PM नरेंद्र मोदी और बलात्कारी सांसद प्रज्वल रेवन्ना के बीच क्या है सम्बन्ध ?

2024 के लोकसभा चुनावों में, BJP और JD(S) ने कर्नाटक में एक गठबंधन बनाया, जिसके तहत प्रज्वल रेवन्ना को हासन से उम्मीदवार बनाया गया। यह गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा था, जिसका नेतृत्व BJP करती है। इस संदर्भ में, नरेंद्र मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रचार किया और 14 अप्रैल 2024 को मैसूरु में एक चुनावी सभा में उनके साथ मंच साझा किया।

DrashtaNews

Edited By Ravikant singh

नई दिल्ली। बेंगलुरु की विशेष अदालत ने शनिवार, 2 अगस्त 2025 को जेडीएस के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को कोर्ट ने भारतीय दंड संहिता की धारा 376(2)(K) और 376(2)(N) के तहत सजा सुनाई है। बलात्कारी सांसद प्रज्वल रेवन्ना और नरेंद्र मोदी के बीच संबंधों को लेकर देशभर में आक्रोश फ़ैल गया था। बीच चुनाव में सांसद प्रज्वल रेवन्ना के द्वारा महिलाओं का यौन शोषण और बलात्कार की खबर ने NDA को कई सीटों की हानि हुई। जबकि 14 अप्रैल 2024 को मैसूरु में एक चुनावी सभा में साझा मंच पर नरेंद्र मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रचार करते हुए प्रज्वल की प्रशंसा की और जनता से कहा कि प्रज्वल को दिया गया वोट उन्हें मजबूती देगा।

कौन है प्रज्वल रेवन्ना ?

प्रज्वल रेवन्ना एक भारतीय राजनीतिज्ञ हैं, जो कर्नाटक के हासन लोकसभा क्षेत्र से 17वीं लोकसभा के सदस्य थे और जनता दल (सेक्युलर) (JD(S)) से संबद्ध थे। वे भारत के पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के पोते और कर्नाटक के पूर्व लोक निर्माण विभाग मंत्री एच.डी. रेवन्ना के पुत्र हैं। दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री हैं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेता हैं, जिन्होंने 2014 से लगातार तीसरी बार 2024 में प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। दोनों नेताओं के बीच का संबंध मुख्य रूप से राजनीतिक गठबंधन और चुनावी सहयोग के संदर्भ में उभरा, लेकिन यह विवादास्पद हो गया जब प्रज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण के गंभीर आरोप लगे।

2024 के लोकसभा चुनावों में, BJP और JD(S) ने कर्नाटक में एक गठबंधन बनाया, जिसके तहत प्रज्वल रेवन्ना को हासन से उम्मीदवार बनाया गया। यह गठबंधन राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का हिस्सा था, जिसका नेतृत्व BJP करती है। इस संदर्भ में, नरेंद्र मोदी ने प्रज्वल रेवन्ना के लिए प्रचार किया और 14 अप्रैल 2024 को मैसूरु में एक चुनावी सभा में उनके साथ मंच साझा किया।

विवाद और आरोप
हालांकि, चुनावों के दौरान और बाद में, प्रज्वल रेवन्ना पर यौन शोषण और बलात्कार के गंभीर आरोप लगे। इन आरोपों के तहत, कथित तौर पर 3,000 से अधिक वीडियो सामने आए, जो प्रज्वल द्वारा कई महिलाओं के साथ अश्लील कृत्यों को दर्शाते थे, जिनमें से कई कथित तौर पर उनकी सहमति के बिना रिकॉर्ड किए गए थे। इन वीडियो को हासन में सार्वजनिक स्थानों पर पेन ड्राइव के माध्यम से वितरित किया गया, जिससे राजनीतिक और सामाजिक तूफान खड़ा हो गया।

महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता

विपक्षी दल, विशेष रूप से कांग्रेस, ने दावा किया कि नरेंद्र मोदी और BJP नेतृत्व को इन आरोपों के बारे में पहले से पता था। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनाते ने दावा किया कि दिसंबर 2023 में BJP नेता देवराज गौड़ा ने मोदी और अमित शाह को पत्र लिखकर प्रज्वल के यौन शोषण के बारे में जानकारी दी थी और उन्हें उम्मीदवार बनाने से मना किया था। फिर भी, BJP-JD(S) गठबंधन ने प्रज्वल को टिकट दिया और मोदी ने उनके लिए प्रचार किया, जिसे कांग्रेस ने “महिलाओं के प्रति असंवेदनशीलता” के रूप में आलोचना की।

प्रज्वल रेवन्ना की कानूनी कार्रवाई और निलंबन

इन आरोपों के बाद, JD(S) ने प्रज्वल रेवन्ना को पार्टी से निलंबित कर दिया और कर्नाटक सरकार ने विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया। प्रज्वल रेवन्ना अप्रैल 2024 में देश छोड़कर भाग गए, लेकिन 31 मई 2024 को बेंगलुरु हवाई अड्डे पर पहुंचने पर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। बाद में, 1 अगस्त 2025 को, उन्हें मैसूरु की एक घरेलू सहायिका के बलात्कार मामले में विशेष सत्र न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया, जिसमें फोरेंसिक साक्ष्य और SIT की 2,000 पन्नों की चार्जशीट शामिल थी।

नरेंद्र मोदी की प्रतिक्रिया

नरेंद्र मोदी ने इस मुद्दे पर पहली बार 7 मई 2024 को टिप्पणी की, जब उन्होंने कहा कि इस तरह के व्यवहार के लिए “शून्य सहिष्णुता” होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह एक कानून-व्यवस्था का मामला है और कर्नाटक सरकार को कार्रवाई करनी चाहिए। मोदी ने कांग्रेस पर वीडियो रिलीज की समय पर सवाल उठाए, यह सुझाव देते हुए कि यह चुनावों के दौरान राजनीतिक रूप से प्रेरित हो सकता है। उन्होंने यह भी दावा किया कि वीडियो उस समय के हैं जब JD(S) कांग्रेस के साथ गठबंधन में था, इस प्रकार जिम्मेदारी कांग्रेस पर डालने की कोशिश की।

सार्वजनिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इस संबंध ने व्यापक राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दिया। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने मोदी और BJP पर प्रज्वल रेवन्ना को समर्थन देने के लिए निशाना साधा, यह कहते हुए कि यह महिलाओं की सुरक्षा और कल्याण के प्रति उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाता है। दूसरी ओर, BJP ने दावा किया कि यह एक राज्य सरकार का मामला है और केंद्र सरकार का इससे कोई सीधा संबंध नहीं है। सोशल मीडिया पर, विशेष रूप से X (पूर्व में ट्विटर) पर, कई उपयोगकर्ताओं और नेताओं ने मोदी की चुप्पी और प्रज्वल के समर्थन पर आलोचना की, यह दावा करते हुए कि वे “मोदी परिवार” का हिस्सा थे।

 

 

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