लखनऊ। 5 अगस्त को अडानी पोर्ट्स से इस्तीफा देने के बाद उद्योगपति गौतम अडानी IIM छात्रों को गुरुमंत्र देने आज लखनऊ पहुँच गए। राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय भ्रष्टाचार के लगे आरोपों में घिरने के बावजूद गौतम अडानी से देश का भविष्य गुरुमंत्र ले रहा है।इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (IIM) के उत्सव हॉल में एंट्री करते ही उद्योगपति गौतम अडानी का जोरदार तालियां बजाकर स्वागत किया गया।
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गौतम अडानी ने कहा कि जब मैं आप सभी को देखता हूं तो विकसित भारत की संभावना दिखाई देती है, लेकिन यह सपना, संभावना और विश्वास भविष्य का भरोसा है। इतिहास वो नहीं बनाते, जो वक्त की रेत पर चलते हैं। इतिहास वो रचते हैं, जो अपना रास्ता खुद तलाशते हैं। असली विकास वो नहीं जो सुविधा से मिले, बल्कि असली विकास वो है जो संघर्ष में तपे।
गौतम अडानी ने दिए सफलता के मंत्र
गौतम अडानी ने कहा कि अपनी प्रोफेशनल जर्नी के अनुभव से कहता हूं कि बिजनेस की दुनिया में कामयाब होने के लिए कुछ अलग करना होगा। जब दुनिया कहे कि यह संभव नहीं है, वहीं से इतिहास रचने की कहानी शुरू होती है। नरसिम्हा राव ऐसे विजनरी नेता थे, जिन्होंने आर्थिक विकास की नींव रखी। विकास वही, जो मानवता की बुनियाद पर खड़ा हो, नहीं तो वह केवल विस्तार है। धारावी ईंट और मिट्टी का प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि संवदेनशीलता का प्रोजेक्ट है। यह देश के सामने रखा गया एक आइना है, जो प्रश्न पछूता है कि क्या आगे बढ़कर हमारा साथ देंगे? धारावी एक प्रोजेक्ट नहीं, बल्कि एक सपना है।
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IIM डायरेक्टर ने किया शानदार स्वागत
बता दें कि गौतम अडानी का IIM लखनऊ में शानदार स्वागत हुआ। उन्होंने दीप जलाकर समारोह का आगाज किया। वहीं IIM के डायरेक्टर ने वेलकम स्पीच देकर और गुलदस्ता भेंट करके उनका अभिवादन किया। इसके बाद गौतम अडानी ने स्टूडेंट्स को संबोधित किया और उन्हें गुरुमंत्र देते हुए आज की चुनौतियों से निपटने के टिप्स भी बताए।
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बता दें कि गौतम अडानी की सुरक्षा को लेकर IIM कैंपस में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। उनके सिक्योरिटी गार्ड ने भी कैंपस में आकर सुरक्षा इंतजामों का मुआयना किया था। IIM मैनेजमेंट ने स्टूडेंट्स और स्टाफ को पूरी एहतियात बरतने के निर्देश भी दिए थे।
गौतम अडानी पर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय आरोप
- अमेरिका में रिश्वत और धोखाधड़ी के आरोप (2024):
- 20 नवंबर, 2024 को, अमेरिका के न्याय विभाग (US Department of Justice) ने गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अन्य सात वरिष्ठ अधिकारियों को एक बड़े रिश्वत घोटाले में शामिल होने का आरोप लगाया।
- आरोप है कि उन्होंने भारतीय सरकारी अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से अधिक रिश्वत दी, ताकि एक मेगा सौर ऊर्जा परियोजना के लिए अनुबंध हासिल किए जा सकें।
- इस योजना को अमेरिकी निवेशकों से छिपाया गया, और अडानी समूह ने 3 बिलियन डॉलर से अधिक के ऋण और बांड जुटाए, जो गलत और भ्रामक बयानों पर आधारित थे।
- इस मामले में पांच गिनती का अभियोग (indictment) ब्रुकलिन की एक संघीय अदालत में खोला गया, जिसमें सिक्योरिटीज और वायर धोखाधड़ी के आरोप शामिल हैं।
- परिणामस्वरूप, अडानी समूह के शेयरों में भारी गिरावट आई, और केन्या ने 2.5 बिलियन डॉलर के सौदे रद्द कर दिए, जिसमें जोमो केन्याटा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का अधिग्रहण शामिल था।
- हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप (2023):
- जनवरी 2023 में, हिंडनबर्ग रिसर्च, एक अमेरिकी शॉर्ट सेलर फर्म, ने एक रिपोर्ट जारी की, जिसमें अडानी समूह पर स्टॉक मणिपुलेशन और लेखा धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया।
- रिपोर्ट में कहा गया कि अडानी समूह ने अपने शेयरों की कीमतें कृत्रिम रूप से बढ़ाईं और वित्तीय अनियमितताओं में लिप्त रहे।
- इसने अडानी समूह के शेयरों में 60% तक की गिरावट का कारण बना, और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ।
- हालांकि, अडानी समूह ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि यह एक साजिश थी।
राष्ट्रीय आरोप-
- क्रोनी पूंजीवाद:
- गौतम अडानी को अक्सर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी सहयोगी के रूप में देखा जाता है, और विपक्षी दलों ने आरोप लगाया है कि उनके समूह को सरकारी अनुबंधों में विशेष लाभ मिला।
- विशेष रूप से, अडानी समूह ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचा और बंदरगाह परियोजनाओं में कई बड़े अनुबंध जीते, जिससे निष्पक्षता पर सवाल उठे।
- यह आरोप विशेष रूप से विवादास्पद है, क्योंकि यह राजनीतिक और आर्थिक प्रभाव के बीच संबंध को उजागर करता है।
- गंभीर धोखाधड़ी जांच कार्यालय (SFIO) जांच (2012):
- 2012 में, SFIO ने अडानी और 11 अन्य लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की, जिसमें शेयरों की खरीद और बिक्री से संबंधित धोखाधड़ी और आपराधिक षड्यंत्र का आरोप था।
- आरोप था कि अडानी एग्रो ने अवैध गतिविधियों के लिए फंड और शेयर प्रदान किए।
- यह मामला अभी भी कानूनी प्रक्रियाओं में है, और इसका परिणाम स्पष्ट नहीं है।
- गिरफ्तारी 2002 में:
- 2002 में, दिल्ली पुलिस ने गौतम अडानी को एक गैर-जमानती वारंट पर गिरफ्तार किया, जो एमएस शूज के एक वरिष्ठ अधिकारी की धोखाधड़ी शिकायत पर आधारित था।
- हालांकि, अगले दिन अदालत ने वारंट वापस ले लिया, क्योंकि पक्षों के बीच समझौते की बातचीत चल रही थी।
- यह मामला पुराना है, लेकिन उनके खिलाफ कानूनी चुनौतियों का एक हिस्सा है।
- विपक्षी दलों की मांगें:
- 2024 में, जब अमेरिका में रिश्वत के आरोप सामने आए, तो भारतीय विपक्षी दलों, जैसे कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और अन्य, ने इन आरोपों की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (JPC) गठित करने की मांग की।
- राहुल गांधी जैसे नेताओं ने कहा कि यह मोदी सरकार और अडानी के बीच “भ्रष्टाचार का खतरनाक खेल” है, और जनता को इसका नुकसान हो रहा है।