नई दिल्ली (ANI) I भारत में भुखमरी खतरनाक स्तर पर पहुँच गया है और वैश्विक भुखमरी सूचकांक में भारत का नंबर 107वां हो गया है। इस समाचार पर चर्चा हो ही रही थी कि दिल्ली-एनसीआर में एक बार फिर मदर डेयरी ने दूध की कीमतों में बढ़ोत्तरी कर दी। मदर डेयरी ने इस बार सिर्फ फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों 2-2 रुपये प्रति लीटर का इजाफा किया है। नई दरें 16 अक्टूबर 2022 से लागू हो जाएंगी। मदर डेयरी के प्रवक्ता ने बताया कि हम सिर्फ फुल क्रीम और गाय के दूध की कीमतों में बढ़ोतरी कर रहे हैं। बढ़ाई गई दरें रविवार से लागू हो जाएंगी। इस साल यह दूसरा मौका है जब मदर डेयरी ने अपने दूध की कीमत में इजाफा किया हो। इससे पहले इसी साल अगस्त में दूध के दामों में इजाफा किया गया था।
इसी साल अगस्त में दूध आपूर्तिकर्ता अमूल और मदर डेयरी ने अपने दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की वृद्धि की घोषणा की थी। अमूल और मदर डेयरी दोनों ने पिछले लगभग छह माह में दूध के दाम दूसरी बार बढ़ाए थे। इससे पहले मार्च की शुरुआत में दोनों ने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की थी। अमूल ब्रांड के तहत दूध और अन्य डेयरी उत्पाद बेचने वाले गुजरात सहकारी दुग्ध विपणन महासंघ (GCMMF) ने कहा था कि उसने गुजरात के अहमदाबाद और सौराष्ट्र, दिल्ली-एनसीआर, पश्चिम बंगाल, मुंबई और अन्य बाजारों में दूध की कीमतों में दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने का फैसला किया है।
एक बयान में कहा गया था कि दो रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी से MRP (अधिकतम खुदरा मूल्य) में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी, जो औसत खाद्य मुद्रास्फीति से कम है। GCMMF ने कहा था कि यह मूल्यवृद्धि दूध के परिचालन और उत्पादन की कुल लागत में वृद्धि के कारण की जा रही है। पिछले वर्ष की तुलना में अकेले पशु आहार लागत बढ़कर लगभग 20 प्रतिशत हो गई है। उत्पादन लागत में वृद्धि के मद्देनजर हमारी सदस्य यूनियनों ने भी पिछले वर्ष की तुलना में किसानों के लिए कीमतों में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि की है। कंपनी ने कहा कि दूध की कीमतों में यह इजाफा इनपुट लागतों में वृद्धि के कारण किया जा रहा है। यह पिछले पांच महीनों के दौरान कई गुना बढ़ गया है। मंगलवार को एक बयान में कंपनी ने बताया, “मदर डेयरी 17 अगस्त, 2022 से अपने दूध की कीमतों में 2 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी करने के लिए मजबूर है। नई कीमतें सभी दूध प्रकारों के लिए लागू होंगी। ”
सहकारी समिति दूध और दुग्ध उत्पादों के लिए उपभोक्ताओं द्वारा भुगतान किए गए प्रत्येक रुपये के लगभग 80 पैसे दुग्ध उत्पादकों को भुगतान करती है। GCMMF ने कहा था कि मूल्य संशोधन से हमारे दूध उत्पादकों के लिए लाभकारी दूध की कीमतों को बनाए रखने और उन्हें उच्च दूध उत्पादन के लिए प्रोत्साहित करने में मदद मिलेगी।