अधिकारी के मुताबिक 35 लोग बिजवासन स्थित एक मतदान केंद्र पर शाम के समय मतदान करने पहुंचे थे। उनके वोटर पर्ची की जांच करने पर उनके पास किसी दूसरे के नाम के मतदाता पहचान पत्र मिले, जिससे मतदान केंद्र पर तैनात पुलिसकर्मियों ने उन्हें हिरासत में ले लिया। तुरंत इसकी सूचना कापसहेड़ा थाना पुलिस को दी गई। जिसके बाद इनके खिलाफ संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया। उनसे पूछताछ की जा रही है।
वहीं, एक युवक छावला में एक मतदान केंद्र पर किसी दूसरे के नाम का मतदाता पहचान पत्र लेकर वोट डालने पहुंचा था। जांच के दौरान पकड़े जाने पर उसे भी हिरासत में लेकर छावला पुलिस को सूचना दी गई। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उसके खिलाफ भी संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उससे भी पूछताछ की जा रही है।
बता दें इस चुनाव को सफल बनाने के लिए चुनाव आयोग और प्रशासन ने हर संभव कोशिश की है। फर्जी वोटिंग से लेकर नोट फॉर वोट की शिकायते भी प्रशासन के सामने आती रही जिस पर पुलिस ने बिना देरी के संज्ञान लिया।
उत्तरी दिल्ली के काटेवारा गांव में हुआ चुनाव का बहिष्कार
MCD चुनाव सिर्फ राजनीतिक पार्टियों के लिए ही अहम नहीं होते हैं, उनके साथ-साथ दिल्ली की जनता भी इसे बेहद खास मानती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इस चुनाव में अगर उन्होंने सही उम्मीदवार को चुना तो वो उनके इलाके की समस्याओं को आने वाले पांच सालों तक सही से दूर करेगा। यही वजह है कि इस बार भी दिल्ली नगर निगम चुनाव में मतदाताओं ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया है। रविवार को सभी वार्डों में वोट डाले गए। लेकिन दिल्ली का एक गांव ऐसा भी है जहां रहने वाले एक भी शख्स ने इस चुनाव में अपने मताधिकार का इस्तेमाल नहीं किया।
इस गांव का नाम है काटेवारा, जो उत्तरी दिल्ली इलाके में पड़ता है। इस गांव में रहने वाले लोगों को कहना है कि उन्होंने इस चुनाव का बहिष्कार इसलिए किया क्योंकि बीते 15 सालों में जो भी जीता उन्होंने उनके गांव के लिए कोई काम नहीं किया। इस गांव में पड़ने वाले ज्यादातर पोलिंग बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा। इस वजह से यहां एक भी वोट नहीं डाले गए। काटेवारा गांव के रहने वाले लोगों को कहना है कि वो पहले इस चुनाव में मतदान करते थे लेकिन बीते 15 साल में जो भी जीता उसने हमारे गांव में जरूरी सुविधाएं तक नहीं पहुंचाई। लिहाजा बेवजह वोट करके किसी को जीता कर हमे क्या मिलेगा।